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Thursday 22 December 2022 01:31:49 PM
नई दिल्ली। रक्षा उत्पादन विभाग की प्रमुख पहल इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस ने पनडुब्बी की ध्वनि और गति का अनुकरण करने में सक्षम एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर ट्रेनिंग टारगेट पर रक्षा नवाचार केलिए 150वें अनुबंध की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर ली है। यह अनुबंध डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज स्प्रिंट संस्करण की भारतीय नौसेना परियोजना से संबंधित है, जिसका नाम 'एक्सपेंडेबल मोबाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर ट्रेनिंग टारगेट जो पनडुब्बी की आवाज़ और गति का अनुकरण करने में सक्षम है' और इसकी विजेता अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड पुणे है। इसमें पी8आई विमान, एमएच60आर हेलीकॉप्टरों, 10 समुद्री मील तककी गति वाले जहाजों और रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट से प्लेटफॉर्म पर कोई संशोधन किए बिना तैनात किएजाने में सक्षम प्रशिक्षण लक्ष्य की परिकल्पना की गई थी, जहां से ईएमएटीटी लॉंच किए जाने की आवश्यकता है।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमने और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में रक्षा उद्योग उत्पादन संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सीईओ डीआईओ अनुराग बाजपेयी ने अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अनिल आनंद केसाथ नई दिल्ली में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। गौरतलब हैकि आईडीईएक्स ने 26 जुलाई 2022 को अपने 100वें अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के पांच महीने के भीतर यह उपलब्धि हासिल की है। रक्षा सचिव ने नरेंद्र मोदी सरकार की पहलों के कारण निर्मित अनुकूल वातावरण के बारेमें बताया, जिसमें नई निजी क्षेत्र की कंपनियों को विकास करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताईकि कंपनियां इस पारितंत्र का लाभ उठाएंगी और आत्मनिर्भर भारत के विजन को हासिल करने में मदद करेंगी। उन्होंने अल्टेयर इंफ्रासेक प्राइवेट लिमिटेड को बधाई दी और परियोजना को पूरा करने केलिए रक्षा मंत्रालय के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
आईडीईएक्स फ्रेमवर्क को प्रधानमंत्री ने 2018 में रक्षा क्षेत्रमें सहनिर्माण और सहविकास का मंच प्रदान करने, स्टार्टअप को शामिल करने और देशमें स्थापित रक्षा और एयरोस्पेस विकसित करने के उद्देश्य से लॉंच किया था। आईडीईएक्स को रक्षा उत्पादन विभाग केतहत स्थापित रक्षा नवाचार संगठन कार्यांवित कर रहा है। आईडीईएक्स को वर्ष 2021 केलिए इनोवेशन श्रेणी में सार्वजनिक नीति केलिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार सेभी सम्मानित किया गया है, डीआईएससी, प्राइम और ओपन चैलेंजेज़ जैसे अपने प्रमुख कार्यक्रमों से रक्षा इकोसिस्टम में एक गेम चेंजर के रूपमें उभरा है। आईडीईएक्स आवश्यक गति बनाने और रक्षाक्षेत्र में स्टार्टअप का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने में सक्षम है। अबतक आईडीईएक्स को डीआईएससी, प्राइम और ओसी केतहत व्यक्तिगत इनोवेटर्स, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स से 6,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह हजारों नौकरियां पैदा करने और भारत की प्रतिभा को वापस देशमें आकर्षित करने में भी सक्षम रहा है।
डेफएक्सपो के दौरान प्रधानमंत्री ने उद्योग और स्टार्टअप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में सशस्त्र बलों केलिए अभिनव समाधान विकसित करने केलिए डीआईएससी 8 सहित मिशन डेफस्पेस लॉंच किया था। आवेदन करने की अंतिम तिथि 2 जनवरी 2023 है। आईडीईएक्स सेना के तीनों अंगों, डीपीएसयू, एमएसएमई और स्टार्ट-अप के सहयोग से भारत को आत्मनिर्भर बनाने और अगले 25 वर्ष में वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र में बदलने के उद्देश्य से 5 बिलियन अमरीकी डालर यानी 40,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उत्पादों को विकसित करने का प्रयास कर रहा है। आईडीईएक्स यह सुनिश्चित करने केलिए पथप्रदर्शक गति से काम कररहा हैकि स्टार्टअप और इनोवेटर्स केसाथ इसके समझौते समय पर तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचें, अंततः उभरते हुए यूनिकॉर्न केलिए असंख्य विकल्प खोले और साथही सेवाओं की आवश्यकता को पूरा करें।