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Wednesday 17 May 2023 05:29:20 PM
भुवनेश्वर। केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने जी20 संस्कृति कार्य समूह केसाथ भुवनेश्वर में आयोजित विचार-विमर्श सत्र में भाग लिया और मीडिया से बातचीत में अमृतकाल में अर्थात अबसे 25 वर्ष बाद भारत को और अधिक समृद्धि की ऊंचाइयों पर लेजाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा को दोहराते हुए कहाकि भारत को वास्तव में अपना समृद्धशाली युग फिरसे प्राप्त करने केलिए तेजीसे कार्य करना होगा। संस्कृति की सामंजस्यपूर्ण प्रकृति के बारेमें उन्होंने कहाकि संस्कृति सभीको एकसाथ जोड़ने का माध्यम है, विशेष रूपसे ऐसे समय में जब विश्व में बहुत अधिक मानसिक तनाव दिखाई दे रहा हो। मीनाक्षी लेखी ने कहाकि पहलीबार जी20 में संस्कृति कार्य समूह को स्थान दिया गया है और जब जी20 सद्भाव और शांति की बात करता है तो संस्कृति पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि संस्कृति कार्य समूह की बैठक ओडिशा या उत्कल में आयोजित की गई, जिसका अनुवाद उत्कर्ष कला की भूमि है, गौरवशाली कला और संस्कृति की भूमि है। जी20 संस्कृति कार्य समूह के चर्चा सत्र में प्रतिनिधियों ने संस्कृति कार्य समूह के प्रारूप की तीसरे और चौथे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों 'सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों का प्रचार तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था' और 'संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन केलिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना' विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए भाग लिया, जिससे सांस्कृतिक क्षेत्र को सुदृढ़ स्वरूप दिया जा सकेगा और मूर्त एवं क्रियाउन्मुख सिफारिशों से इस क्षेत्र को विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया जा सकेगा तथा वैश्विकस्तर पर नीतिगत ढांचे का निर्माण हो सकेगा।
जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठकों के छह सत्र हुए। ये बैठकें चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित थीं-सांस्कृतिक संपदा का संरक्षण और पुनर्स्थापना, सतत भविष्य केलिए जीवंत विरासत का उपयोग, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों, रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन केलिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाना। प्रतिनिधियों को यूनेस्को की सूची में शामिल भारत के विश्वधरोहर स्थल कोणार्क सूर्य मंदिर दिखाया गया। यह ओडिशा के पुरी जिले में है और सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर 13वीं शताब्दी में बनाया गया था, इसे कलिंग वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति माना जाता है। प्रतिनिधियों ने गोटीपुआ नृत्य देखा, जो पुरी में जगन्नाथ मंदिर की परंपरा से जुड़े प्राचीन नृत्य रूपों में से एक है। स्थानीय कलाकारों ने विभिन्न भंगिमाओं के माध्यम से यह सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया।
मीनाक्षी लेखी ने इस मौके पर ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की प्रस्तुति करनेवाले कलाकारों को सम्मानित किया। मीनाक्षी लेखी ने प्रतिनिधियों केसाथ उदयगिरि की प्रसिद्ध गुफाओं का भी दौरा किया, जो 2000 वर्ष से अधिक पुरानी हैं। प्रतिनिधि भुवनेश्वर में गांधी शांति केंद्र में संग्रहालय गए, जो महात्मा गांधी के जीवन और दृष्टि को समर्पित है। राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में चट्टानों को काटकर बनाई गई उदयगिरी की प्राचीन गुफाओं को देखा और अपना अनुभव साझा किया, ओडिशा के उत्कृष्ट शिल्प कौशल और समृद्ध संस्कृति को देखकर आश्चर्यचकित हैं। जी20 संस्कृति कार्य समूह की बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक क्षेत्र से संबंधित प्रमुख मुद्दों और सतत विकास पर विचार-विमर्श करने केलिए एक समावेशी और सहयोगी मंच को बढ़ावा देना है।