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Wednesday 1 March 2023 12:39:44 PM
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने अपनी प्रयोगशालाओं एवं प्रतिष्ठानों में व्याख्यानों और ओपन हाउस गतिविधियों के जरिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। नई दिल्ली में डीआरडीओ भवन में रक्षा विज्ञान फोरम ने एक विशेष समारोह आयोजित किया, जिसकी रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने अध्यक्षता की। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी मुख्य अतिथि थे, साथही रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ जी सतीश रेड्डी भी उपस्थित थे। इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय 'ग्लोबल साइंस फ़ॉर ग्लोबल वेल बीइंग' था। डीआरडीओ अध्यक्ष ने वैज्ञानिक समुदाय को बधाई देते हुए उनसे सेवाओं केलिए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद एवं प्रौद्योगिकी प्रदान करने केलिए विज्ञान केप्रति प्रतिबद्धता के महत्व के बारेमें बातचीत की।
रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार ने कहाकि अपनी तरह के पहले उत्पादों को विकसित करने केलिए वैज्ञानिक अनुसंधान बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहाकि आधारभूत विज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि नई अत्याधुनिक तकनीकों और प्रणालियों को विकसित किया जा सके। आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने 'इंटरनेशनल कोलैबोरेशन इन साइंस एंड इंजीनियरिंग-ए व्यू फ्रॉम आईआईटी दिल्ली' पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने वैश्विक भलाई केलिए वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्रमें वैश्विक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता एवं आइडिया को मूर्तरूप देने केलिए एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली के सफल संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम पर प्रकाश डाला, जिससे अनुसंधान के क्षेत्रमें कामयाब कोशिशें हुई हैं। उन्होंने कहाकि डीआरडीओ को अनुसंधान के प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रोंमें एक उत्प्रेरक एवं सूत्रधार के रूपमें कार्य करना चाहिए।
डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं प्रतिष्ठानों से 39 व्याख्यान पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से तीन पत्रों को डीआरडीओ विज्ञान दिवस समारोह में प्रस्तुति केलिए चुना गया। हैदराबाद से हरि सिंह वैज्ञानिक 'एफ', बेंगलुरु से लक्ष्मण मवानी वैज्ञानिक 'ई' और दिल्ली से कुमार व्योंकेश मणि वैज्ञानिक 'ई' ने रक्षा अनुसंधान के क्षेत्रमें अपने-अपने कार्य क्षेत्रों पर प्रस्तुतियां दीं। डॉ बनर्जी ने वक्ताओं को उनकी प्रस्तुति केलिए पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान डीआरडीओ विज्ञान स्पेक्ट्रम, जो विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं से प्राप्त राष्ट्रीय विज्ञान दिवस केलिए वैज्ञानिक पत्रों का संकलन है भी जारी किया गया। गौरतलब हैकि सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 1928 में 'रमन इफेक्ट' की खोज की थी, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, इसी उपलब्धि केकारण उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाने का उद्देश्य वैज्ञानिक सोच को बढ़ाना विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और जनता में वैज्ञानिक स्वभाव का संचार करके और एक सकारात्मक वैज्ञानिक अनुसंधान संस्कृति का निर्माण कर नवीन गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है। डिफेंस साइंस फोरम डीआरडीओ का एक मंच है, जहां विभिन्न विषयों की वैज्ञानिक फैलोशिप को बढ़ावा देने केलिए वैज्ञानिक चर्चा करते हैं, साथही विभिन्न विषयों की प्रतिष्ठित हस्तियों केसाथ विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और सभी अंतर-अनुशासनात्मक परियोजनाओं, जहां विशेषज्ञ राय की आवश्यकता होती है की व्यवहार्यता और योजना का निर्माण करते हैं।