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Wednesday 18 January 2023 04:05:19 PM
बैंगलुरु। भारत-फ्रांस खगोल विज्ञान केंद्रित बैठक में खगोल विज्ञान के क्षेत्रमें दीर्घकालिक साझेदारी के लक्ष्य केसाथ हालही में 'स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्जर्वेटरी/ मोनाकिया स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर और मल्टी वेवलेंथ सिनर्जी' और भारत-फ्रांस खगोल विज्ञान विजन और मेगा परियोजनाओं में मल्टीवेवलेंथ सिनर्जी विज्ञान पर चर्चा हुई। भारत और फ्रांस अंतर्राष्ट्रीय टेलीस्कोप मेगा परियोजनाओं में भागीदार हैं। इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर द प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड रिसर्च के माध्यम से यह बैठक 9 से 13 जनवरी तक बैंगलुरु में आईआईए परिसर में हुई। बैठक के मुख्य अतिथि डीएसटी सचिव डॉ एस चंद्रशेखर ने दोनों देशों की प्रगति केलिए खगोल विज्ञान विजन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसका आयोजन भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान सीईएफआईपीआरए ने किया था। डॉ एस चंद्रशेखर ने कहाकि सीईएफआईपीआरए, फ्रांस-भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उन्नत क्षेत्रों में द्विपक्षीय कार्यक्रमों का समर्थन करने वाला संगठन है।
दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में आगामी अंतर्राष्ट्रीय रेडियो वेधशाला, स्क्वायर किलोमीटर एरे वेधशाला जैसी खगोल विज्ञान में सहयोगी परियोजनाओं पर बैठक में चर्चा हुई, जिसमें भारत और फ्रांस प्रमुख भागीदार हैं। इसमें सहयोगी मोनाकिया स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर पर भी चर्चा की गई, जिसका संचालन संयुक्तराज्य अमेरिका में होगा। बैंगलोर में फ्रांसीसी दूतावास के विज्ञान और उच्च शिक्षा के सहचारी डॉ फ्रैंकोइस जेवियर मोर्ट्रेइल ने इस अवसर पर कहाकि उच्च शिक्षा और अनुसंधान आंतरिक रूपसे आपस में जुड़े हुए हैं और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल की दिल्ली यात्रा के दौरान इस बातपर बल दिया थाकि भारत में अनुसंधान एवं विकास और विश्वविद्यालय स्तरपर आदान-प्रदान के द्विपक्षीय कार्यक्रम को आगे बढ़ाना और विकसित करना फ्रांसीसी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं मेसे एक है एवं फ्रांसीसी दूतावास आनेवाले वर्ष में कई और द्विपक्षीय परियोजनाओं का समर्थन करने केलिए तत्पर है।
आईआईए की निदेशक डॉ अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम और डीएसटी में सलाहकार संजीव के वार्ष्णेय ने इस बातपर सहमति व्यक्त कीकि अगले दशक केलिए अग्रणी विज्ञान लक्ष्यों को पूरा करने, मल्टीवेवलेंथ सिनर्जी परियोजनाओं को डिजाइन करने और सहयोग को मजबूत करने केलिए पर्यवेक्षकों, सिद्धांतकारों एवं यंत्रीकरण वैज्ञानिकों के नेटवर्क को एकसाथ लाने केलिए यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण समय पर हुई है और इसमें दोनों देश एवं उनके यूरोपीय साझेदार बुनियादी तकनीकी और वैज्ञानिक स्तरों पर गहन रूपसे शामिल हुए हैं। सीईएफआईपीआरए के निदेशक डॉ नितिन सेठ ने 2023 में सीईएफआईपीआरए की नई प्रगतिशील पहलों के बारेमें बताया जैसे-विज्ञान में महिलाओं केलिए इंडो-फ्रेंच पोस्टडॉक्टोरल फैलोशिप कार्यक्रम। फ्रांसीसी पीआई और मोंटपेलियर विश्वविद्यालय फ्रांस की डॉ ममता पोमियर ने कहाकि हम सभी खगोल विज्ञान परियोजनाओं में दीर्घकालिक रूपसे विश्वसनीय भागीदार बनना चाहते हैं, जिसमें उच्च शिक्षाविदों में लैंगिक संतुलन बनाए रखते हुए हमारी वैज्ञानिक, तकनीकी और बुनियादी संरचना की विशेषज्ञता शामिल है।
आईआईए के प्रोफेसर सी मुथुमरियप्पन ने कहाकि भारत-फ्रांस केबीच छात्रों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान उद्यम, प्रशिक्षण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में स्थायी और अंतःक्रियात्मक लाभ की प्राप्ति केलिए वैज्ञानिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। बैठक में सहयोग के क्षेत्रों और अगले दशक केलिए भारत-फ्रांस खगोल विज्ञान केंद्रित योजना के लेआउट का ख़ाका तैयार करने पर विमर्श हुआ, साथही प्रमुख वैज्ञानिक प्रश्नों पर चर्चा हुई, जिनपर भारत-फ्रांस के खगोलविद आपस में सहयोग कर सकते हैं। छात्रों केलिए डेटा विश्लेषण पर व्यक्तिगत प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। खगोल विज्ञान में लैंगिक संतुलन, विविधता और समावेश को बढ़ावा देने केसाथ सार्वजनिक आउटरीच और छात्रों की भागीदारी केलिए परियोजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। आदित्य-एल 1 सौर अंतरिक्ष अभियान, भारतीय स्पेक्ट्रोस्कोपिक स्पेस टेलीस्कोप, नेशनल लार्ज सोलर टेलीस्कोप, नेशनल लार्ज ऑप्टिकल टेलीस्कोप आदि भारतीय परियोजनाओं परभी चर्चा की गई। बैठक में दोनों देशों के लगभग 100 वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और छात्रों ने हिस्सा लिया।