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डीआरडीओ ने प्रोजेक्ट आकाश का ब्योरा सौंपा

मिसाइल सिस्टम क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी को दिया गया विवरण

रक्षामंत्री ने एएचएसपी हस्तांतरण को ऐतिहासिक अवसर बताया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 5 December 2022 12:23:54 PM

drdo handed over details of project akash

हैदराबाद। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने हैदराबाद में आकाश आयुध प्रणाली (भारतीय सेना संस्करण) के सीलबंद विवरण को मिसाइल सिस्टम क्वालिटी एश्योरेंस एजेंसी से सम्बंधित प्राधिकरण को सौंप दिया है। यह प्रक्रिया डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी में आयोजित की गई थी, जिसने एक नोडल एजेंसी के रूपमें आकाश आयुध प्रणाली को तैयार तथा विकसित किया है। एएचएसपी हस्तांतरण के हिस्से के रूपमें प्रोजेक्ट आकाश के तकनीकी विनिर्देश, गुणवत्ता दस्तावेज और पूर्ण हथियार प्रणाली घटकों के चित्र एमएसक्यूएए को सौंपे गए। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसको एक ऐतिहासिक अवसर करार देते हुए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगजगत को बधाई दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि यह रक्षा सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने प्रोजेक्ट आकाश टीम को मिसाइल क्लस्टर से एमएसक्यूएए में मिसाइल तथा मल्टीपल ग्राउंड सिस्टम वाली ऐसी जटिल प्रणाली केलिए पहले एएचएसपी हस्तांतरण पर बधाई दी है। उन्होंने कहाकि स्थानांतरण प्रक्रिया भविष्य की मिसाइल प्रणालियों केलिए रोडमैप को तैयार करेगी, जो अभी उत्पादन के अधीन हैं। आकाश पहली अत्याधुनिक स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो लगभग एक दशक से सशस्त्र बलों केसाथ भारतीय आकाश की रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान कर रही है। इसे भारतीय सेना और वायुसेना ने 30,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मूल्य केसाथ शामिल किया है, जो स्वदेशी मिसाइल प्रणाली केलिए सबसे बड़े सिंगल सिस्टम ऑर्डर में से एक है।
डीआरडीएल के अलावा कई अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाएं इस रक्षा प्रणाली के विकास में शामिल हैं। इनमें रिसर्च सेंटर इमारत, इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार विकास प्रतिष्ठान, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर), एकीकृत परीक्षण रेंज, आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और वाहन अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान प्रमुख हैं। यह प्रणाली भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड के साथ-साथ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज और अन्य रक्षा उद्योग भागीदारों ने निर्मित की है।

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