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Tuesday 9 May 2023 04:00:35 PM
मसूरी। केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय सहित और भी कई विभागों में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि प्रौद्योगिकी प्रेरित गवर्नेंस मोदी सरकार के 9 वर्ष की पहचान है। उन्होंने मसूरी में लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों केलिए मध्य कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने केबाद प्रधानमंत्री ने 'मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट' का मंत्र दिया और इस मंत्र को संभव बनाने केलिए उन्होंने प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को लगातार बढ़ावा दिया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि एलबीएसएनएए की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि इसके पास युवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का अधिदेश है, जो अगले 25 वर्ष तक सक्रिय सेवा में रहेंगे और उन्हें 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाने का अवसर मिलेगा, जब वे भारत सरकार में वरिष्ठ पदों पर होंगे।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मोदी सरकार ने एक ओर स्व-प्रामाणिकरण या साक्षात्कार को समाप्त करते हुए गवर्नेंस को आसान बनाकर जीवन को सहज बनाने का प्रयास किया, वहीं दूसरी ओर सरकार अधिकारियों केलिए वातावरण को आसान बनाने या कार्य करने में सहजता का माहौल बनाने का भी प्रयास कर रही है। डॉ जितेंद्र सिंह ने उदाहरण के तौरपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 का उल्लेख किया, जिसे मोदी सरकार ने 2018 में 30 साल बाद संशोधित किया, जिसका उद्देश्य थाकि रिश्वत लेने के अतिरिक्त रिश्वत देने के काम कोभी अपराध घोषित किया जा सके और व्यक्तियों केसाथ कॉर्पोरेट संस्थानों के किएगए इस तरह के कार्यों से निपटने केलिए एक प्रभावी निवारक व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहाकि इससे अधिकारियों के अनुचित उत्पीड़न से बचा जा सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मिशन कर्मयोगी और आईजीओटी मंच प्रारंभ किया गया था, ताकि नया कार्यभार संभालने वाला कोईभी अधिकारी नए कार्यभार केलिए अपने भीतर अंतर्निहित क्षमता का निर्माण करने में सक्षम हो सके, इसके अतिरिक्त पहलीबार संबंधित कैडर में जानेसे पहले सहायक सचिवों का 3 महीने का कार्यकाल प्रारंभ किया गया है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहाकि इस तरह उनके पास केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं को जानने तथा परामर्शदाताओं को तैयार करने का अवसर है। डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रौद्योगिकी प्रेरित गवर्नेंस की पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहाकि आकांक्षी जिला इसी तरह का एक और प्रयोग था, जहां सरकार ने वैज्ञानिक आधार पर सूचकांक तय किए। उन्होंने कहाकि हमारे पास एक डैशबोर्ड है, जो वास्तविक समय में अद्यतन किया जाता है और निरंतर रूपसे प्रतिस्पर्धा हो रही है और पूरी तरह उद्देश्यपूर्ण है, एक और प्रमुख पहचान शिकायत निवारण है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के मानकों में शिकायत निवारण व्यवस्था एक है, जब हमने सीपीजीआरएएमएस लागू किया था, वर्ष 2014 में हमारे पास प्रत्येक वर्ष देशभर में लगभग 2 लाख शिकायतें दर्ज की जारही थीं, आज हमारे पास लगभग 20 लाख, 10 गुना अधिक हैं, यह शिकायत निवारण में लोगों के बढ़ते विश्वास का परिणाम है। उन्होंने कहाकि नागरिकों की भागीदारी पहले ही प्रारंभ हो चुकी है और इसका विशेष उदाहरण स्वामित्व योजना है, यह ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से जमीन की मैपिंग करके और सम्पत्ति के मालिकों को कानूनी स्वामित्व कार्ड जारी करने केसाथ गांव के घरेलू मालिकों को 'अधिकारों का रिकॉर्ड' प्रदान करके ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में सम्पत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में सुधार का कदम है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने डिजिटल परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहाकि ई-ऑफिस संस्करण 7.0 को फरवरी 2023 के अंततक केंद्रीय सचिवालय के सभी 75 मंत्रालयों में अपनाया गया है। यह सराहनीय उपलब्धि हैकि केंद्रीय सचिवालय में सभी फाइलों में 89.6 प्रतिशत को ई-फाईल के रूपमें प्रोसेस किया जाता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि अब आनेवाले 25 वर्ष में चुनौती यह होगीकि प्रौद्योगिकी और मानव इंटरफ़ेस केबीच सर्वाधिक संतुलन कैसे बनाया जाए और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा ह्यूमन इंटेलिजेंस केबीच संतुलन कैसे बनाया जाए, ताकि दोनों को मिलाकर सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त किए जा सकें। कार्यक्रम को लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक के श्रीनिवास ने भी संबोधित किया और कहाकि अकादमी मिशन कर्मयोगी का अनुपालन करने वाली बन गई है।