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Monday 13 February 2023 01:00:44 PM
लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में जोरदार स्वागत किया गया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने केबाद यह लखनऊ की उनकी पहली यात्रा है, इसको आप सबके भावपूर्ण स्वागत ने अविस्मरणीय बना दिया है, इसके लिए उन्होंने सबको हृदय से धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 25 करोड़ निवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने तथा देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देने की दृष्टि से आयोजित यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आमंत्रित करके मुझे इस महान राज्य की विकास गाथा से जोड़ा है, राज्य के निवासियों के स्नेहभाव का अनुभव कराया है, इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करती हूं। उन्होंने कहाकि विश्व की जनसंख्या में भारत का जो हिस्सा है, लगभग उतनाही हिस्सा भारत की आबादी में उत्तर प्रदेश का है, भारत सहित केवल पांच देशों की आबादी उत्तर प्रदेश से अधिक है और इतने बड़े प्रदेश के उद्यमी एवं निष्ठावान लोग नई ऊर्जा केसाथ नए भारत के निर्माण में कार्यरत हैं, यह देखकर मैं भारत के स्वर्णिम भविष्य केप्रति आश्वस्त महसूस करती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि बाबा विश्वनाथ की काशी, प्रभु श्रीराम की अयोध्या, योगेश्वर श्रीकृष्ण की मथुरा तथा भगवान बुद्ध के सारनाथ से निकलने वाली भारत की परंपराएं और भाव धाराएं देशवासियों को एक सूत्र में जोड़ती हैं। उन्होंने कहाकि महान ऋषि-मुनियों की संगम स्थली नैमिषारण्य, बाबा गोरखनाथ की तपस्थली गोरखपुर, संतकबीर की मुक्ति स्थली मगहर तथा उत्तर प्रदेश के अनेक अत्यंत पवित्र स्थलों में भारत की आध्यात्मिक शक्ति का उत्कर्ष देखा गया है, ऐसे पवित्र स्थानों की आध्यात्मिक ऊर्जा युगों-युगों तक हमारे देश को शक्ति प्रदान करती रहेगी। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश को गंगा, यमुना, सरयू, गोमती, घाघरा, गंडक, केन, बेतवा, राप्ती और सोन जैसी अनेक नदियों का आशीर्वाद मिलता रहा है, इन नदियों ने उत्तर प्रदेश को जल केसाथ उपजाऊ मिट्टी का प्राकृतिक उपहार भी दिया है, भारतीय परंपरा के अनुसार हम इन नदियों को नमन करते हैं तथा उन्हें अविरल और शुद्ध बनाए रखने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने कहाकि प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम पर कुम्भ का आयोजन प्राचीनकाल से एक प्रमुख धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन रहा है, वर्ष 2017 में यूनेस्को ने प्रयागराज कुम्भ मेला को 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' अर्थात विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूपमें मान्यता प्रदान की है।
राष्ट्रपति ने कहाकि वर्ष 2019 में प्रयागराज कुम्भ के अत्यंत विशाल और उत्कृष्ट आयोजन ने समस्त विश्व समुदाय पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है, विशालता और उत्कृष्टता का यह संगम उत्तर प्रदेश के अनेक बड़े प्रकल्पों में दिखाई देता है, इसके लिए मैं राज्य सरकार और प्रदेशवासियों की सराहना करती हूं। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि गोमती के किनारे बसा लखनऊ शहर प्राचीन कोसल साम्राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा था, यह कहा जाता हैकि इसका नाम भगवान श्रीराम के अनुज लक्ष्मणजी के नाम पर पड़ा था, उन्नीसवीं सदी के अंततक इस शहर को लखनपुर कहने की परंपरा चली आ रही थी, यह नगर एक तरफ हमारी प्राचीनतम परंपराओं से जुड़ा हुआ है तो दूसरी ओर मध्यकाल और आधुनिकयुग मेभी संस्कृति, साहित्य, राजनीति तथा कला-कौशल का प्रमुख केंद्र रहा है। उन्होंने कहाकि लखनऊ में आकर श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी का सहज ही स्मरण होता है, ग्वालियर में पले-बढ़े अटलजी की जीवनगाथा में आगरा, कानपुर, बलरामपुर और लखनऊ अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, लखनऊ के लोगों ने उन्हें अपार स्नेह दिया, उनकी बातचीत में और उनके चुनाव अभियानों में लखनऊ से जुड़े लोकप्रिय कथन का प्रायः उल्लेख होता था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि अर्थव्यवस्था के विकास केसाथ आर्थिक और सामाजिक प्रगति का न्यायपूर्ण एवं समावेशी होना भी अनिवार्य है, समाज के सभी वंचित वर्गों तथा महिलाओं को समावेशी विकास की परिधि में लाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि महिलाओं के सशक्तिकरण से आधुनिक उत्तर प्रदेश का आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, यह मेरा दृढ़ विश्वास है। उन्होंने कहाकि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के इतिहास में उत्तर प्रदेश के ऐसे अनोखे कीर्तिमान हैं, जो कभी टूट नहीं सकते हैं, वर्ष 1947 में सरोजिनी नायडू को देश की पहली महिला राज्यपाल तथा वर्ष 1963 में सुचेता कृपलानी को देश की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का ऐतिहासिक गौरव उत्तर प्रदेश में ही प्राप्त हुआ, उसके बाद वर्ष 1972 में महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव मेरी जन्मस्थली ओडिशा में नंदिनी सत्पथी को प्राप्त हुआ, कालांतर में मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं, कुछ अन्य राज्यों मेभी महिलाओं को राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहाकि वर्ष 2014 में गुजरात की मुख्यमंत्री नियुक्त होने वाली आनंदीबेन पटेल आज उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं, उनका कुशल और स्नेहिल मार्गदर्शन मिलना आप सबका सौभाग्य है, ऐसी जनसेविकाओं से प्रेरणा लेकर मेरी पीढ़ी की बहनें भी साहस केसाथ बढ़ी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि विश्वास हैकि आनेवाली पीढ़ियों की बेटियां अनेक क्षेत्रों में और अधिक आगे बढ़ेंगी। उन्होंने कहाकि इन तथ्यों का उल्लेख करने के पीछे मेरी यह आकांक्षा हैकि उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रमें नए प्रतिमान स्थापित करे। राष्ट्रपति ने कहाकि आधुनिक चिंतन और राजनीति की विभिन्न धाराओं को दिशा देनेवाले मदनमोहन मालवीय, आचार्य नरेंद्र देव, पुरुषोत्तम दास टंडन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, राममनोहर लोहिया, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, इंदिरा गांधी, चंद्रशेखर, विश्वनाथ प्रताप सिंह, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा करते हुए अपने कार्य क्षेत्र को विस्तार दिया तथा देश के जनमानस में अपना विशिष्ट स्थान बनाया। उन्होंने कहाकि अबतक भारत के नौ प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से लोकसभा केलिए निर्वाचित हुए हैं, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को अपना संसदीय क्षेत्र चुना है तथा भारत और उत्तर प्रदेश केसाथ अपने क्षेत्र के कायाकल्प केलिए भी वे निरंतर प्रयासरत रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि 12 मार्च 2021 को शुरू किया गया आजादी का अमृत महोत्सव देशभर में मनाया जा रहा है, हम सभी जानते हैंकि मेरठ छावनी के बहादुर सिपाहियों ने 1857 के स्वाधीनता समर का बिगुल बजाया था, उस संग्राम में लखनऊ से बेगम हजरत महल तथा कानपुर से नाना साहब और तात्या टोपे मोर्चा संभाल रहे थे, उसमें अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम देशकी महानतम वीरांगनाओं में सदैव अमर रहेगा। उन्होंने जिक्र कियाकि बीसवीं सदी में क्रांति की मशाल को जलाए रखने वाले रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक़ उल्ला खान, चंद्रशेखर आजाद, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, दुर्गा भाभी तथा इस धरती की अनेक संतानों के शौर्य से देशमें प्रेरणा का संचार हो रहा था। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि स्वाधीनता सेनानियों की गौरवगाथा का परिचय देने वाले चार शहीद स्मारक गोरखपुर में हैं, जिसका प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते रहे हैं। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश की सरकार बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए संकल्पित है, देश की सबसे बड़ी कर्मचारियों की संख्या और सबसे बड़ी युवा आबादी को राज्य में अपनी प्रतिभा का उपयोग करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, विश्वास हैकि उत्तर प्रदेश के निवासी विशेषकर यहां के युवा भावी भारत की विकासगाथा में अपना स्वर्णिम अध्याय जोड़ेंगे।