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रिटायर्ड सैनिक राष्ट्रीय संपत्ति हैं-रक्षामंत्री

राष्ट्रहित में पूर्व सैनिकों के समृद्ध अनुभवों का लाभ उठाएं!

केंद्रीय सैनिक बोर्ड की बैठक में सैनिक कल्याण पर विमर्श

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 11 April 2023 04:48:58 PM

union defence minister rajnath singh chairs the 31st kendriya sainik board meeting

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सैनिक बोर्ड की 31वीं बैठक में बोर्ड को पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास का उत्तरदायित्व सौंपा और नीतिगत उपायों के माध्यम से पूर्व सैनिकों तक पहुंचने के बारेमें वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ विचार-विमर्श किया, ताकि पूर्व सैनिकों के कल्याण एवं पुनर्वास को और अधिक सुनिश्चित किया जा सके। गौरतलब हैकि केएसबी केंद्र सरकार, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की शीर्ष संस्था है। राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों को राष्ट्रीय संपत्ति बताया और देश के लाभ केलिए उनके समृद्ध तथा व्यावहारिक अनुभव का उपयोग करने केलिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से नए तौर-तरीके बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि अनेक राज्यों में पूर्व सैनिकों केलिए नौकरियों में आरक्षण है, जिसका पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए और निगरानी की जानी चाहिए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस तथ्य की सराहना कीकि केंद्र और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने सैनिकों के कल्याण केलिए हमेशा एकसाथ काम किया है। उन्होंने केएसबी के कार्यों को सहकारी संघवाद का ज्वलंत उदाहरण बताया। उन्होंने कहाकि राज्यों और राजनीतिक दलों केबीच अनेक विषयों पर मतभेद हैं, यह सब लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन जब बात सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण की आती है तो सभी एकसाथ आ जाते हैं, हमारे सैनिकों को लेकर हमेशा सामाजिक और राजनीतिक सहमति रही है। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बल समान रूपसे देश की रक्षा करते हैं, यह हमारी राष्ट्रीय और सामूहिक जिम्मेदारी हैकि हम यह सुनिश्चित करेंकि सेवानिवृत्ति केबाद समाज में वापस जाने वाले हमारे सैनिक सम्मानित जीवन जीएं। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बलों को युवा रखने केलिए बड़ी संख्या में सैनिक 35-40 वर्ष की आयु में सम्मानपूर्वक सेवा मुक्त हो जाते हैं, परिणामस्वरूप वर्तमान 34 लाख पूर्व सैनिकों की संख्या में लगभग 60,000 सैनिक प्रति वर्ष जुड़ जाते हैं।
राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों के कल्याण केप्रति नरेंद्र मोदी सरकार के अटल संकल्प की बात की और पूर्व सैनिकों के कल्याण तथा विकास को सुनिश्चित करने केलिए रक्षा मंत्रालय के अनेक कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहाकि बीते तीन वर्ष में केएसबी की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लगभग 3.16 लाख लाभार्थियों को लगभग 800 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, पिछले वित्तीय वर्ष में एक लाख लाभार्थियों को लगभग 240 करोड़ रुपए दिए गए। उन्होंने कहाकि सरकार ने आवश्यक बजट प्रदान किया है। रक्षामंत्री ने कहाकि पैराप्लैजिक पुनर्वास केंद्र, किर्की, चेशर होम, मोहाली तथा देहरादून, लखनऊ और दिल्ली सहित देश के 36 युद्ध स्मारक अस्पतालों को संस्थागत अनुदान दिए गए हैं। उन्होंने दोहरायाकि पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना सुविधाओं की नियमित आधार पर समीक्षा की जा रही है। वर्तमान में 30 क्षेत्रीय केंद्र तथा 427 पोलीक्लीनिक कार्यरत हैं, 75 टाइप-सी और डी पोलीक्लीनिकों की स्वीकृति पहले ही दीजा चुकी है और पहुंच बढ़ाने केलिए वीडियो प्लेटफॉर्म, सेहत ओपीडी लॉंच किया गया।
रक्षामंत्री ने कहाकि विभिन्न स्थानों पर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जैसे नए गुणवत्ता संपन्न अस्पतालों को पैनल में शामिल किया जारहा है, लाभार्थियों को दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने केलिए दवा खरीदने की प्रक्रिया आसान बनाई जा रही है। राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों तक पहुंचने केलिए विशेष जागरुकता तथा आउटरिच कार्यक्रमों की जानकारी दी। पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास के सामूहिक प्रयास में नागरिकों तथा कारपोरेट सेक्टर को शामिल करने केलिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जारहे हैं। उन्होंने कहाकि सभी योजनाओं में आवेदन से लेकर वितरण तककी प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित है। रक्षामंत्री ने सीमा की सुरक्षा और समय पर विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं केदौरान कार्य करने केलिए सशस्त्रबलों की सराहना की। उन्होंने औपचारिक रूपसे सेवानिवृत्त होने केबाद मातृभूमि की सेवा करने का भाव बनाए रखने केलिए पूर्व सैनिकों की सराहना की। उन्होंने अनेक अवसरों विशेषकर कोविड-19 महामारी के विरुद्ध देश की लड़ाई केदौरान पूर्व सैनिकों के किएगए मूल्यवान योगदान को रेखांकित किया।
पूर्व सैनिकों ने देश के विभिन्न भागों में जरूरतमंद लोगों को दवाएं, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर तथा अन्य राहत सामग्री प्रदान करने में सरकार के प्रयासों में सहायता दी थी। बैठक के एजेंडे में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह का दायरा बढ़ाने के उपाय, पूर्व सैनिक समुदाय में गर्व की भावना बढ़ाने, सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष के अंतर्गत अनुदानों में वृद्धि, सशस्त्र बल कर्मियों को राज्य लाभ प्रदान करने में एकरूपता, संबंधित राज्यों में ईएसएम कारपोरेशन की स्थापना तथा सबसे अच्छा कार्य प्रदर्शन करने वाले राज्य सैनिक बोर्ड केलिए पुरस्कार का गठन शामिल रहे। राजनाथ सिंह ने आशा व्यक्त कीकि सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा पूर्व सैनिकों की पेंशन से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में सफल होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से पूर्व सैनिकों केसाथ सेवारत कर्मियों के भूमि विवादों को सुलझाने में उच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया। विचार-विमर्श में विभिन्न राज्यों के मंत्री, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) विजय कुमार सिंह, केएसबी के सचिव कॉमोडोर एचपी सिंह, राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

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