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Saturday 15 April 2023 04:57:11 PM
उदयपुर। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें देश को सशक्त बनाने केलिए नए विचारों केसाथ आगे आने की अपील की है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत अपने युवाओं के बल पर नए सपने देख रहा है और नए लक्ष्य निर्धारित कर रहा है। उन्होंने कहाकि हम भारत को सबसे मजबूत देशों में से एक बनाने का प्रयास कर रहे हैं और हमारे ऊर्जावान युवा उस संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आग्रह कियाकि युवा भारत को सुरक्षित, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के प्रयासों में मदद करें। रक्षामंत्री ने ये बातें उदयपुर में जनार्दन रायनगर राजस्थान विद्यापीठ के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। रक्षामंत्री ने कहाकि आनेवाले समय में सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ेगा और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें उत्कृष्टता प्राप्त करने जरूरत है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश को और अधिक ऊंचाइयों पर लेजाने केलिए युवाओं का कुछ नया करने, अनुसंधान करने और मेहनतकर क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया। राजनाथ सिंह ने मानाकि युवाओं के पास सृजन, शिक्षण और बदलाव लाने की एक अद्वितीय शक्ति है और सरकार उन्हें समान अवसर प्रदान कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का न्यू इंडिया का सपना जल्द से जल्द साकार हो सके। रक्षामंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सहित युवाओं केलिए उठाए गए कई कदमों का जिक्र किया, जो समग्र शिक्षा पर केंद्रित है और ज्ञान एवं कौशल पर समान जोर देते हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत, फिट इंडिया आंदोलन जैसे अभियानों का जिक्र किया, जिनका उद्देश्य स्वस्थ, शिक्षित और कुशल कार्यबल तैयार करना है। रक्षामंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा में युवाओं के योगदान देने केबारे में रक्षा मंत्रालय के कदमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस पहल के बारेमें विस्तार से बताया, जिसमें सशस्त्र बल, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय तटरक्षक और अर्धसैनिक बल आम जनता से अपनी समस्या का समाधान पूछते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि समस्या को हल करने के दो तरीके हैं, एक है टेंडर जारी करना और किसी विदेशी कंपनी के जरिए उसका समाधान करवाना, दूसरा ऊर्जावान युवाओं के सामने समस्याओं को रखना हैं, जो देश की आबादी का 65 प्रतिशत से अधिक हैं, यही आईडीईएक्स के पीछे का विजन है, इसके लॉंच होने केबाद से केवल पांच वर्ष में हमें उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है, हम पहले ही नौ डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज लॉंच कर चुके हैं। उन्होंने कहाकि युवाओं ने कई समस्या को सुलझाने में मदद की है, हम न केवल युवाओं के विचारों को अपनाते हैं, बल्कि उन्हें निवेशकों से जोड़कर और अनुदान देकर आगे बढ़ाते हैं। रक्षामंत्री ने युवाओं में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने केलिए शुरू की गई पहलों के बारेमें भी बताया। उन्होंने कहाकि स्टार्ट-अप्स केलिए वेंचर कैपिटल फंडिंग की संस्कृति विकसित की गई है, जो शुरुआती स्तरपर उनकी मदद केलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि देशमें यूनिकॉर्न की संख्या आठ-नौ साल में चार या पांच से बढ़कर 100 को पार कर गई है और पिछले कुछ वर्ष में लगभग एक लाख स्टार्ट-अप्स तैयार हुए हैं, यह स्टार्ट-अप्स आधारित इनोवेशन इकोसिस्टम की सफलता का एक बड़ा प्रमाण है।
रक्षामंत्री ने कहाकि चाहे वह अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी हो या फिर स्वास्थ्य या रक्षा, भारत जो पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वह हाल के वर्ष में एक मजबूत राष्ट्र के रूपमें उभरा है और 2027 तक खुद को शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने की राह पर अग्रसर है। रक्षामंत्री ने छात्रों को भारतीय परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति के बारेमें जानकारी प्राप्त करने और समान ध्यान देने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इसे चारित्रिक विकास का एक अनिवार्य पहलू बताया। उन्होंने उनसे स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महान शख्सियतों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया, जिन्होंने समाज के मूल्यों को आगे रखा। उन्होंने कहाकि ये मूल्य भारत को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करेंगे। राजनाथ सिंह ने किसीभी कार्य को प्राप्त करने केलिए दृढ़ इच्छाशक्ति के महत्व को रेखांकित किया, इस बातपर जोर दिया कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं और किसीको भी उतार-चढ़ाव से विचलित नहीं होना चाहिए।
कोटा में आईआईटी और एनईईटी के उम्मीदवारों की आत्महत्या की खबरों का जिक्र करते हुए उन्होंने छात्रों से कहाकि याद रखें कोईभी लक्ष्य या सपना जीवन से बड़ा नहीं है। उन्होंने कहाकि अगर कोई बच्चा ऐसा कठोर कदम उठाता है तो यह समाज की सामूहिक विफलता है। उन्होंने सभी अभिभावकों, रिश्तेदारों, शिक्षकों और दोस्तों से आग्रह कियाकि वे कभीभी बच्चों को उनके परीक्षा परिणामों के आधार पर नहीं आंकें, बल्कि उनकी मेहनत के आधार पर उनका आकलन करें। रक्षामंत्री ने बदलते समय के अनुरूप नवीनतम तकनीकों को अपनाने के अलावा शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और इतिहास के क्षेत्रमें विभिन्न योजनाओं को लागू करके राष्ट्र की सर्वांगीण प्रगति में योगदान देने केलिए विद्यापीठ की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में प्रसिद्ध राजपूत योद्धा और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण भी किया। उन्होंने कहाकि एक शैक्षणिक संस्थान में स्थापित प्रतिमा न केवल भावी पीढ़ियों को शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने केलिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि उनके दिलों में देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना भी पैदा करेगी।