स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 13 January 2023 04:20:30 PM
नई दिल्ली/ काशी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान महादेव की जय-जयकार और लोहड़ी पर सभी को बधाई देते हुए कहा हैकि भारत में पर्यटन का एक बुलंद दौर शुरु हो चुका है, इसमें हमारी नदियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है और ऐसे समय में हमसभी नदी जलमार्गों के विकास से जुड़े उत्सव के साक्षी बने हैं। उन्होंने आज ऑनलाइन काशी से डिब्रूगढ़ केबीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जलयात्रा गंगा विलास क्रूज़ का शुभारंभ किया और कहाकि इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल वर्ल्ड टूरिज्म मैप में प्रमुखता से आनेवाले हैं। उन्होंने काशी में नई निर्मित टेंट सिटी का भी उद्घाटन किया और कहाकि इससे देश-दुनिया के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को यहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण मिल गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज पश्चिम बंगाल में मल्टीमॉडल टर्मिनल, यूपी और बिहार में फ्लोटिंग जेटी, असम में मैरीटाइम स्किल सेंटर, शिप रिपेयर सेंटर, टर्मिनल कनेक्टिविटी जैसे 1 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है, जो पूर्वी भारत में ट्रेड और टूरिज्म का विस्तार करने वाले हैं, रोज़गार के नए अवसर बनाने वाले हैं। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की यात्रा के दौरान यह क्रूज हर तरह की सुविधा मुहैया कराएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि रिवर क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के उनके प्रयास के अनुरूप रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता भारत केलिए रिवर क्रूज टूरिज्म के एक नए युग का सूत्रपात करेगी। उन्होंने कहाकि ये क्रूज यात्रा एकसाथ अनेक नए अनुभव लेकर आनेवाली है, जो लोग इसमें से आध्यात्म की खोज में हैं, उन्हें काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली की यात्रा करने का सौभाग्य मिलेगा। उन्होंने कहाकि जो बहुराष्ट्रीय क्रूज का अनुभव लेना चाहते हैं, उन्हें ढाका से होकर गुजरने का अवसर मिलेगा, जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं, उन्हें ये क्रूज सुंदरबन और असम के जंगलों की सैर कराएगा, जिन लोगों की रुचि भारत में नदियों से जुड़े सिस्टम को समझने में है, उनके लिए ये यात्रा बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों या नदी धाराओं से होकर गुजरेगा और जो लोग भारत के समृद्ध खान-पान का अनुभव लेना चाहते हैं, उनके लिएभी ये बेहतरीन अवसर है यानि भारत की विरासत और आधुनिकता का अद्भुत संगम हमें इस यात्रा में देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि क्रूज़ टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्रमें हमारे युवा साथियों को रोज़गार-स्वरोज़गार के अवसर भी देगा, विदेशी पर्यटकों केलिए तो ये आकर्षण होगाही, देश केभी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों केलिए विदेश जाते थे, वे अब पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये क्रूज जहां से भी गुजरेगा, वहां विकास की एक नई लाइन तैयार करेगा, क्रूज टूरिज्म केलिए ऐसी ही व्यवस्थाएं हम देशभर के नदी जलमार्गों में तैयार कर रहे हैं, शहरों केबीच लंबे रिवर क्रूज के अलावा हम अलग-अलग शहरों में छोटे क्रूज कोभी बढ़ावा दे रहे हैं, काशी में भी इस प्रकार की व्यवस्था अभी चल रही है, ये हर पर्यटक वर्ग की पहुंच में हो इसके लिए बजट से लेकर लक्ज़री क्रूज़ तक, हर प्रकार की सुविधाएं देश में विकसित की जा रही हैं। उन्होंने कहाकि आज का ये आयोजन 2014 केबाद से देशमें जो नीतियां बनीं, जो निर्णय हुए, जो दिशा तय हुई, उसका प्रतिबिंब है। इस दशक में भारत के लोग आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वो तस्वीर देख रहे हैं, जिसकी कल्पना तक किसी जमाने में मुश्किल थी, चाहे घर, टॉयलेट, बिजली, पानी, कुकिंग गैस, शिक्षण संस्थान, अस्पताल, सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर या फिर रेलवे, हाईवे, एयरवे और वॉटरवे कनेक्टिविटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, ये आज भारत के तेज़ विकास, विकसित भारत के निर्माण का सबसे मजबूत स्तंभ हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि गंगा विलास क्रूज की शुरुआत होना भी एक साधारण घटना नहीं है, 3200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा ये सफर भारत में इनलैंड वॉटर-वे के विकास, नदी जलमार्गों केलिए बन रहे आधुनिक संसाधनों का एक जीता-जागता उदाहरण है। उन्होंने कहाकि भारत में वॉटर-वे से व्यापार का हजारों साल पुराना इतिहास है, इसको आधुनिक भारत के ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बड़ी शक्ति बनाकर हमने देश की बड़ी नदियों में नदी जलमार्गों के विकास केलिए कानून बनाया है, विस्तृत एक्शन प्लान बनाया है। प्रत्येक भारतीय के जीवन में गंगा नदी की भूमिका केबारे में प्रधानमंत्री ने कहाकि गंगा नदी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है, बल्कि यह प्राचीनकाल से हमारे महान भारत की तप-तपस्या की साक्षी है। उन्होंने कहाकि भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित और प्रेरित किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्वतंत्रता केबाद की अवधि में गंगा किनारे के आस-पास का क्षेत्र विकास में पिछड़ गया, जिससे इस क्षेत्र से आबादी का भारी पलायन हुआ। उन्होंने इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से निपटने केलिए दोहरे दृष्टिकोण की व्याख्या की, जिसमें एक ओर नमामि गंगे के माध्यम से गंगा की सफाई का अभियान चलाया गया तो दूसरी ओर अर्थ गंगा का सहारा लिया गया, 'अर्थ गंगा' में जिन राज्यों से गंगा गुजरती है, वहां आर्थिक गतिशीलता का वातावरण बनाने केलिए कदम उठाए गए हैं।
क्रूज की पहली यात्रा पर आए विदेशी पर्यटकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत केपास सबकुछ है और आपकी कल्पना से परेभी बहुत कुछ है। उन्होंने कहाकि भारत को केवल दिल से अनुभव किया जा सकता है, क्योंकि देश ने क्षेत्र या धर्म, पंथ या देश के बावजूद सभी का खुले दिल से स्वागत किया है और दुनिया के सभी हिस्सों से पर्यटकों का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत पर्यटन के एक मजबूत चरण में प्रवेश कर रहा है, क्योंकि बढ़ते वैश्विक प्रोफाइल केसाथ भारत के बारेमें उत्सुकता भी बढ़ रही है, इसीलिए इन 8 वर्ष में देश में पर्यटन क्षेत्र के विस्तार केलिए कई कदम उठाए गए हैं, आस्था के स्थलों को विकसित किया गया है और काशी ऐसे प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पश्चिम बंगाल में हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया जिले के कंसपुर में चार फ्लोटिंग कम्युनिटी जेटी का उद्घाटन किया। इसके अलावा बिहार में पटना जिले के दीघा, नकटा दियारा, बाढ़, पानापुर और बिहार के समस्तीपुर जिले के हसनपुर में पांच सामुदायिक घाटों की आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में पूर्वोत्तर केलिए समुद्री कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया और पांडु टर्मिनल में जहाज मरम्मत सुविधा और एलिवेटेड रोड की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहाकि विकसित भारत के निर्माण केलिए सशक्त कनेक्टिविटी आवश्यक है, इसलिए हमारा ये अभियान निरंतर चलता रहेगा, नदी जलशक्ति देश के ट्रेड और टूरिज्म को नई बुलंदी देगी।