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Tuesday 21 February 2023 02:02:47 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा पर राष्ट्रीय संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ के कस्तूरीरंगन केसाथ नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत परिकल्पना की गई बुनियादी चरण केलिए शिक्षण अध्यापन सामग्री का शुभारंभ किया है। शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहाकि सीखने के परिदृश्य को और अधिक जीवंत बनाने केलिए यह एक ऐतिहासिक दिन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों केलिए खेल आधारित शिक्षण अध्यापन सामग्री 'जादुई पिटारा' लॉंच करदी गई है। उन्होंने इस बातपर प्रकाश डालाकि प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड, कहानी की किताबें, वर्कशीट के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, सामाजिक संदर्भ और भाषाओं को मिलाकर बना 'जादुई पिटारा' जिज्ञासा को बढ़ाने और लोगों की विविध आवश्यकताओं को समायोजित करने केलिए डिज़ाइन किया गया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी बतायाकि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा केतहत विकसित 'जादुई पिटारा' 13 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, यह सीखने-सिखाने के माहौल को समृद्ध करने और अमृत पीढ़ी केलिए इसे और अधिक बालकेंद्रित, जीवंत और आनंदमय बनाने की दिशामें एक बड़ी छलांग है जैसाकि एनईपी-2020 में परिकल्पना कीगई है। शिक्षा मंत्री ने एक राष्ट्रीय विचार मंच के रूपमें एनसीईआरटी से आग्रह किया हैकि सभी भारतीय भाषाओं में 'जादुई पिटारा' में सम्मिलित सामग्री का अनुवाद करने केलिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहिए और इसकी पहुंच का विस्तार करने केसाथ इसे सभी एससीईआरटी को बचपन में देखभाल और हमारे देशके शिक्षा परिदृश्य में बदलाव केलिए उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने कहाकि इन संसाधनों को डिजिटल रूपसे दीक्षा प्लेटफॉर्म पोर्टल और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए और सभी बुनियादी शिक्षण सामग्री मातृभाषा में होनी चाहिए। एनसीईआरटी ने प्रशिक्षकों की हैंडबुक मैपिंग से लेकर फाउंडेशनल स्टेज पर शिक्षकों के भविष्य के प्रशिक्षण केलिए एनसीएफ-एफएस के लक्ष्यों केलिए पंच कोषीय विकास और पाठ्यक्रम भी विकसित किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में 5+3+3+4 पाठ्यक्रम शैक्षणिक संरचना की परिकल्पना की गई है। शिक्षा मंत्रालय केतहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने प्रत्येक चरण केलिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने केलिए प्रोफेसर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है। शिक्षा मंत्रालय ने बुनियादी चरण केलिए 20 अक्टूबर 2022 को एनसीएफ की शुरुआत की थी और पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार एनसीईआरटी ने अध्ययन शिक्षण सामग्री विकसित और एकत्र की है, तदनुसार बुनियादी चरण केलिए अध्ययन-शिक्षण सामग्री की जादुई पिटारा की अवधारणा का उपयोग करते हुए इसका शुभारंभ किया गया है। शिक्षकों एवं छात्रों के एनईपी और एनसीएफ-एफएस को व्यवहार में लाने की उम्मीद है। जादुई पिटारा की मुख्य बातें हैं-एनसीएफ-एफएस का प्रमुख परिवर्तनकारी पहलू खेलते हुए सीखें, बुनियादी चरण उम्र 3-8 साल के बच्चे खेलते हुए सर्वोत्तम और प्रभावकारी ढंग से सीखें, न्यूरोसाइंस से लेकर शिक्षा तक विविध क्षेत्रों में अनुसंधान, कक्षा 1 और 2 परभी लागू (उम्र 6-8 साल) बड़ा बदलाव बच्चे खेलते, मजे करते हुए सीखेंगे और एफएलएन संभव हो पाएगा।
जादुई पिटारा में 5 क्षेत्रों में सीखना और विकास: शारीरिक विकास, सामाजिक-भावनात्मक व नैतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास, भाषा एवं साक्षरता विकास, सुरुचिपूर्ण एवं सांस्कृतिक विकास, सीखने की सकारात्मक आदतों को इस चरण में विकास के एक अन्य क्षेत्र के रूपमें शामिल किया गया है। खेलना सुनिश्चित करने केलिए: केवल किताबें ही नहीं, बल्कि सीखने और सिखाने केलिए अनगिनत संसाधनों का उपयोग किया जाना है, खिलौने पहेलियां कठपुतलियां पोस्टर, फ्लैश कार्ड वर्कशीट्स और आकर्षक किताबें, स्थानीय परिवेश, संदर्भ और समुदाय, आम जीवन, स्थानीय संदर्भ और भारत में निहित जादुई पिटारा में ये सभी समाहित हैं। कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने स्वागत भाषण दिया। प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी निदेशक एनसीईआरटी ने जादुई पिटारा की व्यापक विशेषताओं और बुनियादी चरण में छात्रों एवं शिक्षकों केलिए इसकी उपयोगिता पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव संयुक्त निदेशक एनसीईआरटी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।