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Tuesday 7 March 2023 01:43:42 PM
पणजी। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने 23वें पांच दिवसीय राष्ट्रमंडल विधि सम्मेलन का शुभारंभ किया, जिसमें केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत भी शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुली चर्चा के एक सटीक प्लेटफॉर्म के रूपमें सम्मेलन के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहाकि अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने केलिए कानून को ऐसा होना चाहिए, जो आम आदमी को आसानी से समझ में आ सके। उन्होंने सुशासन और लोगों के कल्याण केलिए सरकार की प्रतिबद्धता परभी प्रकाश डाला। किरेन रिजिजू ने कहाकि सुशासन के अनगिनत पहलू और विशेषताएं हैं, जिनका उद्देश्य या लक्ष्य यह सुनिश्चित करना हैकि भ्रष्टाचार को कम से कम किया जाए, समाप्त कर दिया जाए और निर्णय लेते समय समाज के सबसे कमजोर लोगों की राय को ध्यान में रखा जाए।
विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार न केवल कारोबार करने में आसानी, बल्कि जीवनयापन कोभी आसान बनाने पर विशेष जोर देकर सुशासन को बढ़ावा देने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि इस संबंध में कानून के शासन की अवधारणा की अहम भूमिका है। उन्होंने यह जानकारी दीकि सरकार ने अप्रचलित एवं पुरातन कानूनों को निरस्त करने केलिए बड़ी कवायद की है और बीते 8 वर्ष में 1486 ऐसे कानूनों को कानून की किताब से हटा दिया गया है। उन्होंने कहाकि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय 65 और पुरातन कानूनों एवं इस तरह के अन्य प्रावधानों को निरस्त करने केलिए आगामी संसद सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारी में है। किरेन रिजिजू ने बतायाकि सरकार प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्राथमिकता दे रही है, भारतीय न्यायपालिका को पूरी तरह से पेपरलेस या कागजरहित बनाने के उद्देश्य से ई-कोर्ट्स के तीसरे चरण की शुरुआत की है।
कानून मंत्री ने बतायाकि लगभग 13000 अनुपालन बोझ को सरल बना दिया गया है, जबकि 1200 से भी अधिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण कर दिया गया है। कानून मंत्री ने न्याय व्यवस्था या प्रक्रिया में आम लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों जैसे कि वर्चुअल कोर्ट, ई-सेवा केंद्र और उच्च न्यायालयों में स्थित सूचना कियोस्क के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों में याचिकाओं एवं सहायक दस्तावेजों की ई-फाइलिंग केलिए शुरू की गई प्रणालियों के बारेमें भी बताया, जिससे वकीलों केलिए अब अपनी सुविधा के अनुसार 24x7 अपना मामला या याचिका दाखिल करना संभव हो गया है। राष्ट्रमंडल विधि सम्मेलन में 52 देशों के 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।