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Saturday 21 January 2023 04:00:16 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली कैंट में राष्ट्रीय कैडेट कोर गणतंत्र दिवस शिविर का दौरा किया और कैडेटों को उनके अनुकरणीय प्रदर्शन और कर्तव्य केप्रति समर्पण केलिए रक्षामंत्री पदक और प्रशस्तिपत्र प्रदान किए। शिविर में भाग लेरहे लगभग 2000 कैडेटों को एक प्रेरणादायक संबोधन में रक्षामंत्री ने उनका नए तरीकों की पहचान करने और राष्ट्र को तेज़गति से विकास केपथ पर आगे बढ़ने में मदद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि भारत की प्रगति का मार्ग युवाओं से होकर जाता है और हमारे युवा जितने मजबूत होंगे, हमारा देश उतनाही ज्यादा मजबूत होगा। रक्षामंत्री ने एक नेता, सैनिक, कलाकार और सबसे बढ़कर एक अच्छे इंसान के गुणों को विकसित करके अपने कैडेटों के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास केलिए एनसीसी की सराहना की। उन्होंने कहाकि एनसीसी में सिखाईगई एकता, अनुशासन, सच्चाई, साहस, सद्भाव, नेतृत्व और टीमवर्क हमेशा हमारे देश का मार्गदर्शक रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कैडेटों से देशके सदियों पुराने मूल्यों और परंपराओं से जुड़े रहने और अपनी पसंद के क्षेत्रमें विनम्रता केसाथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि कुछ सबसे महत्वपूर्ण गुण जो एनसीसी अपने कैडेटों में आत्मसात करता है, एक वांछित लक्ष्य, टीम भावना और विफलता के डरसे छुटकारा पाने केलिए दृढ़ संकल्प है, इससे न केवल युवा मन को अपना रास्ता बनाने में मदद मिलती है, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी मिलती है, इन गुणों पर काम करते रहने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक व्यक्ति को लंबे समय तक परिपूर्ण और पूर्ण बनाता है। रक्षामंत्री ने बदलते समय के अनुसार खुदको ढालने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहाकि तेजीसे विकसित होरहे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के कारण उत्पन्न होनेवाली चुनौतियों से निपटने केलिए सरकार राष्ट्र को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहाकि जहां समय केसाथ बदलाव जरूरी है, वहीं देश के गौरवशाली अतीत से जुड़े रहना भी उतना ही जरूरी है, इसका उद्देश्य अपनी संस्कृति एवं परंपराओं में निहित एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण करना है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं का 'यूज एंड थ्रो' की अवधारणा को खत्म करने का आह्वान किया और कहाकि इसके कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे समाज और पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने यह कहते हुएकि पर्यावरण का विनाश जीवन का विनाश है, युवाओं और राष्ट्र से बड़े पैमाने पर वस्तुओं का यथासंभव पुन: उपयोग करने और प्रकृति के संरक्षण केलिए काम करने की अपील की। उन्होंने कहाकि जहां ज्ञान और शिक्षा महत्वपूर्ण हैं, वहीं जीवन मूल्य समान प्रासंगिकता रखते हैं। राजनाथ सिंह ने कैडेटों से आग्रह कियाकि वे जितना ज्ञान प्राप्त करने और धन कमाने पर ध्यान देते हैं, उतनाही चरित्र निर्माण परभी ध्यान दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि कैडेट अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और मूल्यों केसाथ सफलता की नई ऊंचाइयों को छूएंगे और देश का नाम रोशन करेंगे। देश के पुख्ता सुरक्षा ढांचे को टीमवर्क का सबसे अच्छा उदाहरण बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि जहां सशस्त्र बल देश को सभी प्रकार के खतरों से बचा रहे हैं, वैज्ञानिक, इंजीनियर, सिविल अधिकारी और अन्य उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर संभव सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
रक्षामंत्री ने कहाकि अगर कभी युद्ध लड़ने की ज़रूरत पड़ी तो पूरा देश हमारे सशस्त्र बलों के पीछे होगा और यह टीमवर्क का नतीजा हैकि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को हराया है और कई युद्ध जीते हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत स्वयं एक चमकदार उदाहरण है, क्योंकि यह कई भाषाओं, बोलियों, धर्मों और विचारों का घर है। उन्होंने कहाकि इस विविधता के बावजूद भारत एकजुट रहता है और अपने लोगों के हितों को सुरक्षित करने केलिए आगे बढ़ता है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत के लगातार विश्व के अग्रणी देशों मेसे एक बनने की ओर बढ़ने केपीछे यह एक प्रमुख कारण है, इस पहलू को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है, एकसाथ काम करने से ताकत दोगुनी हो जाती है, सफलता की संभावना बढ़ती है और अहंकार की भावना को नकारा जाता है। उन्होंने कहाकि एनसीसी कैडेटों को अहंकार को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए और उन्हें हमेशा देश और समाज केप्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। एनसीसी कैडेटों ने आयोजन के एक भाग के रूपमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। रक्षामंत्री ने भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के विंग से लिएगए एनसीसी कैडेटों के एक दल के प्रस्तुत गार्ड ऑफ ऑनर का भी निरीक्षण किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशभर में सभी 17 निदेशालयों से लिएगए कैडेटों की उनके प्रदर्शन केलिए सराहना करते हुए इसे विविधता में भारत की एकता का प्रतीक बताया। रक्षामंत्री ने विभिन्न सामाजिक जागरुकता विषयों को दर्शाते हुए कैडेटों के तैयार फ्लैग एरिया का भी दौरा किया। कैडेटों ने उन्हें उनके मॉडल के बारेमें जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने 'हॉल ऑफ फेम' का दौरा किया, जिसमें पिछले 75 वर्ष में एनसीसी के पूर्व छात्रों की तस्वीरों, मॉडलों और अन्य उपलब्धियों का प्रभावशाली संग्रह है। इस वर्ष रक्षामंत्री पदक को उत्तर पूर्वी क्षेत्र निदेशालय के अवर अधिकारी तिंगगेचिले नरीमे और राजस्थान निदेशालय के कैडेट अविनाश जांगिड़ को प्रदान किया गया है। रक्षामंत्री प्रशस्तिपत्र ओडिशा निदेशालय के कैप्टन प्रताप केशरी हरिचंदन, तमिलनाडु के कैडेट अवर ऑफिसर जेनी फ्रांसिना विक्टर आनंद, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार निदेशालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख निदेशालय के कैडेट फिजा शफी और उत्तराखंड निदेशालय के कैडेट सहवाग राणा को प्रदान किएगए हैं। इस अवसर पर रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, डीजी एनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।