स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 12 March 2023 10:35:50 PM
लखनऊ। अवध अग्निहोत्र संघ ने हनुमंत धाम नए हनुमान मंदिर हज़रतगंज के प्रांगण में मासिक अग्निहोत्र श्रृंखला के अंर्तगत सूर्यास्त के निश्चित समय पर सामूहिक वैदिक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें 11 पात्रों में अग्निहोत्रकर्ताओं ने स्वयं अग्निहोत्र करके इसके महत्व को मंदिर में पधारे श्रद्धालुओं तक पहुंचाया। उल्लेखनीय हैकि वर्ष 1963 में पहली बार सूक्ष्म अग्निहोत्र यज्ञ की प्रामाणिक अनुभूत विधिपूर्वक शुरुआत हुई थी। माधवजी पोतदार साहिब ने बैरागढ़ भोपाल में शिवरात्रि पर इसे प्रारंभ किया था, जिसके असीमित आध्यात्मिक लाभ न केवल यज्ञकर्ता को बल्कि उनके परिवार, समाज और सृष्टि को प्राप्त होते हैं।
अग्निहोत्र एक ऐसा सूक्ष्म यज्ञ है, जिसपर बहुत कम खर्च में असीमित आध्यात्मिक लाभ मिलता है। वस्तुतः ये प्रतिदिन सूर्योदय और सूर्यास्त के निश्चित समय पर परमपिता परमेश्वर केप्रति कृतज्ञता या धन्यवाद ज्ञापित करने केलिए गाय के घी से मिश्रित दो चुटकी साबुत चावल अक्षत को गाय के गोबर के कंडों पर अग्नि प्रज्वलित कर आहुति देकर किया जाता है। यह विधि शारीरिक मानसिक और तमाम प्रकार की विषाणुजनित बीमारियों को वातावरण से शीघ्र मिटाने में समर्थ मानी जाती है, जिसे विज्ञानियों ने भी सिद्ध किया है। सामूहिक अग्निहोत्र यज्ञ सतीश गुप्ता उन्नाव के निर्देशन में विजय अग्निहोत्री, प्रदीप दीक्षित, डॉ निशिकांत मिश्र एवं अतिथियों के प्रतिभाग से संपन्न हुआ। अवध अग्निहोत्र संघ के पदाधिकारी ने बताया कि अगला सामूहिक अग्निहोत्र अब 9 अप्रैल को हनुमान मंदिर अलीगंज लखनऊ में होगा।