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हमें अपनी सेना पर गर्व है-रक्षामंत्री

भारतीय सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया

'सदैव अप्रत्याशित व अनिश्चित घटनाओं केलिए तैयार रहें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 20 April 2023 12:26:19 PM

defense minister rajnath singh at army commanders' conference

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा हैकि राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सुधारों एवं क्षमता आधुनिकीकरण के रास्ते पर सेना को आगे बढ़ने में मदद करने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक के रूपमें भारतीय सेना में अरबों से अधिक नागरिकों के विश्वास की फिरसे पुष्टि की और आवश्यकता पड़ने पर नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने के अलावा सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में सेना की निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने कहाकि देश में स्थिर आंतरिक स्थिति को बनाए रखने केलिए सुरक्षा, उच्च उपलब्धता आपदा वसूली, चिकित्सा सहायता से हर क्षेत्र में सेना का योगदान अनुकरणीय है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय सेना की भूमिका राष्ट्र निर्माण केसाथ समग्र राष्ट्रीय विकास में भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सेना कमांडरों के वर्ष 2023 के पहले सम्मेलन जो हाइब्रिड प्रारूप में शुरू हुआ में राष्ट्र और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा एवं सुरक्षा की परिकल्पना को सफलतापूर्वक बढ़ावा देने केलिए भारतीय सैन्य नेतृत्व की प्रशंसा की। यह सम्मेलन राष्ट्र निर्माण में आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस का योगदान विषय पर आधारित था। रक्षामंत्री ने वर्तमान जटिल वैश्विक स्थिति पर बल दिया, जो विश्व स्तरपर सभीको प्रभावित करती है। उन्होंने कहाकि हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत और विषम युद्ध भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होंगे, वर्तमान में साइबर सूचना संचार व्यापार और वित्त सभी भविष्य के संघर्षों का एक अविभाज्य हिस्सा बन गए हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि यह आवश्यक हैकि सशस्त्रबलों को रणनीति बनाते और तैयार करते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। उत्तरी सीमाओं पर वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करते हुए रक्षामंत्री ने किसीभी आकस्मिक स्थिति केलिए अपनी सेना में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया।
रक्षामंत्री ने कहाकि हालांकि शांतिपूर्ण समाधान केलिए चल रही बातचीत जारी रहेगी, पीछे हटना और तनाव कम करना आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है। राजनाथ सिंह ने कहाकि हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा केलिए विषम मौसम और शत्रुतापूर्ण ताकतों का मुकाबला करने वाले हमारे सैनिकों को सर्वोत्तम हथियारों, उपकरणों और कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित करने केलिए यह हमारा संपूर्ण सरकार का दृष्टिकोण है। रक्षामंत्री ने सीमा सड़क संगठन के प्रयासों की सराहना की, जिसके कारण कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं में सड़क संचार में अतुलनीय सुधार हुआ है। रक्षामंत्री ने पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमापार आतंकवाद केलिए भारतीय सेना की मुंहतोड़ प्रतिक्रिया की सराहना की, हालांकि विरोधियों का छद्म युद्ध जारी है। रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, स्थानीय पुलिस बल और सेना केबीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना की और कहाकि जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान क्षेत्र में स्थिरता, शांति को बढ़ावा देने में योगदान दे रहे हैं और यह जारी रहना चाहिए।
रक्षामंत्री ने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देनेवाले वीर शहीदों को याद किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने विदेशी सेनाओं केसाथ स्थायी सहकारी संबंध बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने केलिए सैन्य कूटनीति में सेना के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने 'ऑपरेशन दोस्त' के दौरान तुर्की में भूकंप केबाद मानवीय सहायता और आपदाराहत मिशन के तहत भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की। रक्षामंत्री ने जीवन के हर क्षेत्र में होरही तकनीकी प्रगति पर बल दिया और सशस्त्र बलों को उपयुक्त रूपसे इन्हें शामिल करने केलिए उनकी सराहना की। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट तकनीकों को विकसित करने केलिए सेना के प्रयास सराहे और कहाकि हम इस तरह स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण या आत्मनिर्भरता के उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस बातपर भी बल दियाकि उपयोगकर्ता के रूपमें हमें अपने उद्योगों, प्रौद्योगिकियों में विश्वास स्थापित करना चाहिए, जो उद्योग को सर्वश्रेष्ठ उत्पादन केलिए प्रेरित करेगा, साथही आत्मनिर्भरता की परिकल्पना कोभी प्रोत्साहित करेगा।
राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना की अधिकांश शाखाओं में स्थायी कमीशन और महिला अधिकारियों को शामिल करके महिला सशक्तिकरण की राष्ट्रीय परिकल्पना केप्रति समर्पित प्रयासों केलिए भी सैन्य नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने देश के युवाओं के देशसेवा के प्रति दिखाए गए उत्साह को अवसर देने केलिए सेना की भर्ती योजना अग्निवीर के कार्यांवयन की सराहना की। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर 'ब्लू हेलमेट ओडेसी-20वीं शताब्दी में शांति स्थापना के कार्यों की बदलती रूपरेखा' शीर्षक से भारतीय सेना संयुक्तराष्ट्र जर्नल का दूसरा संस्करण भी जारी किया, जो जर्नल वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व और राजनयिकों का मिशन और दृष्टिकोण से सुझावों का संकलन है और भारतीय सेना के 75 वर्ष पूरे होने पर डाक टिकट एक स्मारक है। रक्षामंत्री ने उच्च प्रौद्योगिकी, नवाचार, निगरानी केलिए समाधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, प्रशिक्षण, रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स पर केंद्रित एक उपकरण प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा बुनियादी ढांचे और सुरक्षा बल आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा इस तरह के मंच पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए, युद्ध की तैयारी एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और हमें सदैव अप्रत्याशित और अनिश्चित घटनाओं केलिए तैयार रहना चाहिए, जो कभीभी सामने आ सकती हैं। उन्होंने सैनिकों से कहाकि हमें हमेशा अपने लड़ने के कौशल और हथियारों की प्रौद्योगिकियों का सम्मान करना चाहिए, ताकि जबभी आवश्यकता हो प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके। सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं केसाथ-साथ अंदरूनी इलाकों में स्थिति और वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर रहा है। सम्मेलन संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

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