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Tuesday 27 December 2022 01:44:18 PM
नई दिल्ली। सेना की ओर से सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज में केंद्र दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में 'सिविल मिलिट्री इंटीग्रेशन: द वे फॉरवर्ड' विषयवस्तु पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की शुरुआत सुरक्षा चुनौतियों से निपटने केलिए संपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण को अपनाने में सेना और नौकरशाही की भूमिका पर विचार-विमर्श केसाथ हुई। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा केप्रति 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण के हिस्से के रूपमें सशस्त्र बलों की निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि उच्च रक्षा तैयारियों को पूरा करने केलिए सभी सरकारी योजनाओं जैसे-आत्मनिर्भरता, वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज, गति शक्ति और राष्ट्रीय रसद नीति से पारस्परिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से सभी सुरक्षा कार्यक्रमों को संरेखित किया जाना चाहिए। गौरतलब हैकि सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज एक स्वतंत्र विचार मंच के रूपमें कार्य करता है।
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने अपना मुख्य भाषण देते हुए कई बिंदुओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने खतरों का सही से आकलन करने, महत्वपूर्ण रणनीतिक दिशा-निर्देशों एवं दस्तावेजों को स्पष्ट करने, वांछित सैन्य क्षमताओं की पहचान करने, सक्षम नीतियों को तैयार करने, आवश्यक तैयारी हेतु आधारभूत घटक प्राप्त करने और समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप उपयुक्त प्रतिक्रियाओं को प्रभावी बनाने केलिए तालमेल के महत्व पर चर्चा की। सेमिनार में सशस्त्र बलों, सिविल सेवाओं के विशिष्ट प्रतिभागियों केसाथ रक्षा उद्योग और शैक्षणिक समुदाय के प्रतिनिधि, वैचारिक मंच तथा शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया। विचार-विमर्श के दौरान कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने नौकरशाही-सैन्य एकीकरण की बारीकियों पर बातचीत की, जो एक राष्ट्र के रूपमें भारत के व्यापक विकास केलिए अत्यधिक प्रासंगिक विषय है। सेमिनार का दूसरा दिन रक्षा उद्योग एकीकरण से संबंधित चर्चाओं पर समर्पित किया गया है, जिसके लिए आपसी तालमेल के माध्यम से सशस्त्र बलों की परिचालन आवश्यकताओं केसाथ स्वदेशी रक्षा उद्योग के हितों के तालमेल कीभी जरूरत है।
सेमिनार में चर्चा के प्रमुख वक्ताओं में तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया, इनमें सेंटर फॉर एयरपावर स्टडीज के महानिदेशक एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त), पूर्व महानिदेशक आर्टिलरी लेफ्टिनेंट जनरल पीआर शंकर, भारत फोर्ज डिफेंस एंड एयरोस्पेस में अध्यक्ष राजिंदर सिंह भाटिया, भारतीय रक्षा लेखा सेवा से डॉ भारतेंदु कुमार सिंह और प्रधान सलाहकार भारतीय उद्योग परिसंघ एवं सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स रियर एडमिरल प्रीतम लाल (सेवानिवृत्त) शामिल हैं। इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्तियों ने विविध एवं उपयोगी विचार साझा किए, इनमें पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार, अपर सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, ओआरएफ डॉ मनोज जोशी, सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से डॉ अनीत मुखर्जी, वीआईएफ के निदेशक डॉ अरविंद गुप्ता, यूपीएससी सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) और रक्षा मंत्रालय में प्रधान सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे शामिल थे।