स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 8 December 2022 11:44:02 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों को ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति के हितों को ध्यान में रखने की सलाह देते हुए कहा हैकि चूंकि लोकनीति सामाजिक न्याय का एक उपकरण है, इसे देखते हुए लोकसेवक सामाजिक परिवर्तन के एजेंट हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्होंने सार्वजनिक सेवा को अपने करियर के रूपमें चुना है, इसलिए हमेशा याद रखेंकि वे यहां देशकी सेवा करने केलिए हैं। भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय डाक सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा एवं भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों और भारतीय रेडियो नियामक सेवा के अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि उन्हें सर्वोच्च जिम्मेदारी वाले पदों केलिए चुना गया है और शासन प्रणाली को राष्ट्रीय महत्व की नीतियों को लागू करने और लोगों के भविष्य को आकार देने के संबंध में उनकी क्षमताओं पर काफी विश्वास है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों से अपेक्षा कीकि वे अपनी संबंधित सेवाओं में निर्णय लेते समय नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण का अनुपालन करें। उन्होंने अधिकारियों को अपने लक्ष्यों और कार्यों के बारेमें जागरुक रहने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को राष्ट्र के व्यापक लक्ष्यों केसाथ एकरूप करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि यह तकनीक का युग है, प्रशासन और शासन के क्षेत्र में नवाचार की अपार संभावनाएं हैं, शासन को अधिक से अधिक प्रभावी, त्वरित, पारदर्शी और जनता केलिए बनाने को लेकर तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षुओं से कहाकि उन्हें यह याद रखना चाहिएकि करदाताओं द्वारा कर कानूनों के अनुपालन को सुगम बनाना और कर चोरी के खिलाफ समग्र विश्वसनीय निवारण में योगदान देने को लेकर उनकी दोहरी भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहाकि करदाताओं केसाथ संचार को अधिक सम्मानजनक बनाया जाना चाहिए और इस प्रणाली को स्वैच्छिक अनुपालन की ओर बढ़ना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारत सरकार की फेसलेस मूल्यांकन योजना स्कीम का उद्देश्य शासन में अधिक पारदर्शिता लाना है। राष्ट्रपति ने उन्हें नई फेसलेस प्रणाली के बारेमें जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी। द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय रेडियो नियामक सेवा के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने इसे काफी महत्वपूर्ण सेवा बताया। राष्ट्रपति ने कहाकि हालिया वर्षों में इसे और अधिक महत्व मिला है, इस सेवा की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियां-स्पेक्ट्रम लाइसेंस का आवंटन, स्पेक्ट्रम नीलामी का आयोजन और जरूरी मंजूरी प्रदान करना है। उन्होंने कहाकि इस डिजिटल वातावरण में दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार और डेटा सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने केलिए स्पेक्ट्रम तक पर्याप्त पहुंच जरूरी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भारतीय रेडियो नियामक सेवा के अधिकारी प्रासंगिक नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने केलिए नए विचार एवं तकनीक लाएंगे।