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Monday 12 December 2022 01:45:22 PM
पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में मनोहर पर्रिकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जिसकी आधारशिला नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री ने ही रखी थी। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग 2,870 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की थीम पर बनाया गया है, जिसमें एक सौर ऊर्जा संयंत्र, पर्यावरण के अनुकूल भवन, रनवे पर एलईडी लाइट्स, वर्षा जल संचयन और पुनर्चक्रण सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक सीवेज उपचार संयंत्र जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं। हवाई अड्डे का प्रारंभिक चरण प्रतिवर्ष लगभग 4.4 मिलियन यात्री की जरूरतों को पूरा करेगा, जिसे 33 एमपीपीए की संतृप्ति क्षमता तक बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने इस ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की शुरूआत पर गोवा और देश के नागरिकों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने अपनी पिछले आठ वर्ष में गोवा की यात्राओं को याद करते हुए कहाकि गोवा की जनता के प्रदर्शित प्रेम और आशीर्वाद को विकास के रूपमें चुकाया जाएगा और यह अत्याधुनिक हवाई अड्डा टर्मिनल उसी स्नेह को लौटाने का एक प्रयास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि यह हवाई अड्डा कर्मयोगी और लोकप्रिय लीडर मनोहर पर्रिकर के नाम पर है। प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास केप्रति अतीत की सरकारों के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए कहाकि नागरिकों की जरूरतों की बजाय, वोट बैंक उनकी पहली प्राथमिकता थी, हजारों करोड़ रुपये उन परियोजनाओं पर खर्च कर दिए गए, जिनकी कोई आवश्यकता नहीं थी, जिसके परिणामस्वरूप बुनियादी विकास की सख्त जरूरत वाले स्थान उपेक्षित रह गए, गोवा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इसका एक उदाहरण है, जिसकी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय शुरुआत की गई थी, लेकिन उस सरकार के सत्ता से बाहर होने केबाद इस दिशामें कुछ किया ही नहीं गया और यह परियोजना के कई वर्ष तक लटकती रही। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 में डबल इंजन की सरकार आने केबाद हवाई अड्डे के काम को नई गति मिली, छह साल पहले उन्होंने इसका शिलान्यास किया था और तमाम कानूनी अड़चनों एवं महामारी के बावजूद आज यह हवाई अड्डा काम करने केलिए तैयार हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस हवाई अड्डे में प्रतिवर्ष लगभग 40 लाख यात्रियों को हैंडल करने की क्षमता है, जिसे भविष्य में 3.5 करोड़ तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहाकि गोवा में दो हवाई अड्डों की उपस्थिति ने यहां पर्यटन के अलावा कार्गो हब के नए अवसर भी उत्पन्न किए हैं, यह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बदली हुई सरकारी सोच और दृष्टिकोण का प्रमाण है। उन्होंने कहाकि 2014 से पहले यहां की हवाई यात्रा समृद्धशाली लोगों की विलासिता के तौरपर स्थापित थी, जनसामान्य की हवाई यात्रा की इच्छाओं की उपेक्षा के कारण हवाई अड्डों और हवाई यात्रा से जुड़े बुनियादी ढांचे में कम निवेश हुआ तथा अपार संभावनाओं के बावजूद भारत हवाई यात्रा के क्षेत्रमें पिछड़ गया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के पहले 70 वर्ष में देशमें हवाई अड्डों की संख्या महज 70 थी और हवाई यात्रा बड़े शहरों तक ही सीमित थी, हमारी सरकार ने 2 स्तर पर काम किया, जिनमें पहला-पूरे देशमें हवाई अड्डे के नेटवर्क का विस्तार और दूसरा उड़ान योजना के जरिए आम नागरिकों को हवाई जहाज में उड़ने का अवसर, जिसके परिणामस्वरूप इन 8 वर्ष में 72 और नए हवाई अड्डे हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसका आशय हैकि देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है, यह भीकि वर्ष 2000 में सालभर में देश में 6 करोड़ लोग हवाई यात्रा किया करते थे, मगर 2020 में इनकी संख्या बढ़कर 14 करोड़ से अधिक हो गई है, उड़ान योजना केतहत 1 करोड़ से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी। उन्होंने कहाकि इन उपायों से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन चुका है। उड़ान योजना की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह अकादमिक जगत केलिए अध्ययन का विषय है। प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग के बदलते चलन पर टिप्पणी करते हुए कहाकि अब छोटी दूरी केलिए भी रेलवे के बजाय हवाई टिकट की जांच की जाती है। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे देशमें हवाई कनेक्टिविटी के नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, हवाई यात्रा तेजीसे परिवहन का पसंदीदा साधन बनती जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह सच हैकि पर्यटन किसीभी राष्ट्र की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने में मदद करता है, हालांकि कोई राष्ट्र जैसे-जैसे मजबूत होता है, दुनिया उस राष्ट्र के बारे में उतना ही अधिक जानना चाहती है और उसकी ओर आकर्षित होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यदि भारत के समृद्ध इतिहास पर गौर किया जाए तो यह सदैव ही पूरी दुनिया केलिए आकर्षण का केंद्र हुआ करता था, जहां विद्वान, यात्री, व्यवसायी, उद्योगपति और छात्र इसके बारेमें ज्यादा से ज्यादा जानने केलिए आते थे। प्रधानमंत्री ने भारत की गुलामी के कालखंड का उल्लेख करते हुए कहाकि उस दौर में भारत की संस्कृति और परंपराओं के बने रहने के बावजूद उसकी छवि और उसके प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदल गया। उन्होंने कहकि 21वीं सदी का भारत नया भारत है, जो वैश्विक पटल पर अपनी नई उज्जवल छवि गढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया का भारत के प्रति तेजीसे आकर्षण बढ़ रहा है, आज का विश्व भारत को जानना चाहता है और इसके तौर-तरीकों को समझना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर बहुत से विदेशी भारत की कहानी सुना रहे हैं, सरकार ने भी हवाई यात्रा की सुविधा को बेहतर बनाने और देश के पर्यटन प्रोफाइल का विस्तार करने के कदमों को सूचीबद्ध किया है। उन्होंने वीज़ा प्रक्रिया को आसान बनाने, आगमन पर वीज़ा सुविधाओं में सुधार लाने, आधुनिक बुनियादी ढांचे और लास्टमाइल कनेक्टिविटी और डिजिटल, मोबाइल और रेलवे कनेक्टिविटी की भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश में बुनियादी विकास के उपायों के परिणाम सामने आए हैं, 2015 में भारत में घरेलू पर्यटकों की संख्या 14 करोड़ थी, जबकि पिछले साल यह बढ़कर करीब 70 करोड़ हो गई है। प्रधानमंत्री ने दोहरायाकि पर्यटन में रोज़गार और स्वरोज़गार की सबसे बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने गोवा में पर्यटन के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने कहाकि 2014 से राज्य में राजमार्ग परियोजनाओं में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का निवेश किया गया है। गोवा में यातायात की समस्या का भी समाधान किया जा रहा है, कोंकण रेलवे के विद्युतीकरण से भी राज्य लाभांवित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार कनेक्टिविटी बढ़ाने के अलावा स्मारकों, कनेक्टिविटी और संबंधित सुविधाओं के रखरखाव में सुधार लाकर विरासत पर्यटन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने इस प्रयास के उदाहरण के रूपमें अगोडा जेल परिसर संग्रहालय के विकास का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्मारकों को और अधिक आकर्षक बनाने केलिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है तथा विशेष ट्रेनों के माध्यम से तीर्थ स्थलों और स्मारकों की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने भौतिक बुनियादी ढांचे जितना महत्व ही सामाजिक बुनियादी ढांचे को भी देने केलिए गोवा सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने स्वयंपूर्ण गोवा अभियान की सफलता की प्रशंसा की, जो जीवन को आसान बनाने और यह सुनिश्चित करने की दिशामें महत्वपूर्ण हैकि कोईभी नागरिक सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। प्रधानमंत्री ने कहाकि गोवा 100 प्रतिशत संतृप्ति मॉडल का आदर्श उदाहरण बन चुका है। उन्होंने राज्य में होरहे विकास कार्यों को आगे बढ़ाने केलिए सभी को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्रीपद येसो नाइक भी उपस्थित थे।