स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 9 February 2023 05:36:43 PM
कच्छ/ नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने खादी से जुड़े श्रमिकों का पारिश्रमिक बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग की गुजरात के कच्छ में हुई 694वीं बैठक में खादी कपास बुनकरों के योगदान को ध्यान में रखते हुए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने श्रमिकों की आय में बढ़ोतरी केलिए उनका मेहनताना 7.50 रुपये प्रति लच्छे से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लच्छा करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस पहल से कारीगरों की मासिक आय में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि होगी और बुनकरों की मजदूरी में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह फैसला पहली अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा। जैसाकि हम सभी जानते हैंकि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर खादी तथा ग्रामोद्योग उत्पादों को खरीदने केलिए अपील कर रहे हैं, ताकि ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को अधिक से अधिक कार्य करने का अवसर दिया जा सके और उनकी आय में वृद्धि हो सके, इस तरह के प्रयासों के परिणामस्वरूप हमारे कारीगरों के हाथ में अधिक आमदनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से खादी को खरीदने केलिए देशवासियों से कईबार अपील की है। उन्होंने विशेष रूपसे युवाओं का इस पहल में जुड़ने का आह्वान किया है, जिसके सकारात्मक असर से साल दर साल खादी उत्पादों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। प्रधानमंत्री ने खादी को लोकप्रिय बनाने केलिए बार-बार खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन एंड खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन के आदर्श वाक्य केसाथ खादी को अपनाने तथा उत्पादन एवं बिक्री बढ़ाने के हर संभव प्रयास की सराहना की है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन 84,290 करोड़ का और बिक्री 1,15,415 करोड़ की हुई थी। इस साल 2 अक्टूबर को खादी इंडिया के कनॉट प्लेस बिक्री केंद्र ने एकही दिन में 1.34 करोड़ रुपये की खादी उत्पाद बेचने का नया रिकॉर्ड बनाया है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री द्वारा देशकी जनता को आह्वान को जाता है। इसके अलावा खादी उत्पादन एवं विक्रय कार्य में लगे लाखों कारीगरों और अथक परिश्रम खादी श्रमिकों की भी इस कार्य में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
केवीआईसी ग्रामीण स्तरपर खादी श्रमिकों को प्रोत्साहित करने और खादी उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। इसी क्रममें पिछले कुछ महीने में खादी श्रमिकों, देशके विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत संस्थाओं और खादी संगठनों केसाथ खादी संवाद की श्रृंखला का आयोजन किया गया। इनका उद्देश्य खादी से जुड़े लोगों केलिए इष्टतम रोज़गार सृजित करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने खादी कारीगरों एवं श्रमिकों की समस्या को समझने तथा उनमें नई ऊर्जा का संचार करने केलिए सीधे उनसे बातचीत भी की। उन्होंने कहाकि खादी क्षेत्र के सूत कातने वालों तथा बुनकरों ने खादी का उत्पादन बढ़ाने में विशेष योगदान दिया है और खादी संवाद के दौरान उन्हें यह जानकारी मिली थीकि श्रमिकों के पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग दशकों से लंबित है। उन्होंने कहाकि इस महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से लिया गया और केवीआईसी की 694वीं बैठक में एक विशेष निर्णय लिया गया, जिसके तहत श्रमिकों एवं कारीगरों की आय में वृद्धि करने तथा अधिक से अधिक देशवासियों को खादी की ओर आकर्षित करने केलिए पारिश्रमिक में 33 प्रतिशत संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया।
केवीआईसी ने खादी श्रमिकों एवं खादी संगठनों की इस मांग पर विचार करते हुए खादी-ग्रामोद्योग कार्यक्रम से जुड़े श्रमिकों के हाथों में अधिक से अधिक धन उपलब्ध कराने, उनकी आय के स्रोत बढ़ाने तथा उनकी आर्थिक स्थिति को और बेहतर करने का निर्णय लिया। यह ऐतिहासिक फैसला एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायता करेगा। खादी को वैश्विक स्तरपर स्थानीय परिधान बनाने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 9 वर्ष के दौरान खादी केप्रति अपने आकर्षण और प्रेम से खादी को पुनर्जीवित किया है, जिसके परिणामस्वरूप खादी सहित भारत के स्वदेशी उत्पादों की मांग में बहुत वृद्धि हुई है। इस निर्णय से खादी क्षेत्र में खुशी की लहर आई है। खादी क्षेत्र को लगातार बड़ा प्रोत्साहन मिल रहा है, जो अधिक से अधिक रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।