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Tuesday 18 April 2023 01:39:55 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अंतर्गत अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता पर नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 'सृजना' का आयोजन किया है। सम्मेलन में कई स्त्री रोग विशेषज्ञों ने अपने विचार-विमर्श में उल्लेख कियाकि भारत में महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता के मामले बढ़ रहे हैं और लगभग 15 प्रतिशत दंपति इससे प्रभावित हैं। उनका कहना हैकि महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता लाखों लोगों पर असर डालती है और उनके परिवारों एवं समुदायों को प्रभावित करती है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार निसंतान दंपतियों में से 37 प्रतिशत मामलों में महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता इसका कारण था।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता की समस्या को दूर करने केलिए राष्ट्रीय सम्मेलन के जरिए क्लिनिकल रिसर्च और जानकारियां साझा कर रहा है, जिसके बाद पैनल चर्चा होगी, जिसमें शामिल होने केलिए 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है। डायरेक्टर एआईआईए प्रोफेसर तनुजा नेसारी ने इस अवसर पर कहाकि सम्मेलन में आयुर्वेद के जरिए बांझपन से निपटने के उपायों की सफलता की कहानियों को साझा करने, अपने व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान का प्रसार करने केलिए भारतभर से कई वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और शिक्षाविदों को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है एवं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े कई स्त्री रोग विशेषज्ञों कोभी इस विषय पर नवीनतम जानकारी साझा करने केलिए आमंत्रित किया गया है।
डीएसआरआरएयू जोधपुर के पूर्व वीसी डॉ प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार ने कहाकि जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है, जो महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता का कारण बन रहा है और आयुर्वेद महिलाओं में संतानोत्पत्ति की अक्षमता को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सम्मेलन में सात वैज्ञानिकों सत्रों की व्यवस्था की गई है, प्रत्येक सत्र में आमंत्रित विशेषज्ञ वक्ता का विस्तृत व्याख्यान होगा और देशभर से पंजीकृत प्रतिनिधियों के वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार पूर्व कुलपति डीएसआरआरएयू जोधपुर, पूर्व डीजी आयुष प्रोफेसर पूजा भारद्वाज, प्रोफेसर तनुजा नेसारी डायरेक्टर एआईआईए, डीन और आईआईए के वरिष्ठ संकाय सदस्यों की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।