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Thursday 16 February 2023 01:03:53 PM
नई दिल्ली। खेलों में डोपिंग के खिलाफ निरंतर लड़ाई जारी रखते हुए केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान हैदराबाद ने भारत में पोषण पूरक परीक्षण क्षमता का निर्माण करने, पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारेमें जानकारी और जागरुकता पैदा करने, स्वच्छ खेल, डोपिंग रोधी डोमेन में अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने और खिलाड़ियों केलिए सुरक्षित एवं डोप मुक्त पोषण पूरक के विकल्प प्रदान करने केलिए एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन खिलाड़ियों केलिए विशेष आहार उपयोग केलिए भोजन के क्षेत्रको मजबूत करने की दिशामें आदेश के अनुपालन में आपसी प्रतिबद्धता का एक रूप है। यह सहयोग भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र और जनता के लाभ केलिए एनआईपीईआर हैदराबाद में परीक्षण प्रयोगशाला के एकत्र किएगए डेटा और सूचना के प्रसार केलिए उपकरणों को विकसित करने में मदद करेगा।
खिलाड़ियों के सुरक्षित और डोप मुक्त पोषण केलिए हुए इस समझौते से आशा व्यक्त कीगई हैकि भारत में पोषण पूरकों के विपणन और वितरण में सर्वोत्तम पहलों को प्रोत्साहित करेगा। यह एथलीटों को पोषक तत्वों की खुराक में मौजूद हानिकारक घटकों के बारेमें भी शिक्षित करेगा, जो उनके दीर्घकालिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं। युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय में सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने समझौता कार्यक्रम का संचालन किया और देश में स्वच्छ खेल वातावरण की दिशा में प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि यह समझौता हमारे एथलीटों और खेल समुदाय को पोषण के बारेमें सजग निर्णय लेने केलिए सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। औषध विभाग में सचिव एस अपर्णा ने खिलाड़ियों केलिए पोषक तत्वों की खुराक के परीक्षण में देश के विकास की दिशामें इस उपलब्धि को हासिल करने केलिए सभीको बधाई दी। संयुक्त सचिव औषध विभाग रजनीश टिंगल, कुणाल संयुक्त सचिव खेल युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय और रितु सैन महानिदेशक एवं सीईओ राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में औषध विभाग के कार्यालय शास्त्री भवन नई दिल्ली में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
वर्तमान परिदृश्य में पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारेमें जागरुकता की कमी, बाजार में दूषित उत्पादों की उपस्थिति और पोषक तत्वों की खुराक के बारेमें प्रासंगिक जानकारी की कमी के कारण डोपिंग के अनजाने मामलों से डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन होता है और एथलीटों के करियर को जोखिम होता है। इससे पहले 2022 में खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय केबीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किएगए थे, ताकि देशमें पोषण पूरक परीक्षण क्षमता और अनुसंधान का निर्माण किया जा सके। नाडा जागरुकता अभियानों, आईईसी सामग्री, सोशल मीडिया सूचना आउटरीच और ऑडियो-विजुअल सामग्री के माध्यम से पोषण संबंधी पूरक आहार से जुड़े जोखिमों के बारेमें एथलीटों और खेल संगठनों को संवेदनशील बनाने की दिशा में काम कर रहा है।