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Tuesday 7 February 2023 06:13:27 PM
मसूरी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सार्वजनिक सेवा प्रदान करने और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने केलिए बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने और किसीको भी वंचित नहीं रखनेवाले दृष्टिकोण केसाथ तीव्रता और पैमाना बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत सरकार के एक शीर्ष स्वायत्त संस्थान नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के सिविल सेवकों केलिए सुशासन पर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करने केलिए पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता पर केंद्रित क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरु किया था। नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस मसूरी में जम्मू और कश्मीर के 38 सिविल सेवकों केलिए दो सप्ताह का 5वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरु हो चुका है। जुलाई 2021 में जम्मू और कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड रूरल डेवलपमेंट और एनसीजीजी केबीच समझौता हुआ था, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के 2000 वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशिक्षण और उन्हें कुशल एवं निर्बाध सार्वजनिक सेवा प्रदान करने केलिए उन्मुख करके उत्कृष्ट बनाना है।
एनसीजीजी समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के अनुसार अबतक जम्मू-कश्मीर के सिविल सेवकों केलिए चार सफल क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है। एनसीजीजी के महानिदेशक भरत लाल ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन वाले दृष्टिकोण को लागू करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहाकि उपलब्ध सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों, सुशासन प्रथाओं और नई विद्वता के अनुप्रयोग केसाथ सिविल सेवक सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुधार लाने में सक्षम बनेंगे। उन्होंने कहाकि क्षमता निर्माण कार्यक्रम को सुशासन के व्यावहारिक पहलुओं को साझा करने केलिए डिज़ाइन किया गया है, जो नागरिकों केप्रति जवाबदेह होनेके दौरान तीव्र और कुशल दोनों हैं एवं यह कार्यक्रम लोकसेवकों को नागरिकों की शिकायतों को समझने और उसका समाधान सक्रिय रूपसे करने केलिए तैयार करेगा। उन्होंने कहाकि यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने केलिए सामूहिक ज्ञान प्राप्त करने, साझा करने और काम करनेवाला एक मंच है। भरत लाल ने अधिकारियों का अगले 5 वर्ष में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि सिविल सेवकों का कर्तव्य संवेदनशील और उत्तरदायी बनकर नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करना है।
एनसीजीजी के महानिदेशक ने कहाकि वर्तमान क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को फिरसे तैयार करना है, जिससे वे जम्मू- कश्मीर के लोगों की भलाई और उन्नति को प्राथमिकता दे सकें। उन्होंने कहाकि इन अधिकारियों को देश के सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंच प्रदान की जाती है, जिससे वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने केलिए संपर्क में आई प्रथाओं को अपनाने और लागू करने में सक्षम बन सकें। महानिदेशक ने सिंगापुर से प्रेरणा लेते हुए जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्रमें बदलाव के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे लोगों की आय में और ज्यादा सुधार किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निवेश आकर्षित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करते हुए हमारे युवाओं केलिए रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने में एक सहायक की भूमिका निभाकर सेवा करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि आजकी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और विश्वव्यापी दुनिया में निवेश को आकर्षित करने केलिए व्यवसायों का समर्थन करना बहुतही आवश्यक है। उन्होंने कहाकि समय बहुत मूल्यवान है और समय का मूल्यांकन करते समय कुशल सेवा वितरण साथ-साथ चलना चाहिए।
भरत लाल ने शासन में आनेवाली चुनौतियों परभी प्रकाश डाला और आशा व्यक्त कीकि यह पुनर्विन्यास कार्यक्रम अधिकारियों को नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने में उन्हें सक्षम बनाएगा। क्षमता निर्माण कार्यक्रम 17 फरवरी 2023 को संपन्न होगा। प्रशिक्षण सत्रों का संचालन लोक प्रशासन, संचार, नवाचार, उद्यमिता, गरीबी उन्मूलन, समावेशी विकास और ई-गवर्नेंस सहित सुशासन के क्षेत्रमें प्रतिष्ठित चिकित्सकों, डोमेन विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा किया जाएगा। दो सप्ताह के कार्यक्रम में प्रतिभागी चक्रीय अर्थव्यवस्था, गरीबी उन्मूलन, शहरीकरण, नवाचार, उद्यमिता, भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति, पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन, नदी कायाकल्प, स्वच्छता, स्वास्थ्य देखभाल, अपशिष्ट को धन में परिवर्तित करने सहित कई विषयों को कवर करने वाले सत्रों में हिस्सा लेंगे। प्रतिभागियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने और कार्यक्रम से प्राप्त सर्वोत्तम प्रथाओं को अपने राज्य में लागू करने के लिए संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, प्रधानमंत्री संग्रहालय और अन्य उल्लेखनीय स्थलों पर ले जाया जाएगा। क्षमता निर्माण कार्यक्रम को जम्मू-कश्मीर के सिविल सेवकों के लिए नागरिकों को प्रभावी और निर्बाध सेवाएं प्रदान करने केलिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ सशक्त बनाने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम अत्याधुनिक ज्ञान और नए कौशल की श्रृंखला प्रदान करेगा, जो उन्हें कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण करने में सहायता करेगा, जिससे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम का संचालन डॉ संजीव शर्मा और संजय दत्त पंत के सहयोग से कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ एपी सिंह कर रहे हैं। गौरतलब हैकि भारत सरकार का 2014 में स्थापित नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस एक प्रमुख थिंक टैंक है, जिसे नीति और शासन सुधारों पर काम करने का जनादेश प्राप्त है और यह भारत एवं अन्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने केलिए प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। एनसीजीजी के क्षमता निर्माण कार्यक्रम की बहुत ज्यादा मांग है और हाल के दिनों में इस केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, भूटान और म्यांमार से बड़ी संख्या में सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है, जो उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। इन कार्यक्रमों और अन्य संबद्ध गतिविधियों जैसे नीतिगत मुद्दे और सुशासन पर अनुसंधान एवं अध्ययन को बड़े पैमाने पर विस्तृत किया जा रहा है।