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Wednesday 18 January 2023 01:04:59 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने सेना प्रशिक्षण कमान यानी आरट्रैक मुख्यालय के अधीन अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक हैकथॉन के दूसरे संस्करण-सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0 का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य परिचालन संबंधित साइबर चुनौतियों का समाधान तलाशना, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव समाधानों को तत्काल शुरू करना और इसके विकास में लगने वाले समय को कम करना है। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने एक वर्चुअल समारोह में सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0 के प्रतिभागियों को सम्मानित किया, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्रमें स्वदेशी प्रतिभा की पहचान करने केलिए एक मंच प्रदान करना और साइबर प्रतिरोध, सुरक्षा सॉफ्टवेयर कोडिंग, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम परिचालन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग के क्षेत्रमें प्रशिक्षण मानक को बढ़ावा देना है।
सैन्य रणक्षेत्रम् 2.0 में भारतीय नागरिकों को व्यक्तिगत या टीम के माध्यम से हिस्सा लेने की अनुमति थी। साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला को चार उपकार्यक्रमों केतहत आयोजित किया गया, इनमें सुरक्षित सॉफ्टवेयर कोडिंग का उद्देश्य सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को सुरक्षित करने केलिए शिक्षाविदों केसाथ जुड़ना और सॉफ्टवेयर कोड में साइबर सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम प्रतिभा की पहचान करना था। कोयम्बटूर के साइबर सुरक्षा जानकार अरविंद हरिहरन एम, जिनके पास कई प्रमाणपत्र हैं ने इस श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया है। ईएसएमओ: वाई-फाई 6 केलिए अनुकूलित भारतीय सेना विशिष्ट स्टैक उपकार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने केलिए सुरक्षित वाई-फाई स्टैक के सेना के विशिष्ट संस्करण को लागू करने के संबंध में एक समाधान की तलाश करना था। इस श्रेणी में सेना मुख्यालय कंप्यूटर केंद्र के कमांडेंट कर्नल निशांत राठी प्रथम, वहीं वर्तमान में एलएंडटी कंपनी केसाथ काम कररहे सूर्यसारधि बालार्कन ने दूसरा और डार्क एनर्जी में पीएचडी कर रहीं तनीषा जोशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग: एनएलपी प्रोसेसिंग और रेडियो इंटरसेप्ट्स की डिकोडिंग उपकार्यक्रम ने बहुभाषी रेडियो ट्रांसमिशनों के रूपांतरण और डिक्रिप्शन को संबोधित करने केलिए एक एआई स्टैक बनाने में सहायता की है। इस श्रेणी में महाराष्ट्र के नांदेड़ में ज्ञानमाता विद्या विहार के 10वीं कक्षा के 15 वर्षीय छात्र मिथिल सालुंखे ने पहला स्थान प्राप्त किया हैं, वहीं पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से बीटेक एवं आईआईटी मद्रास से बीएससी (डेटा साइंस) के छात्र प्रशांतकुमार सिंह दूसरा स्थान और पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय में तैनात नौसेना अधिकारी कमांडर सुशांत सारस्वत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। साइबर निवारण: कैप्चर द फ्लैग मौजूदा साइबर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर प्रतिभा की पहचान करने केलिए एक सात चरणों वाली साइबर सुरक्षा दोहन चैलेंज प्रतियोगिता थी, जिसके विजेता हैदराबाद में एमवीएसआर इंजीनियरिंग कॉलेज के बीई (सीएस) सक्षम जायसवाल थे।
सक्षम जायसवाल अभी एक फ्रीलांसर के रूपमें काम कररहे हैं और उनके पास इस क्षेत्र में 15 से अधिक मूल योग्यताएं हैं, वहीं पुणे आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बीई (आईटी) के छात्र प्रिंस कुमार पटेल ने दूसरा और बीकानेर में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के बीसीए की पढ़ाई करनेवाले हरदीप सिंह ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया है। साइबर खतरा संगोष्ठी सह कार्यशाला ने व्यक्तियों, शिक्षाविदों और संगठनों के स्तरों पर घरेलू प्रतिभा केसाथ जुड़ने की सुविधा प्रदान की है, जिससे रक्षाबलों और नागरिक अकादमिक दोनों से साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उपयुक्त प्रतिभा की पहचान हो सके। पहचान की गई इन प्रतिभाओं का आगे केंद्रित जुड़ाव केलिए उपयोग किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप साइबर सुरक्षा उपकरणों और तकनीकों का तेजीसे विकास हो सकता है।