स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 25 April 2023 01:28:42 PM
रीवा (मध्यप्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर रीवा में आयोजित समारोह में लगभग 17000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया और कहाकि हमारा लक्ष्य जनसेवा से राष्ट्रसेवा है। प्रधानमंत्री ने मां विंध्यवासिनी और शौर्य की भूमि को नमन करने केसाथ अपने संबोधन की शुरुआत की एवं अपनी पूर्व यात्राओं और यहां के लोगों के स्नेह को याद किया। प्रधानमंत्री ने देशभर के 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों की वर्चुअल उपस्थिति का उल्लेख किया और कहाकि यह भारतीय लोकतंत्र की एक निर्भीक तस्वीर प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहाकि यहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के कार्य का दायरा अलग हो सकता है, लेकिन सभी देशसेवा के जरिए नागरिकों की सेवा करने के सामान्य लक्ष्य केलिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि पंचायतें गांव और ग़रीब केलिए केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं को समर्पण केसाथ लागू कर रही हैं।
पंचायत स्तरपर सार्वजनिक खरीद केलिए ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि ये पंचायतों के कामकाज को आसान बना रहे हैं। उन्होंने 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड के वितरण तथा मध्य प्रदेश के विकास केलिए रेलवे, आवास, जल और रोज़गार से संबंधित 17000 करोड़ की परियोजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के सपने को पूरा करने केलिए प्रत्येक नागरिक समर्पण केसाथ कार्य कर रहा है। उन्होंने एक विकसित राष्ट्र के निर्माण केलिए भारत के गांवों में सामाजिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था और पंचायती राज व्यवस्था के विकास पर प्रकाश डाला और बतायाकि हमारी सरकार एक मजबूत व्यवस्था बनाने और इसके दायरे का विस्तार करने केलिए अथक प्रयास कर रही है, जबकि पिछली सरकारों ने पंचायतों केसाथ भेदभाव किया था। प्रधानमंत्री ने बतायाकि वित्त आयोग ने 70000 करोड़ रुपये से कम धनराशि दी थी, जो देश के पैमाने के अनुसार बहुत अल्प धनराशि थी, लेकिन 2014 केबाद इस अनुदान को बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 के पूर्व के दशक में मात्र 6000 पंचायत भवनों का निर्माण किया गया, जबकि हमारी सरकार ने 8 वर्ष में 30000 से अधिक पंचायत भवनों का निर्माण कराया है। उन्होंने बतायाकि हमारी सरकार के सत्ता में आने केबाद दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी की सुविधा मिली है। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता केबाद पिछली सरकारों में मौजूदा पंचायती राज व्यवस्था केप्रति विश्वास की कमी को भी रेखांकित किया। 'भारत अपने गांवों में बसता है' महात्मा गांधी के इन शब्दों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछली सरकार ने उनकी विचारधारा पर शायद ही कोई ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप पंचायती राज दशकों तक उपेक्षित रहा। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज पंचायतें भारत के विकास की जीवनशक्ति बनकर सामने आ रही हैं और ग्राम पंचायत विकास योजना पंचायतों को प्रभावी ढंग से काम करने में मदद कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार गांवों और शहरों केबीच के अंतर को समाप्त करने केलिए लगातार काम कररही है, डिजिटल क्रांति के युग में पंचायतों को स्मार्ट बनाया जा रहा है, पंचायतों की परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर का उदाहरण दिया, जिसमें स्थलों के चयन और परियोजना को पूरा करने जैसे मुद्दों को प्रौद्योगिकी की मदद से पूरा किया जारहा है। उन्होंने कहाकि पंचायत स्तरपर जीईएम पोर्टल की सुविधा से स्थानीय कुटीर उद्योग को अपनी बिक्री केलिए एक मजबूत अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने पीएम स्वामित्व योजना में तकनीक के फायदे की बात कही। उन्होंने बतायाकि यह योजना गांवों में संपत्ति के अधिकार के परिदृश्य को बदल रही है और विवादों एवं मुकद्मों को कम कररही है, ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से लोगों केलिए बिना किसी भेदभाव के संपत्ति के दस्तावेज सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने बतायाकि देश के 75 हजार गांव में संपत्ति कार्ड का काम पूरा हो चुका है और इस दिशा में अच्छे कार्य केलिए मध्यप्रदेश सरकार की सराहना की। छिंदवाड़ा के विकास केप्रति उदासीनता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कतिपय राजनीतिक दलों की सोच को इसका कारण बताया। उन्होंने कहाकि सत्ताधारी दलों ने आजादी केबाद ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी करके ग्रामीण गरीबों के विश्वास को तोड़ा है। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि जिन गांवों में देश की आधी आबादी निवास करती है, वहां भेदभाव करने से देश आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गांवों में सुविधाएं और गांवों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहाकि उज्ज्वला और पीएम आवास जैसी योजनाओं ने गांवों पर गहरा प्रभाव डाला है। प्रधानमंत्री ने पीएम सौभाग्य योजना का भी जिक्र किया और बतायाकि जिन 2.5 करोड़ घरों को बिजली मिली है, उनमें से ज्यादातर घर ग्रामीण इलाकों के हैं और हरघर जल योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 9 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल से पेयजल आपूर्ति की सुविधा मिली है।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि पहले के 13 लाख की तुलना में अब मध्य प्रदेश में लगभग 60 लाख घरों में नल से जल आपूर्ति की सुविधा है। उन्होंने बतायाकि अधिकांश ग्रामीण लोगों के पास न तो बैंक खाते थे और न ही उन्होंने बैंकों की किसी सेवा का लाभ उठाया, इसके परिणामस्वरूप लाभार्थियों को भेजी गई नकद सहायता उनके पास पहुंचने से पहले ही लूट ली गई, जनधन योजना के तहत गांवों के 40 करोड़ से अधिक निवासियों केलिए बैंक खाते खोले गए और बैंकों की पहुंच को भारतीय डाकघर के माध्यम से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा विस्तारित किया गया है। नरेंद्र मोदी ने बैंक मित्रों और प्रशिक्षित बैंक सखियों का भी उदाहरण दिया, जो खेती हो या व्यवसाय हर चीज में गांवों के लोगों की मदद कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछली सरकारों में गांवों पर पैसा खर्च करने को नज़रअंदाज किया गया, क्योंकि गांवों को वोट बैंक नहीं माना जाता था। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने हरघर जल योजना, पीएम आवास योजना, दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने और पीएम ग्रामीण सड़क अभियान पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करके गांवों केलिए विकास के द्वार खोल दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सरकार ने लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित किए हैं तथा मध्य प्रदेश के लगभग 90 लाख किसानों को इस योजना के भाग के रूपमें 18500 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने कहाकि इस कोष से रीवा के किसानों को भी करीब 500 करोड़ रुपये मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि एमएसपी में वृद्धि के अलावा हजारों करोड़ रुपये गांवों तक पहुंचे हैं, जबकि कोरोनाकाल में सरकार पिछले तीन साल से गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि केंद्र सरकार पिछले वर्ष से 24 लाख करोड़ रुपये की सहायता देकर गांवों में रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर पैदा कर रही है, इस कारण गांवों में करोड़ों लोगों ने अपना रोज़गार शुरू किया है और महिलाएं बड़ी संख्या में लाभार्थी बनी हैं। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि बीते 9 वर्ष में 9 करोड़ महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जिनमें मध्य प्रदेश की 50 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं और सरकार प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को बिना बैंक गारंटी के 20 लाख रुपये तक का ऋण देने की पेशकश कर रही है।
हर जिले में राज्य सरकार के स्थापित 'दीदी कैफे' का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि महिलाएं अब कई लघु उद्योगों की बागडोर संभाल रही हैं। नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश में पिछले पंचायत चुनाव में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 17 हजार महिलाओं के पंचायत प्रतिनिधि के रूपमें चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकसित भारत केलिए देश की प्रत्येक पंचायत, संस्था, जनप्रतिनिधि, नागरिक को एकजुट होना होगा, यह तभी संभव है, जब हर बुनियादी सुविधा 100 प्रतिशत लाभार्थियों तक जल्दी और बिना किसी भेदभाव के पहुंचे। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि पंचायतों को कृषि की नई प्रणालियों के बारेमें जागरुकता फैलानी होगी। उन्होंने विशेष रूपसे प्राकृतिक खेती के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि छोटे किसानों, मछुआरों और पशुपालन से जुड़ी पहल में पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने छिंदवाड़ा-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेललाइन के विद्युतीकरण का उल्लेख किया, जो इस क्षेत्र के लोगों को दिल्ली-चेन्नई और हावड़ा-मुंबई से जोड़ने केसाथ जनजातीय आबादी को भी लाभांवित करेगा। नरेंद्र मोदी ने छिंदवाड़ा-नैनपुर केलिए नई ट्रेनों का भी जिक्र किया और कहाकि कई कस्बे-गांव अपने जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा, सिवनी से सीधे जुड़ जाएंगे, नागपुर और जबलपुर जाना भी काफी आसान हो जाएगा। उन्होंने इस क्षेत्रमें समृद्ध वन्यजीवन का उल्लेख किया और कहाकि परिवहन संपर्क बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह डबल इंजन सरकार की ताकत है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन कुलस्ते, साध्वी निरंजन ज्योति, कपिल मोरेश्वर पाटिल, कई सांसद और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।