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राष्ट्रपति का छात्रों के लिए प्रेरक संबोधन!

'नए भारत और नए विश्व निर्माण के लिए नए और बड़े सपने देखें'

दिल्ली विवि के दीक्षांत में शिक्षा के बुनियादी मुद्दों पर फोकस किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 February 2023 03:38:58 PM

president droupadi murmu

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के 99वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को अपने प्रेरणाप्रद संबोधन में कहा हैकि बेहतर इंसान बनना शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है, जीवन में बड़ा बनना अच्छी बात है, लेकिन अच्छा होना इससे भी बड़ी बात है, मंगल ग्रह पर जीवन की खोज करना अच्छी बात है, लेकिन अच्छी सोच केसाथ जीवन में खुशहाली की तलाश करना और भी जरूरी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अनुरोध कियाकि वे नए भारत और नए विश्व निर्माण केलिए नए और बड़े सपने देखें। राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से कहाकि यदि उनका सपना केवल उनके अपने करियर तक सीमित रहेगा तो वे सब अपने साथ और समाज केसाथ न्याय नहीं कर पाएंगे, बल्कि आपकी सोच का दायरा और आपकी ज़िम्मेदारी कहीं अधिक व्यापक होनी चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस अवसर पर शिक्षा के अधिकार का उल्लेख करते हुए कहाकि अपेक्षाकृत कम सुविधा-सम्पन्न परिवारों से आनेवाले विद्यार्थियों केप्रति संवेदनशील होने केसाथ-साथ हम सबको अपने आपसे कुछ बुनियादी सवाल करने चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से स्वयं का जिक्र करते हुए कहाकि वे ओडिशा के छोटे से गांव से शहर जाकर पढ़ने वाली अपने गांव की पहली लड़की थी एवं उन सबके सहपाठियों मेभी ऐसे कई विद्यार्थी होंगे, जिनके परिवार या गांव से उनसे पहले कोई विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाया होगा, ऐसे विद्यार्थी बहुत प्रतिभावान और संघर्षशील होते हैं। उन्होंने कहाकि कभी-कभी ऐसी स्थितियां उत्पन्न की जाती हैं, जिनके कारण ऐसे विद्यार्थियों में हीनभावना घर कर जाती है, लेकिन किसीभी संवेदनशील समाज में ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसे पहली पीढ़ी के छात्र को सम्मान और प्रोत्साहन देना सभी अध्यापकों और छात्रों का भी दायित्व है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि कहा जा सकता हैकि दिल्ली विश्वविद्यालय भारत की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है, यहभी कहा जा सकता हैकि भारत और विदेशों में उत्कृष्टता के हर क्षेत्रमें दिल्ली विश्वविद्यालय का एक अंश है, हालांकि कोईभी संस्थान अपनी ख्याति पर आराम नहीं कर सकता है, आज की तेजीसे बदलती दुनिया में एक संस्था को खुदको लगातार बदलना पड़ता है। राष्ट्रपति ने कहाकि दिल्ली विश्वविद्यालय समुदाय को उत्कृष्टता के मापदंडों पर देश के अन्य विश्वविद्यालयों का नेतृत्व करने केलिए कर्तव्यबद्ध महसूस करना चाहिए और इस तरह उच्च शिक्षा के विश्वस्तर पर तुलनीय संस्थानों केबीच एक स्थान अर्जित करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान और स्वागत करना चाहिए, लेकिन अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहना चाहिए, कायाकल्प और रचनात्मकता जड़ों से आती है। उन्होंने युवाओं से भारतीय धरती से जुड़े रहते हुए दुनिया में उपलब्ध उत्कृष्ट ज्ञान प्राप्त करने की गांधीजी की सलाह का पालन करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहाकि हमें शिक्षा के कुछ बुनियादी मुद्दों पर जरूर ध्यान देना चाहिए जैसेकि छात्राओं केलिए स्वच्छ शौचालय की आवश्यकता, विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं, वास्तविक गुणवत्ता वाली शिक्षा और विकलांग व्यक्तियों की जरूरतें। राष्ट्रपति ने कहाकि विकास और सभ्यता की उपभोक्तावादी अवधारणा के कारण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की चुनौतियां और विकराल रूप धारण कररही हैं। उन्होंने कहाकि हमारी पिछली पीढ़ियों ने कई अच्छे काम किए हैं, लेकिन उन्होंने कुछ गलतियां भी की हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से अच्छी चीजों को आगे बढ़ाने और गलतियों को दूर करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहाकि दिल्ली विश्वविद्यालय केलिए यह गौरव की बात हैकि शैक्षणिक सत्र 2022-23 केलिए स्नातक स्तरपर प्रवेश पानेवाले छात्रों में 52 प्रतिशत संख्या हमारी बेटियों की है और इस बदलाव में हमें एक नया, विकसित और समावेशी भारत की तस्वीर दिखाई देती है।

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