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Tuesday 2 May 2023 06:09:13 PM
बेंगलुरु/ नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक और इसके पड़ोसी राज्यों में चुनाव प्रबंधन समन्वय की समीक्षा की। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से हुई समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, नोडल पुलिस अधिकारी, सीएपीएफ के नोडल अधिकारी और प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिनका उद्देश्य मौजूदा कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2023 को लेकर चुनाव प्रबंधन और विधि व कानून व्यवस्था के समन्वय की समीक्षा करना था। इन एजेंसियों में कर्नाटक एवं इसके सीमावर्ती राज्यों-गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के तटरक्षक, एनसीबी, आयकर विभाग आदि शामिल हैं। समीक्षा बैठक के दौरान सीईसी राजीव कुमार ने निगरानी टीमों को राज्य की सीमाओं पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूपसे छह पड़ोसी राज्यों के 185 अंतर्राज्यीय चेक पोस्टों पर सतर्कता की जरूरत पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेकि अवैध नकदी, शराब, नशीले पदार्थ, मुफ्त उपहारों की सीमापार आवाजाही न हो।
सीईसी राजीव कुमार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2018 में 83 करोड़ रुपये की तुलना में अबतक 305 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती का उल्लेख करते हुए धनबल को नियंत्रित करने में विफल स्थानीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने केलिए कहा। राजीव कुमार ने अधिकारियों से राज्य में प्रलोभन मुक्त चुनाव के आयोग के संकल्प को पूरा करने केलिए सीमावर्ती राज्यों की सहायता से जब्ती को और बढ़ाने एवं इसके उल्लंघनकर्ताओं केबीच प्रशासन का भय उत्पन्न करने को कहा। उन्होंने तटरक्षक एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों को कड़ी निगरानी रखने और नशीले पदार्थों के खतरे को कम करने में सहायता करने के निर्देश दिए। सीईसी ने अधिकारियों को चुनावी वातावरण को खराब करने वाले किसीभी उल्लंघन और फर्जी सामाग्रियों (कंटेंट) केलिए सोशल मीडिया पर सख्त नज़र रखने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से मतदान में बढ़ोतरी केलिए युवा और शहरी मतदाताओं की भागीदारी के स्तर को और अधिक बढ़ाने का अनुरोध किया।
चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय ने अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, लंबित गैर जमानती वारंटों का अनुपालन करने और चुनावी अवधि के दौरान कड़ी निगरानी रखने केलिए कहा, जिससे भय व पक्षपात के बिना चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अवैध शराब की जब्ती में सुधार की संभावना पर जोर दिया, अधिकारियों को इसके प्रमुख सरगना के खिलाफ कार्रवाई करने, शराब के भंडारण को रोकने और निर्यात केलिए निर्मित या कानून के तहत परिभाषित उपयोग के अलावा शीरे का कोई दूसरा उपयोग न हो, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अधिकारियों से कहाकि वे जनता को किसी तरह की परेशानी दिए बिना सतर्कता को मजबूत करें और जब्ती केबाद की कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहाकि इस समीक्षा का उद्देश्य पड़ोसी राज्यों कोभी चुनावों को सुचारू रूपसे कराने केलिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने केलिए संवेदनशील बनाना है। बैठक में गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पुलिस, सीआरपीएफ के आईजी, रेलवे के कार्यकारी निदेशक टीटी व कोचिंग और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।