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'ज़ोजिला टनल कश्मीर-लद्दाख केलिए अहम'

राजमार्ग मंत्री ने किया निर्माणाधीन महत्वपूर्ण परियोजना का निरीक्षण

न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से किया जा रहा ज़ोजिला सुरंग का निर्माण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 10 April 2023 04:30:57 PM

highway minister inspected the important project under construction

जम्मू। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों केसाथ लद्दाख केलिए प्रत्येक मौसम में सड़क संपर्क सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बन रही एशिया की सबसे लंबी सुरंग ज़ोजिला टनल एवं जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना का निरीक्षण किया। गौरतलब हैकि जम्मू-कश्मीर में 25000 करोड़ रुपये के व्यय केसाथ 19 सुरंगों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस ढांचागत कार्यक्रम केतहत ज़ोजिला में 6800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी सुरंग और एक उप सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
ज़ोजिला टनल 7.57 मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल ट्यूब व द्विदिशात्मक सुरंग है, जो कश्मीर में गांदरबल तथा लद्दाख के कारगिल जिले में द्रास शहर केबीच हिमालयन क्षेत्र स्थित ज़ोजिला दर्रे के नीचे से गुजरेगी। इस विशेष परियोजना में एक स्मार्ट टनल (पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डाटा अधिग्रहण प्रणाली) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है और इस सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का उपयोग करके किया जारहा है। यह सुरंग सीसीटीवी, रेडियो कंट्रोल, निर्बाध बिजली आपूर्ति और वायु-संचार जैसी आवश्यक सुविधाओं से लैस है। भारत सरकार को इस परियोजना में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल करने से इसे 5000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है।
ज़ोजिला सुरंग परियोजना केतहत बनने वाली मुख्य ज़ोजिला टनल 13153 मीटर लंबी है और इसमें 810 मीटर की कुल लंबाई के 4 पुलिया निर्धारित हैं, 4821 मीटर की कुल लंबाई की 4 नीलग्रार सुरंगें, 8 कट जो 2350 मीटर की कुल लंबाई को और तीन कट 500 मीटर को कवर करते हैं, इसके अलावा 391 मीटर तथा 220 मीटर के ऊर्ध्वाधर वेंटिलेशन शाफ्ट लगाया जाना प्रस्तावित हैं। अभीतक ज़ोजिला सुरंग का 28 प्रतिशत कार्य खत्म हो चुका है। वर्तमान समय में सामान्य मौसम के दौरान ज़ोजिला दर्रे को पार करने केलिए औसत यात्रा अवधि में कभी-कभी तीन घंटे लग जाते हैं, लेकिन इस सुरंग के पूर्ण रूपसे बन जानेके बाद सफर का समय घटकर सिर्फ 20 मिनट रह जाएगा। यात्रा के समय में कमी आनेसे कोई संदेह नहीं हैकि ईंधन की बचत भी होगी।
ज़ोजिला दर्रे के पास का इलाका बेहद कठिन है और यहां पर हरवर्ष कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो जाती हैं। आशा व्यक्त की जा रही हैकि ज़ोजिला सुरंग का कार्य पूरा हो जाने केबाद दुर्घटनाओं की संभावना नगण्य हो जाएंगी। एकबार संचालन शुरू होने केबाद यह सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख केबीच प्रत्येक मौसम में सड़क संपर्क सुविधा सुनिश्चित करेगी, जो लद्दाख के विकास तथा पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय व्यापारिक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की गतिविधियों केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

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