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Sunday 22 January 2023 05:29:04 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की हैकि राज्य के विश्वविद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होनेसे नैक रैंकिंग की उच्च श्रेणियां प्राप्त होने लगी हैं। उन्होंने कहाकि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय कोभी नैक की सर्वोच्च 'ए' रैंक प्राप्त हुई है और विश्वास व्यक्त कियाकि प्रदेश के विश्वविद्यालय इसी प्रकार उत्कृष्टता श्रृंखला में निरंतर बढ़ते रहेंगे। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग देश, समाज और परिवारहित में करें, साथही उन्होंने वृद्धाश्रमों के बढ़ते प्रचलन पर भी चिंता जताते हुए इसे भारतीय संस्कृति के विपरीत बताया और कहाकि विद्यार्थी अपने परिवार के प्रति आदर और समर्पण भाव रखें। राज्यपाल लखनऊ विश्वविद्यालय के पैंसठवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। राज्यपाल ने इस अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों को पदक और उपाधियां प्रदान कीं।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों और पदक से नवाजे गए छात्र-छात्राओं केसाथ उनके माता-पिता और गुरूजनों को भी बधाई दी। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूपमें मौजूद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन और दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि से सम्मानित जेनेवा फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड पुणे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ संजय सिंह भी मौजूद थे। गौरतलब हैकि डॉ संजय सिंह ने भारत की पहली एमआरएसए आधारित वैक्सीन विकसित करने में भारत का नेतृत्व किया है। राज्यपाल ने डॉ संजय सिंह की विशिष्ट उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहाकि दीक्षांत समारोह में इनके उद्बोधन छात्र-छात्राओं को अवश्य प्रेरित करेंगे। आनंदीबेन पटेल ने अपनी स्थापना की एक शताब्दी पूर्ण कर चुके लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को एक गौरवपूर्ण अवसर बताते हुए कहाकि यह विश्वविद्यालय अनके महान हस्तियों का शिक्षा स्थल और कर्मस्थल रहा है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय को देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति-2020 का विजन लागू करने केलिए बधाई देते हुए नैक की सर्वोच्च रैंक 'ए' की उपलब्धि का उल्लेख भी किया। राज्यपाल ने पदक पानेवाले विद्यार्थियों में छात्राओं के वर्चस्व पर प्रसन्नता व्यक्त की। उनके आग्रह पर समारोह में आए सभी प्रतिभागियों ने अपने स्थान पर खड़े होकर छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। इसीक्रम में उन्होंने भारत में मजबूत होती महिलाशक्ति, विविध क्षेत्रों में महिलाओं के अद्वितीय योगदान काभी उल्लेख किया। उन्होंने शैक्षिक उन्नति में पिछड़ रहे छात्रों का अधिक मेहनत करके शीर्ष नेतृत्व केलिए प्रतियोगी रहने केलिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने मेधावी छात्र-छात्राओं से कहाकि भविष्य मेभी वे लगन और मेहनत से देश और समाज केप्रति अपना योगदान देते रहें। उन्होंने विद्यार्थियों को व्यवहार कुशल, कार्यक्षेत्र में प्रतिबद्ध रहने केसाथ अपने कौशल में वृद्धि करते रहने कोभी कहा। राज्यपाल ने भारत को मिली जी20 देशों की अध्यक्षता, भूजल संवर्द्धन और जल संरक्षण पर विश्वविद्यालय के प्रभावी प्रयास, खेलों में प्रतिभागिता के बढ़े अवसरों पर चर्चा की।
राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि, सामाजिक दायित्वों केप्रति जागरुकता, शिक्षा को जमीनी प्रयोगों से जोड़ने जैसी विविध उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रशंसनीय बताया। इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालयों को अपने परिवार से बाहर आकर सामाजिक गतिविधियों में योगदान देने को कहा। उन्होंने कहाकि विश्वविद्यालय केवल सिलेबस की निर्धारित शिक्षा से ही न जुड़ें, अपितु उन्हें सामाजिक समस्याओं के निराकरण, क्षय रोगियों को उनके स्वस्थ होनेतक पोषण देखभाल हेतु गोद लेने, गांवों के आंगनवाड़ी केंद्रों और प्राथमिक स्कूलों में सुधार करने केलिए भी दायित्वपूर्ण कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहाकि सब मिलकर कार्य करेंगे, सब एकसाथ जुड़ेंगे, तभी सबका साथ-सबका विकास सफल होगा। राज्यपाल ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिंता व्यक्त की और कहाकि स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तरपर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों के प्रचार-प्रसार कराने को कहा।
कुलाधिपति ने प्राथमिक विद्यालय देवरीगजा माल लखनऊ से समारोह में आए 31 विद्यार्थियों को प्रेरणादाई पुस्तकें एवं बैग वितरित किए तथा आंगनवाड़ी केंद्रों हेतु उपयोगी सामग्री भी वितरित की गई। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों की पुस्तकों का भी लोकार्पण किया। समारोह में मुख्य अतिथि के कस्तूरीरंगन ने अपने अनुभव विद्यार्थियों से साझा किए और उनको आगामी जीवन में सफलता केलिए शुभकामनाएं दीं। विशिष्ट अतिथि एवं प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उच्चशिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने भी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। विश्वविद्यालय के कुलपति आलोककुमार राय ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। दीक्षांत समारोह में विविध पाठ्यक्रमों के कुल 42688 उपाधियां प्रदान की गईं, विशेष उपलब्धि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को 189 पदक प्रदान किएगए, जिसमें 168 स्पर्ण, 2 रजत, 10 कांस्य तथा 9 पुरस्कार प्रदान किएगए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विविध संकायों के अध्यक्ष, शिक्षक, पदाधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।