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Wednesday 29 March 2023 04:29:47 PM
नई दिल्ली। भारतीय सूचना सेवा 2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच के अधिकारी एवं अधिकारी प्रशिक्षुओं और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में भेंट की। राष्ट्रपति ने सभी अधिकारियों को कठिन परीक्षाओं को पास करने और देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में प्रवेश करने पर बधाई देते हुए कहाकि अमृतकाल में वे सब देशकी विकास यात्रा में परिवर्तन कारक बनने केलिए अच्छी स्थिति में हैं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को हमेशा यह याद रखने की सलाह दीकि उनके पद जिम्मेदारी और जवाबदेही वाले हैं। उन्होंने कहाकि आपने विभिन्न उद्देश्यों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सिविल सेवाओं को अपने करियर के रूपमें चुना होगा, लेकिन आपके प्रत्येक निर्णय और कार्रवाई से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा, इसलिए लक्ष्यों को देश के विकास तथा नागरिकों की भलाई केसाथ जोड़ा जाना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस अवसर पर भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि संचार सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों और इसके कामकाज के बारेमें नागरिकों को जागरुक करने का महत्वपूर्ण कारक है और प्रभावी संचार एवं सही सूचना के जरिए आईआईएस अधिकारी देश की प्रगति में नागरिकों को सूचित भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहाकि सूचना के व्यापक और तत्काल प्रसार के साथही समान रूपसे तेजगति से फर्जी सूचनाएं भी उभर रही हैं, जो बड़ी चुनौती है और आईआईएस अधिकारियों को फर्जी समाचारों से निपटने का उत्तरदायित्व भी भलीभांति संभालना होगा। राष्ट्रपति ने आईआईएस अधिकारियों से टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने और दुरूपयोग की जानेवाली मीडिया विशेषकर सोशल मीडिया पर झूंठी कहानियां गढ़ने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण केलिए समर्पण केसाथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि आईआईएस अधिकारी वैश्विक मंच पर भारत की छवि निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत ने हमेशा विश्व को शांति एवं भाईचारे का संदेश दिया है, मानवता केलिए सांस्कृतिक संदेशों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर का प्रसार एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां आईआईएस अधिकारी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। राष्ट्रपति ने आईएनएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि उन्हें भारतीय नौसेना और तटरक्षक दोनों को कुशल तथा सुरक्षित आयुध लॉजिस्टिक वितरण प्रणाली देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहाकि टेक्नोलॉजी में प्रगति और अत्याधुनिक हथियारों के आनेसे उन्हें स्वदेशीकरण की लक्ष्य प्राप्ति में नवाचार के प्रयास करने चाहिएं। राष्ट्रपति ने कहाकि पिछले दशक में स्वदेशीकरण की दिशामें बहुत कुछ प्राप्त किया गया है, लेकिन अब मेक इन इंडिया के विजन के अनुरूप भारत के भीतर तकनीकी रूपसे उन्नत उपकरण बनाकर आत्मनिर्भरता के नए चरण प्रारंभ करने का समय आ गया है। राष्ट्रपति ने आईएनएएस अधिकारियों से नौसेना आयुध के क्षेत्रमें आत्मनिर्भरता पाने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में दिल से योगदान करने का आग्रह किया।