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Sunday 7 May 2023 05:03:34 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई केंद्रीय विभागों के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि भारत प्रौद्योगिकी आधारित मधुमेह देखभाल का नेतृत्व करने केलिए तैयार है। डॉ जितेंद्र सिंह, जो स्वयं भी एक प्रसिद्ध डायबेटोलॉजिस्ट और प्रोफेसर हैं, ने 'डायबिटीज टेक्नोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स 2023' की तीन दिवसीय विश्व कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहाकि कोरोना महामारी से सफलतापूर्वक निपटने केबाद स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में शेष विश्व भारत की ओर देख रहा है। उन्होंने कहाकि तकनीकी और मानव संसाधन की दृष्टि से हम अन्य देशों से बहुत आगे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत तेजीसे अधिक से अधिक तकनीकी जानकार बन रहा है, विशेषकर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूपमें पदभार संभालने केबाद, क्योंकि वह व्यक्तिगत रूपसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि विज्ञान केप्रति प्रधानमंत्री की सोच स्वाभाविक है और बीते नौ वर्ष से उनके साथ काम करने के कारण वह अच्छी तरह कह सकते हैंकि मोदी अपनी टीम को विचारों को विकसित करने और उन्हें लागू करने की स्वतंत्रता देते हैं। राज्यमंत्री ने कहाकि टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में हमारे पास विश्व के कुछ सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप हैं, इन स्टार्टअप समूहों ने आर्टिफिशियल इंटलीजेंस डॉक्टरों को विकसित किया है। इसके एप्पलीकेशन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहाकि उनकी टीम ने उनके निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 60 दूरवर्ती गांव को चुना और 'डॉक्टर ऑन व्हील्स' नाम से एक टेलीमेडिसिन वैन को काम में लगाया। उन्होंने कहाकि टीम ने सभी 60 गांव में इसे 3 महीने तक चलाया और बहुत कम समय में सर्वोत्तम परामर्श प्रदान किया गया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत न केवल प्रौद्योगिकी अग्रणी बन रहा है, बल्कि एक विशाल चिकित्सा पर्यटन केंद्र भी बन रहा है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य सेवा को दीगई उच्च प्राथमिकता केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहाकि यह प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हित और हस्तक्षेप के कारण थाकि दो वर्ष के भीतर भारत ने न केवल बहुत छोटे देशों की तुलना में कोविड महामारी का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया, बल्कि डीएनए वैक्सीन ला दिया और इसे अन्य देशों को भी प्रदान करने में सफल रहा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत के विश्व में मधुमेह अनुसंधान के अग्रिम मोर्चे पर होने के कारण मधुमेह की रोकथाम न केवल स्वास्थ्य सेवा केप्रति हमारा कर्तव्य है, बल्कि राष्ट्र निर्माण केप्रति भी हमारा कर्तव्य है, क्योंकि यह 40 वर्ष से कम आयु की 70 प्रतिशत आबादी वाला देश है और आज के युवा India@2047 के प्रमुख नागरिक बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि हम डाइबिटिज मेलेटस और अन्य संबंधित विकारों या इसकी जटिलताओं के फलस्वरूप होने वाली जटिलताओं में उनकी ऊर्जा को बर्बाद नहीं होने दे सकते। उन्होंने इस सम्मेलन की अवधारणा केलिए डॉ बंशी साबू और उनकी टीम को बधाई दी।
एटीटीडी के अध्यक्ष डॉ तादेज बैटेलिनो ने इस बात पर सहमति व्यक्त कीकि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रमें भारत जो तकनीकी प्रगति कर रहा है, वह अन्य देशों की तुलना में बहुत तेज है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शरद कुमार अग्रवाल, राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुधीर भंडारी, डीटेक इंडिया के संस्थापक डॉ बंशी साबू, डीटेक के अध्यक्ष डॉ जोथीदेव केशवदेव, डीटेककॉन के वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ मनोज चावला, डीटेककॉन की आयोजन समित के सचिव डॉ अमित गुप्ता, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, उद्योग जगत की हस्तियों और हेल्थ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले कई स्टार्टअप्स ने भाग लिया। वर्ल्ड कॉग्रेस ऑफ डायबिटिज टेक्नोलॉजी एंड थेराप्यूटिक्स एक वैश्विक सम्मेलन है, जो प्रौद्योगिकी और थेराप्यूटिक्स क्षेत्र में नवीनतम विकास केलिए समर्पित है। इसके अतिरिक्त इंसुलिन पंप, निरंतर ग्लूकोज निगरानी, पॉइंट ऑफ केयर और फ्यूचरिस्टिक थेरेपी की गहरी समझ केलिए कार्यशालाओं और हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है।