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Thursday 5 January 2023 01:02:44 PM
नई दिल्ली। तंजानिया के लोक सेवा प्रबंधन और सुशासन केलिए राष्ट्रपति कार्यालय में राज्यमंत्री जेनिस्टा जोकिम म्हागामा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। भारत के शासन प्रथाओं की सराहना करते हुए जेनिस्टा जोकिम म्हागामा ने कहा हैकि तंजानिया, भारत में नौकरशाही में किए जारहे सुधारों और सुशासन एवं नौकरशाही में जवाबदेही कायम करने के उद्देश्य से नौकरशाही प्रशिक्षण के बारेमें जानकारी प्राप्त करने केलिए उत्सुक है। जेनिस्टा जोकिम म्हागामा ने कहाकि उनकी यात्रा का उद्देश्य तंजानिया, भारत में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली का प्रबंधन, केंद्र सरकार के कार्यालयों में उपस्थिति की बायोमेट्रिक प्रणाली का कार्यांवयन, आधार के कार्यांवयन की व्यवस्था, सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को समझना चाहता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहाकि दुनिया के देशों में भारत के शासन की सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 7-8 वर्ष में मिशन कर्मयोगी और सीपी-ग्राम्स जैसी कई सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को विकसित किया गया है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत और तंजानिया केबीच बहुआयामी संबंध हैं, जो हालके वर्षों में मजबूत राजनीतिक समझ, विविध आर्थिक संबंधों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रमें लोगों केबीच संपर्क तथा क्षमता निर्माण प्रशिक्षण, रियायती ऋण और अनुदान परियोजनाओं में विकास साझेदारी केसाथ एक आधुनिक और व्यावहारिक संबंध के रूपमें विकसित हुए हैं। राज्यमंत्री ने तंजानिया की राज्यमंत्री को आश्वासन देते हुए कहाकि भारत को पूर्वी अफ्रीकी देशमें सार्वजनिक सेवाओं की दक्षता में सुधार केलिए नई प्रदर्शन प्रबंधन सूचना प्रणाली और सार्वजनिक कर्मचारी प्रदर्शन प्रबंधन सूचना प्रणाली के निर्माण और डिजाइन में अपने अनुभवों और अभ्यास से तंजानिया का समर्थन करने में प्रसन्नता महसूस होगी। राज्यमंत्री ने कहाकि भारत और तंजानिया केबीच सभी क्षेत्रों में पारंपरिक रूपसे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। उन्होंने कहाकि जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तंजानिया यात्रा एक बहुत महत्वपूर्ण सफलता थी। डॉ जितेंद्र सिंह ने दोनों देशों केबीच मजबूत आर्थिक संबंधों पर भी प्रकाश डाला और कहाकि द्विपक्षीय व्यापार में प्रभावशाली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह 2021-22 में 4.5 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच चुका है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि दोनों देशों केबीच संतुलित व्यापार कायम है और भारत का निर्यात 2.3 अरब डॉलर और तंजानिया का निर्यात 2.2 अरब डॉलर है। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस तथ्य परभी प्रकाश डालाकि भारत तंजानिया में 3.68 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश केसाथ शीर्ष 5 निवेशकर्ता देशों मेसे एक है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि विकास के दृष्टिकोण से तंजानिया अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा साझेदार है, जिनमें 1.1 बिलियन अमरीकी डालर की ऋण सुविधाएं, 450 भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग वार्षिक छात्रवृत्तियां और 70 वार्षिक दीर्घकालिक भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद छात्रवृत्तियां शामिल हैं। उन्होंने बतायाकि तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन की उपस्थिति में 6 जून 2022 को एलओसी के अंतर्गत जल परियोजनाओं केलिए 500 मिलियन अमरीकी डालर के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किएगए थे। उन्होंने कहाकि तंजानिया में एक आईआईटी परिसर स्थापित करने का काम आईआईटी मद्रास को सौंपा गया है, जो एक ऐतिहासिक विकास है और आईआईटी तंजानिया पूरे महाद्वीप में सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज बनेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि दोनों देशों केबीच रक्षा संबंध बहुत मजबूत हैं और भारत तंजानिया को अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का निर्यात करने केसाथ टीपीडीएफ केलिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने में मदद करने केलिए तैयार है। राज्यमंत्री ने याद कियाकि 2016 में भारत ने बुगांडो मेडिकल सेंटर को विकिरण चिकित्सा मशीन 'भाभाट्रॉन II' उपहारस्वरूप दिया था और 2018-2020 में तंजानिया सरकार को 2 मिलियन अमरीकी डालर की आवश्यक दवाओं का अनुदान दिया था। इंडिया फॉर ह्यूमैनिटी कार्यक्रम के अंतर्गत 2019 में एक कृत्रिम अंग फिटमेंट शिविर का आयोजन किया गया था, जिसके माध्यम से तंजानिया के 520 लोग लाभांवित हुए थे। गौरतलब हैकि तंजानिया में भारतीय मूल के लगभग 50,000 लोग और लगभग 10,000 एनआरआई काम करते हैं।