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Saturday 18 March 2023 03:09:06 PM
तिरुवनंतपुरम। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में केरल सरकार ने नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया, जिसमें राष्ट्रपति ने केरल के लोगों को देश के समग्र विकास और दुनिया में इसकी छवि को बढ़ावा देने में योगदान केलिए सराहना की। उन्होंने कहाकि भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने के बादसे यह उनकी केरल की पहली यात्रा है और केरलवासियों की व्यक्त गर्मजोशी एवं स्नेह की यादें हमेशा उनके साथ रहेंगी। राष्ट्रपति ने केरल को प्रगति और समृद्धि की यात्रा में आगे लेजाने केलिए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की प्रशंसा की एवं नागरिक अभिनंदन के आयोजन केलिए आभार भी जताया। राष्ट्रपति ने कहाकि मैं भगवान विष्णु के निवास तिरुवनंतपुरम में आकर खुदको भाग्यशाली महसूस कर रही हूं, केरल के हरे-भरे जंगल, खूबसूरत समुद्र तट और बैक वाटर, आकर्षक पहाड़ियां, प्यारी झीलें, घूमने वाली नदियां, लहराते नारियल के पेड़ और समृद्ध जैव विविधता इसे 'ईश्वर का अपना देश' बनाती है, यही कारण हैकि केरल सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों मेसे एक है, यह स्वास्थ्य रिसॉर्ट्स का एक प्रमुख केंद्र भी है, विशेष रूपसे वे जो प्रकृति उपचार और आयुर्वेद पर आधारित हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि केरल के प्रतिभाशाली और मेहनती लोगों ने अपनी ईमानदारी, कौशल और उद्यमिता केलिए वैश्विक सम्मान अर्जित किया है। उन्होंने अत्यधिक सम्मानित मलयाली डायस्पोरा के माध्यम से भारत के गौरव के प्रचार-प्रसार केलिए केरल के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहाकि केरल के लोगों का महानगरीय दृष्टिकोण अनुकरणीय है, केरल में भाषा और संस्कृति से बंधे हुए सभी धर्मों और धर्मों के लोग सद्भाव में एकसाथ रहते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि केरल जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की भूमि है, केरल में आध्यात्मिकता और समावेश की विभिन्न धाराएं बह रही हैं, जो श्रीनारायण गुरु, चट्टांबी स्वामीगल, अय्यंकाली, पोयकायिल अप्पाच्चन, वीटी भट्टतिरिपाद जैसे संतों और सुधारकों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहाकि केरल ने दिग्गजों की एक आकाशगंगा का निर्माण किया है, राष्ट्रपति भवन में मेरे विशिष्ट पूर्ववर्ती केआर नारायणन केरल के पुत्र थे, केरल की समृद्ध राजनीतिक विरासत में ईएमएस नंबूदरीपाद, आर शंकर, सी अच्युत मेनन, के करुणाकरन, ईके नयनार और केआर गौरी अम्मा भी शामिल हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि आधुनिक भारतीय साहित्य जी शंकर कुरुप, वैकोम मुहम्मद बशीर, एसके पोट्टेकट, थाकाज़ी शिवशंकर पिल्लई, एमटी वासुदेवन नायर, ओवी विजयन, ओएनवी कुरुप और अक्कितम अच्युतन नंबूदरी जैसे महान लोगों ने समृद्ध किया है।
द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि केरल वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास केलिए कई अत्याधुनिक सुविधाओं का घर है, मेट्रो मैन ई श्रीधरन, मिसाइल वुमन टेसी थॉमस, प्रख्यात भौतिक विज्ञानी थानु पद्मनाभन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें उत्कृष्टता के चमकदार उदाहरण हैं। उन्होंने कहाकि इतिहास के विभिन्न कालखंडों में केरल के सामाजिक ताने-बाने के प्रत्येक खंड में महिला सशक्तिकरण के चमकते आदर्श हैं जैसे-उनियारचा ने मार्शल आर्ट से स्वावलंबन का एक प्रेरक उदाहरण पेश किया था, वह केरल की लोककथाओं में अमर हैं, नंगेली ने दलित महिलाओं पर थोपी गई अनुचित प्रथाओं के विरोध में अपने जीवन का बलिदान कर दिया, जिसमें उनके व्यक्तिगत कपड़े भी शामिल थे, वह सामाजिक सम्मान और न्याय केलिए लड़ने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि हमारी संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं, उनमें से तीन केरल से थीं, अम्मू स्वामीनाथन, दक्षिणायनी वेलायुधन और एनी मस्करीन अपने समय से बहुत आगे थीं, दक्षिणायनी वेलायुद्धन संविधान सभा केलिए चुनी जानेवाली एकमात्र दलित महिला थीं।
राष्ट्रपति ने जानकारी देते हुए बतायाकि भारत में उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं, वह 1965 में डेम एलिजाबेथ लेन के ब्रिटेन में उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनने से पहले 1956 में केरल के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनी थीं। न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी ने सर्वोच्च न्यायालय में पहली महिला न्यायाधीश बनकर कानूनी इतिहास रचा था। कार्तियानी अम्मा 2018 में 96 साल की उम्र में अक्षर-लक्ष्म योजना केतहत पहली रैंक हासिलकर राष्ट्रीय आइकन बनीं, वे अपने संदेश से सभी को प्रेरित करती हैंकि सीखने केलिए कभी देर नहीं होती। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें नानचियम्मा को सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, एक आदिवासी महिला के रूपमें नानचियम्मा ने देशकी हर एक महिला को प्रेरित किया, विशेष रूपसे हमारे समाज के वंचित वर्गों से। उन्होंने कहाकि मैं इस वर्ष की केरल की गणतंत्र दिवस की झांकी से बहुत प्रभावित हूं, जिसमें नारी शक्ति प्रदर्शित की गई थी।
राष्ट्रपति ने कहाकि 'पय्योली एक्सप्रेस' पीटी उषा लड़कियों की बादकी पीढ़ियों केलिए खेलों को करियर के रूपमें अपनाने और भारत का गौरव बढ़ाने की प्रेरणा हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि केरल का लिंगानुपात देश में सबसे अच्छा है, केरल में महिला साक्षरता सहित उच्चतम साक्षरता दर भी है, मातृ स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और शिशु मृत्युदर को रोकने के मापदंडों पर केरल का प्रदर्शन देशमें सबसे अच्छा है। उन्होंने कहाकि जब महिलाओं को किसीभी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाती है तो इसका परिणाम उस समाज की समग्र बेहतरी में होता है और केरल में महिलाओं को अधिक शिक्षित एवं सशक्त किया जा रहा है, जो कई मानव विकास सूचकांकों पर केरल के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि केरल में महिला सशक्तिकरण की उच्च परंपराओं को ध्यान में रखते हुए 'कुदुम्बश्री' दुनिया में महिलाओं के सबसे बड़े स्वयं सहायता नेटवर्कों में से एक बन गया है। उन्होंने नागरिक अभिनंदन में कुदुम्बश्री के रजत जयंती समारोह के उद्घाटन केलिए केरल सरकार को धन्यवाद दिया और कहाकि यह भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि और संवेदनशीलता को कृतज्ञतापूर्वक याद करने का अवसर है, जिन्होंने 1998 में कुदुम्बश्री का शुभारंभ किया था, जब वे प्रधानमंत्री थे।
द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि केरल के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के विकास केलिए यहां शुरू किएगए कार्यक्रम 'उन्नति' से जुड़कर मुझे खुशी हो रही है यानी केरल एम्पावरमेंट सोसाइटी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के युवाओं केबीच रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर पैदा करना चाहती है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें खुशी हैकि आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रों में सहायक पहलों केसाथ राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण को उच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहाकि उनका मानना हैकि भारतीय भाषाएं ज्ञान सृजन केलिए अधिक सहायक माध्यम हो सकती हैं, इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 केतहत भारतीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश को केंद्र एवं राज्य सरकारों और शिक्षण संस्थानों में लागू किया जा रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में मलयालम में अनुवादित तकनीकी, इंजीनियरिंग और डिप्लोमा पुस्तकों के पहले बैच के विमोचन की सराहना की। उन्होंने कहाकि भारतीय भाषाओं के जरिए शिक्षा की ओर उन्मुखीकरण एक स्वागत योग्य बदलाव है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि केरल के शिक्षित और समर्पित युवा अमृतकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में बड़ा योगदान देंगे।