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राजस्थान को मिली अपनी वंदे भारत एक्सप्रेस!

वंदे भारत विकास आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता का पर्याय-मोदी

'जयपुर-दिल्ली यात्रा आसान और पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 12 April 2023 05:34:54 PM

rajasthan got its own vande bharat express

जयपुर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया और वीर भूमि राजस्थान को अपनी पहली वंदे भारत ट्रेन मिलने पर बधाई दी, जो न केवल जयपुर-दिल्ली केबीच यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि राजस्थान के पर्यटन उद्योग कोभी बढ़ावा देगी, क्योंकि यह तीर्थराज पुष्कर और अजमेर शरीफ जैसी आस्था के स्थलों तक पहुंचने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहाकि दो महीने में दिल्ली-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस सहित देश में छह वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाने का अवसर मिला है। उन्होंने मुंबई-सोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस, मुंबई-शिर्डी वंदे भारत एक्सप्रेस, रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस और चेन्नई कोयम्बटूर वंदे भारत एक्सप्रेस का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को रेखांकित कियाकि वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत केबाद से लगभग 60 लाख नागरिकों ने इससे यात्रा की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वंदे भारत की गति इसकी मुख्य विशेषता है और यह लोगों के समय की बचत कर रही है। उन्होंने कहाकि एक अध्ययन के अनुसार जो लोग वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करते हैं, वे प्रत्येक यात्रा पर 2500 घंटे बचाते हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालाकि वंदे भारत एक्सप्रेस को विनिर्माण कौशल, सुरक्षा, तेज गति और सुंदर डिजाइन को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक्सप्रेस ट्रेन भारत में विकसित की जाने वाली पहली अर्ध स्वचालित ट्रेन है और दुनिया की पहली सुगठित और कुशल ट्रेनों में से एक है, वंदे भारत पहली ट्रेन है, जो स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली, कवच के अनुकूल है। उन्होंने बतायाकि यह पहली ट्रेन है, जो बिना किसी अतिरिक्त इंजन की आवश्यकता के सह्याद्री घाटों की ऊंचाइयों को पार कर सकती है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि वंदे भारत एक्सप्रेस भारत प्रथम, हमेशा प्रथम' की भावना को साकार करती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि वंदे भारत एक्सप्रेस विकास, आधुनिकता, स्थिरता और आत्मनिर्भरता का पर्याय बन गई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद व्यक्त कियाकि रेलवे जैसी नागरिकों की एक महत्वपूर्ण और मूलभूत आवश्यकता को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। उन्होंने कहाकि आजादी के समय भारत को काफी बड़ा रेलवे नेटवर्क विरासत में मिला था, लेकिन आजादी केबाद के वर्षों में आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर राजनीतिक हित हावी रहे। उन्होंने उल्लेख कियाकि रेलमंत्री के चयन, ट्रेनों की घोषणा और यहां तककि भर्तियों में भी राजनीति साफ नज़र आई, रेलवे की नौकरियों के झूंठे बहाने देकर भूमि का अधिग्रहण किया गया और कई मानवरहित क्रॉसिंग बहुत लंबे समय तक चलते रहे तथा साफ़-सफाई एवं सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद स्थिति बेहतर हुई, जब लोगों ने पूर्ण बहुमत केसाथ एक स्थिर सरकार चुनी, जब राजनीतिक लेन-देन का दबाव कम हुआ तो रेलवे ने राहत की सांस ली और यह नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार राजस्थान को नए अवसरों की भूमि बना रही है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व काम किया है, जो राजस्थान जैसे राज्य केलिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यटन है। नरेंद्र मोदी ने फरवरी में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड के लोकार्पण का उल्लेख किया, इस खंड से दौसा, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने बतायाकि केंद्र सरकार राजस्थान में सीमावर्ती क्षेत्रों में लगभग 1400 किलोमीटर लंबाई की सड़कों पर काम कर रही है और राज्य केलिए 1000 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कें प्रस्तावित हैं। राजस्थान में कनेक्टिविटी को दी जा रही प्राथमिकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने तरंगा हिल से अंबाजी तक रेलवे लाइन पर काम शुरू करने का उल्लेख किया, यह लाइन एक सदी पुरानी लंबित मांग थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बतायाकि उदयपुर-अहमदाबाद लाइन बड़ी लाइन बनाने का काम पूरा हो चुका है और 75 प्रतिशत से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है।
नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी कीकि राजस्थान केलिए रेल बजट 2014 की तुलना में 14 गुना बढ़ा दिया गया है, जो 2014 के 700 करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष 9500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की गति भी दोगुनी हो गई है, रेल लाइन के आमान परिवर्तन और दोहरीकरण से डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और सिरोही जैसे आदिवासी क्षेत्रों को मदद मिली है। उन्होंने कहाकि अमृत भारत रेल योजना केतहत दर्जनों स्टेशनों का उन्नयन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार विभिन्न प्रकार की सर्किट ट्रेनों का भी परिचालन कर रही है और भारत गौरव सर्किट ट्रेनों का उदाहरण दिया, इन ट्रेनों ने अब तक 70 से अधिक यात्राएं की हैं और 15 हजार से अधिक यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अयोध्या-काशी, दक्षिण दर्शन, द्वारका दर्शन, सिख तीर्थस्थल हों ऐसे कई स्थानों केलिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें चलाई गई हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यात्रियों के सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता हैकि ये ट्रेनें एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को लगातार मजबूत कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने एक स्टेशन एक उत्पाद अभियान पर प्रकाश डाला और कहाकि भारतीय रेलवे ने पिछले वर्षों में राजस्थान के स्थानीय उत्पादों को पूरे देश में पहुंचाने का एक और प्रयास किया है। उन्होंने बतायाकि भारतीय रेलवे ने लगभग 70 एक स्टेशन एक उत्पाद के स्टॉल लगाए हैं, जिनमें राजस्थान की जयपुरी रजाई, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट वाली चादरें, गुलाब के उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि राजस्थान के छोटे किसानों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंचने का यह नया माध्यम मिला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह विकास में सबकी भागीदारी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौरपर कहाकि जब रेल जैसी परिवहन संपर्क की अवसंरचना मजबूत होती है तो देश मजबूत होता है, इससे देश के आम नागरिक को लाभ होता है, देश के ग़रीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहाकि आधुनिक वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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