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भूतपूर्व सैनिकों को स्थानीय प्रशासन से निराशा!

भूतपूर्व सैनिक संयुक्त संगठन ने उल्लास पूर्वक मनाया विजय दिवस

पाकिस्तान पर विजय समारोह में भूतपूर्व सैनिकों का दर्द भी छलका

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 20 December 2022 11:56:52 PM

ex-servicemen united organization celebrated victory day with enthusiasm

लखनऊ। हिंदुस्तान की 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर ऐतिहासिक सैन्य विजय हासिल करने और उसके दो टुकड़े कर नया देश बांग्लादेश बना देने की स्मृति में भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के भूतपूर्व अधिकारियों तथा भूतपूर्व सैनिकों के संगठन 'पूर्व सैनिक संयुक्त संगठन' के तत्वावधान में रामेश्वरम इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग लखनऊ के सभागार में विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया। विजय दिवस समारोह मनाने के साथ-साथ पूर्व सैन्य अधिकारियों, भूतपूर्व सैनिकों के हथियारों के लाइसेंस नवीनीकरण में समस्याओं, राज्य के सरकारी अस्पतालों में पूर्व सैनिकों को शासकीय कार्मिकों जैसा इलाज नहीं मिलता है, इसलिए मिलेट्री अस्पतालों के काफी दूर होनेके कारण जिलों के भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों को उनके सेना के परिचयपत्र पर नि:शुल्क सरकारी चिकित्सा सहायता दिलाने की मांग और हाउस टैक्स एवं औरभी बुनियादी समस्याओं को उठाया गया। उन्होंने कहाकि भारत सरकार को यह अवश्य देखना चाहिए कि सेना में रहकर अपनी जान जोखिम में डालने वालों केसाथ उनके सिविल जीवन में वापसी पर उनके सामने क्या-क्या समस्याएं पेश आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अनेक मुख्यमंत्रियों के विशेष कार्याधिकारी तथा संयुक्त निदेशक सूचना रह चुके डॉ अशोक कुमार शर्मा ने विजय दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने पूर्व सैनिकों को सलाह दीकि उन्हें अपनी समस्याएं देशके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लिखकर भेजनी चाहिएं, जो देशके रक्षा इतिहास में एक संवेदनशील और सैनिकों के हितों केप्रति अत्यंत व्यवहारिक राजनेता हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और रामेश्वरम एजुकेशनल सोसायटी के चेयरमैन आरपी शुक्ला ने इस अवसर पर कहाकि वे भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों से भूतपूर्व सैनिकों की स्थानीय समस्याओं के समाधान केलिए अपने प्रभाव का प्रयोग करेंगे। उन्होंने अपने शैक्षिक संस्थानों में भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों को आरक्षण, शुल्क माफी, छात्रवृत्तियां तथा और भी सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया। पाकिस्तान पर विजय दिवस समारोह में जहां सैनिकों में पाकिस्तान पर भारत की विजय का जोश और उल्लास दिखा, वहीं उनमें स्थानीय प्रशासन से नाराज़गी और निराशा का दर्द भी छलका। डॉ अशोक कुमार शर्मा तथा आरपी शुक्ला ने भूतपूर्व सैनिकों की पुत्रियों और विवाह योग्य विधवाओं एवं आश्रितों के बिना दहेज़ विवाह केलिए वरिष्ठ सेनाधिकारी रमेश कुमार सिंह द्वारा गठित भारतवीर मैरिज ब्यूरो का लोकार्पण किया।
भूतपूर्व सैनिक संयुक्त संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एके दीक्षित ने ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों की भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों केसाथ अक्सर झड़प अभद्रता, उनकी अवहेलना को प्रमुखता से उठाते हुए कहाकि अनुशासन से बंधे होनेके कारण भूतपूर्व सैनिक आक्रोशपूर्वक कोई प्रतिरोध-विरोध नहीं करते हैं, अन्यथा टकराव की स्थिति गंभीर हो जाए। उन्होंने कहाकि सेना के लोगों की मानसिकता पुलिसकर्मियों को सेना की वर्दी ना पहननेवाले सिविल फ़ौजी मानने की है, मगर वो सैनिकों की अवहेलना से बाज नहीं आते हैं, जोकि एक सैनिक केलिए बेहद असहनीय है, इसलिए स्थानीय प्रशासन को यह विषय गंभीरता से देखना चाहिए। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष (पश्चिमी सैक्टर) सूबेदार मेजर मदनमोहन वर्मा ने इससे पहले राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत एक प्रस्तुति दी। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष एके दीक्षित ने सेना के तीनों अंगों के पूर्व अधिकारियों, सेवाकाल में ऑनरेरी कमीशंड चार फ्लाइट लेफ्टिनेंट तथा तीन कैप्टन केसाथ ही 12 वारंट ऑफिसर्स, 8 सूबेदार मेजर केसाथ 72 पूर्व सैन्य कार्मिकों का कैप, बैज, अंगवस्त्र और तिरंगा पट्टी से सम्मान किया। विजय दिवस समारोह में लखनऊ, बरेली, रायबरेली, शाहजहांपुर, उन्नाव, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद तथा उत्तराखंड से सेवानिवृत्त पूर्व सैनिक अधिकारी एवं कार्मिक सम्मिलित हुए।
विजय दिवस कार्यक्रम में सेना के तीनों अंगों के भूतपूर्व सैन्य अधिकारियों तथा सैन्यकार्मिकों ने स्थानीय प्रशासन से कड़वे अनुभव व्यक्त करते हुए कहाकि अपवाद को छोड़कर पुलिस, कलेक्ट्रेट, तहसील और ब्लाक पर भी उनकी समस्या को सहानुभूति से नहीं सुना जाता है, जिससे उनके स्वाभिमान को बहुत ठेस पहुंचती है। उन्होंने सरकार को सलाह दीकि जिस प्रकार सैन्यसेवा में रहते हुए सरकार उनका ध्यान रखती है, वैसाही हर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया जाना चाहिए, ताकि भूतपूर्व सैनिकों को इधर-उधर भटकना और उपेक्षा का सामना न करना पड़े। उनका तर्क थाकि सेना से रिटायर होनेवाले अधिकांश पूर्व सैनिक या तो अपाहिज हो चुके होते हैं या उनकी स्वास्थ्य की स्थिति दौड़भाग के अनुकूल नहीं होती है। पूर्व सैन्याधिकारी आरके तिवारी ने सरकार से पूर्व सैनिक संयुक्त संगठन केलिए बक्शी का तालाब लखनऊ में एक ऑफिस देने की बात कही। प्रदेश उपाध्यक्ष फ्लाईंग आफिसर अजमेर बहादुर सिंह ने धन्यवाद देते हुए पूर्व सैनिकों, शहीद परिवारों, वीर नारियों को सहयोग करने तथा युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना बढ़ाने के कार्य करने को प्रेरित किया।

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