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Monday 5 December 2022 06:11:47 PM
काशी। भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष और काशी तमिल संगम के मुख्य संयोजक पद्मश्री चामु कृष्णशास्त्री ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय केंद्रीय पुस्तकालय में दुर्लभ तमिल पुस्तकों और पांडुलिपियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। यह प्रदर्शनी विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे काशी तमिल संगम के हिस्से के रूपमें सयाजी राव गायकवाड़ केंद्रीय पुस्तकालय ने आयोजित की है। केंद्रीय पुस्तकालय ने 1890 के बादसे विभिन्न तमिल ग्रंथों और 17वीं एवं 18वीं शताब्दी में तमिल ग्रंथ लिपि में लिखी गई 12 पांडुलिपियों को प्रदर्शित किया है, इनमें शुरुआती तमिल नाटकों की पहली प्रतियां और एनी बेसेंट को उपहार में दी गईं किताबें, तमिल संगीत तकनीकों की व्याख्या करनेवाली किताब, कुमारगुरुबारा की किताबें, शैव दर्शन से संबंधित किताबें, भारती किताबें, रामायण, महाभारत के अनुवाद आदि शामिल हैं।
तमिल के बहुमूल्य संग्रहों की प्रदर्शनी आज से 16 दिसंबर तक 12 दिन केलिए प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से सायं 7 बजे तक केंद्रीय पुस्तकालय के केंद्रीय कक्ष से सटे पांडुलिपि एवं दुर्लभ दस्तावेज अनुभाग में चलेगी। चामु कृष्णशास्त्री ने इस अवसर पर कहाकि यह अत्यंत प्रसन्नता की बात हैकि इन प्राचीन एवं दुर्लभ दस्तावेजों को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में समुचित तरीके से संरक्षित किया गया है। उन्होंने कहाकि इन दस्तावेजों को जहां उचित रूपसे वर्गीकृत किया जाना चाहिए, वहीं इन्हें शोधकर्ताओं के उपयोग केलिए सुलभ होना चाहिए और यह आज की जरूरत भी है। उप-पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ सुचिता सिंह ने शिक्षकों, छात्रों और काशी तमिल संगम में आनेवाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रदर्शनी देखने केलिए आमंत्रित किया। इस दौरान सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ क्लासिकल तमिल की निदेशक प्रोफेसर इरा चंद्रशेखरन, बीएचयू के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ देवेंद्र कुमार सिंह, असिस्टेंट लाइब्रेरियन डॉ आर परमेश्वरन और तमिल विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ टी जगतीसन, डॉ सु विग्नेश आनंद, तमिल अध्ययन के छात्र एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।