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Saturday 28 January 2023 05:28:48 PM
भीलवाड़ा (राजस्थान)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भीलवाड़ा में भगवान श्रीदेवनारायण के 1111वें 'अवतार महोत्सव' के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने मंदिर दर्शन और परिक्रमा की और नीम का पौधा लगाया। उन्होंने यज्ञशाला में चल रहे विष्णु महायज्ञ में पूर्णाहुति भी की। उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि भगवान श्रीदेवनारायण राजस्थान के लोगों में पूजे जाते हैं और उनके अनुयायी देशभर में फैले हुए हैं और उन्हें विशेष रूपसे सार्वजनिक सेवा कार्यों केलिए सम्मानित एवं याद किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वह यहां प्रधानमंत्री के तौरपर नहीं, बल्कि एक तीर्थयात्री केतौर पर आए हैं, जो भगवान श्रीदेवनारायण का आशीर्वाद लेना चाहता है। उन्होंने यज्ञशाला में चल रहे विष्णु महायज्ञ में पूर्णाहुति करने में सक्षम होने केलिए भी आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं भगवान श्रीदेवनारायण और जनता जनार्दन के दर्शन पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं और यहां आनेवाले हर तीर्थयात्री की तरह मैं राष्ट्र के निरंतर विकास और गरीबों के कल्याण केलिए भगवान श्रीदेवनारायण जी से आशीर्वाद मांगता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीदेवनारायण के 1111वें अवतरण दिवस के भव्य अवसर पर प्रकाश डालते हुए पिछले एक सप्ताह से यहां हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गुर्जर समुदाय की सक्रिय भागीदारी का उल्लेख किया। उन्होंने समुदाय के प्रत्येक व्यक्ति के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें इस अवसर पर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत केवल एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता, संस्कृति, सद्भाव और संभावनाओं की अभिव्यक्ति है। उन्होंने भारतीय सभ्यता के लचीलेपन केबारे में बात की, क्योंकि कई अन्य सभ्यताएं बदलते समय के अनुकूल नहीं बन सकीं और नष्ट हो गईं। उन्होंने कहाकि भारत को भौगोलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूपसे तोड़ने के तमाम प्रयासों के बावजूद कोई ताकत भारत को खत्म नहीं कर सकती। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजका भारत एक भव्य भविष्य की नींव रख रहा है। उन्होंने भारतीय समाज की ताकत और प्रेरणा को श्रेय दिया, जो राष्ट्र की अमरता को संरक्षित करती है। भारत की हजार साल पुरानी यात्रा में समाज की ताकत के योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने उस ऊर्जा का उल्लेख किया, जो इतिहास के प्रत्येक काल में समाज के भीतर से उत्पन्न होती है और सभी केलिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूपमें कार्य करती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भगवान श्रीदेवनारायण ने हमेशा सेवा और जनकल्याण को प्राथमिकता दी। उन्होंने लोगों के कल्याण केलिए श्रीदेवनारायण की भक्ति और मानवता की सेवा केलिए उनकी पसंद को याद किया और कहाकि उन्होंने 'सबका साथ' के माध्यम से 'सबका विकास' का जो मार्ग दिखाया था, आज देश उसी पथपर चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले 8-9 वर्ष से देश वंचित और उपेक्षित रहे हर तबके को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है, हम वंचितों को प्राथमिकता के मंत्र केसाथ आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब गरीबों केलिए राशन की उपलब्धता और गुणवत्ता को लेकर भारी अनिश्चितता थी। उन्होंने कहाकि आज हर लाभार्थी को पूरा राशन मिल रहा है और मुफ्त मिल रहा है, अस्पताल में इलाज की चिंता कोभी हमने आयुष्मान भारत योजना से दूर कर दिया है, बैंक से लेनदेन कभी बहुतही कम लोगों के नसीब होता था, आज देशमें सभी केलिए बैंक के दरवाज़े खुल गए हैं। उन्होंने कहाकि हम आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और बिजली केबारे में गरीब वर्ग की चिंता को दूर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पानी की कीमत राजस्थान जितना कोई नहीं जानता, आजादी के कई दशक केबाद भी केवल 3 करोड़ परिवारों को उनके घरों में नल का पानी का कनेक्शन मिला और 16 करोड़ से अधिक परिवारों को रोजाना पानी केलिए संघर्ष करना पड़ता था, पिछले साढ़े तीन वर्ष में केंद्र सरकार के प्रयासों से ग्यारह करोड़ से अधिक परिवारों को नल से जल के कनेक्शन मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति केलिए देश में किए जा रहे समग्र कार्य काभी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि पारंपरिक तरीकों का विस्तार हो या सिंचाई केलिए नई तकनीकों को अपनाना, हर कदम पर किसानों का साथ दिया जाता है। भगवान श्रीदेवनारायण के 'गौ सेवा' को समाज सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम बनाने के अभियान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने देशमें गौ सेवा की बढ़ती भावना की ओर इशारा किया। उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोग केलिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना और राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि पशु धन हमारी आस्था और परंपरा के अभिन्न अंग होने के अलावा हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख अंग हैं, इसीलिए पहलीबार किसान क्रेडिट कार्ड को पशुपालन खंड और चरवाहों तक बढ़ाया गया है, इसी तरह गोबर्धन योजना वेस्ट को वेल्थ में बदल रही है। प्रधानमंत्री ने अपनी विरासत पर गर्व करने, गुलामी की मानसिकता को तोड़ने, राष्ट्र केप्रति अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्रता की शहादत को याद करने के उद्देश्य को दोहराया। उन्होंने रेखांकित कियाकि राजस्थान एक विरासत की भूमि है, जहां कोई सृजन और उत्सव का उत्साह पा सकता है, जहां कोई श्रम में दान पा सकता है, जहां बहादुरी एक घरेलू अनुष्ठान है और भूमि रंगों और रागों का पर्याय है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि तेजाजी से पाबूजी, गोगाजी से रामदेवजी, बप्पा रावल से महाराणा प्रताप तक यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोक देवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा देश को रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहाकि इतिहास का शायदही कोई कालखंड है, जिसमें इस मिट्टी ने राष्ट्र केलिए प्रेरणा ना दी हो, इसमें भी गुर्जर समाज शौर्य और देशभक्ति का पर्याय रहा है, राष्ट्ररक्षा हो या फिर संस्कृति की रक्षा गुर्जर समाज ने हर कालखंड में प्रहरी की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि क्रांतिवीर भूप सिंह गुर्जर, जिन्हें विजय सिंह पथिक के नाम से जाना जाता है, उनके नेतृत्व में बिजोलिया का किसान आंदोलन आज़ादी की लड़ाई में एक बड़ी प्रेरणा था, कोतवाल धन सिंह और जोगराज सिंह ऐसे अनेक योद्धा रहे हैं, जिन्होंने देश केलिए अपना जीवन दे दिया, यही नहीं रामप्यारी गुर्जर, पन्ना धाय जैसी नारीशक्ति की ऐसी महान प्रेरणाएं भी हमें हर पल प्रेरित करती हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि ये दिखाता हैकि गुर्जर समाज की बहनों, गुर्जर समाज की बेटियों ने कितना बड़ा योगदान देश और संस्कृति की सेवा में दिया है और ये परंपरा आज भी निरंतर समृद्ध हो रही है। उन्होंने कहाकि ये देश का दुर्भाग्य हैकि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वो स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वो हकदार थे, लेकिन आज का नया भारत बीते दशकों में हुई उन भूलों को भी सुधार रहा है, अब भारत की संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा केलिए, भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उसे सामने लाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीदेवनारायण के संदेश और उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने में गुर्जर समाज की नई पीढ़ी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि यह गुर्जर समुदाय कोभी सशक्त करेगा और इससे देश को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी को राजस्थान के विकास केलिए महत्वपूर्ण बताते हुए एकजुट होकर देश के विकास केलिए काम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहाकि आज दुनिया बड़ी उम्मीद से भारत की ओर देख रही है, दुनिया में भारत के शक्ति प्रदर्शन से वीरों की इस भूमि का गौरव बढ़ा है, आज भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर बेरोकटोक आत्मविश्वास केसाथ अपनी बात रखता है और दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है, इसलिए ऐसी हर बात, जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उससे हमें दूर रहना है, हमें अपने संकल्पों को सिद्ध करके दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भगवान श्रीदेवनारायण का 1111वां अवतरण वर्ष उसी समय भारत की जी20 की अध्यक्षता और उसमें भी उनका अवतरण कमल पर हुआ था और जी20 का जो लोगो है, उसमें भी कमल के ऊपर पूरी पृथ्वी को बिठाया है, ये भी बड़ा संयोग है। उन्होंने गुर्जर समाज का हृदय से आभार भी जताया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मालासेरी दुगरी के प्रधान पुजारी हेमराज गुर्जर और सांसद सुभाषचंद्र बहेरिया और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।