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श्रीनगर में जी20 देशों की पर्यटन बैठक शुरू

'जम्मू-कश्मीर के बदले हुए परिदृश्य को दिखाने का अवसर'

केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह का जी20 पर साक्षात्कार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 May 2023 04:33:42 PM

dr jitendra singh

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आज से जी20 देशों की पर्यटन बैठक की शुरूआत हो रही है। इस बारेमें एक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री कार्यालय सहित और भी कई विभागों के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि जी20 बैठक को लेकर देश में सबसे ज्यादा उत्साह श्रीनगर में है, कुछ साल पहले तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करना बहुत मुश्किल था और इस तरह के आयोजनों पर 1990 केबाद से लगभग विराम ही लग गया था। उन्होंने कहाकि उनका मानना हैकि यह भारत केलिए जम्मू-कश्मीर के बदले हुए परिदृश्य को दिखाने का एक अवसर भी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है, क्योंकि यह साहस और दृढ़ विश्वास केसाथ उनका एक बहुतही प्रतिबद्ध दृष्टिकोण था। उन्होंने बतायाकि वह जी20 पर्यटन बैठक के आधिकारिक उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे और फिर 'आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण केलिए फिल्म पर्यटन' और 'पारिस्थितिकी पर्यटन' पर दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि तथ्य यह हैकि जी20 बैठक श्रीनगर में आयोजित की जा रही है, यह अपने आपमें उस बदलाव का संकेत है, जो बीते 9 वर्ष में विशेष रूपसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पथप्रदर्शक पहलों केबाद हुआ है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह जी-20 बैठक इस बात काभी संकेत हैकि देश के दूसरे शहरों की तरह अब पूरा जम्मू-कश्मीर और खासकर कश्मीर घाटी भी आगे बढ़ रहा है, जिसे कुछ साल पहले तक आतंकवाद का केंद्र माना जाता था। उन्होंने कहाकि श्रीनगर में भी दूसरे शहरों की तरह जी20 के कार्यक्रम की योजना बहुत ही पेशेवर तरीके से बनाई गई है। उन्होंने बतायाकि कश्मीर में उनके प्रवास के दौरान प्रतिनिधियों केलिए सॉफ्ट इवेंट जोड़े गए हैं, उनमें से एककी मेजबानी भारत सरकार का पर्यटन विभाग करेगा, जो फिल्मों को समर्पित है, इसमें फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोकप्रिय सितारे भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बतायाकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन एक अन्य कार्यक्रम की मेजबानी करेगा, जो कश्मीर के विभिन्न पहलुओं और सुंदरता को उजागर करने केलिए समर्पित होगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर केसाथ-साथ पूर्वोत्तर कोभी विशेष प्राथमिकता दे रहे हैं और जी20 सदस्यों के विशेष दौरे की व्यवस्था भी कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि अन्य मंत्रालयों पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर दोनों में ये परिवर्तन भी आम आदमी के स्तर पर हुआ है, श्रीनगर की सड़कों पर चलने वाला आम आदमी अब आगे बढ़ना चाहता है, क्योंकि उन्होंने दो पीढ़ियों को आतंकवाद की वेदी पर कुर्बान होते देखा है। युवाओं के बारेमें बात करते हुए उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत आबादी 40 साल से कम उम्र की है और कश्मीर के युवा बेहद महत्वाकांक्षी हैं, उन्हें सभी चीज़ो की बहुत अच्छी जानकारी हैं, चाहे स्टार्टअप हो या वो रास्ते जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें उपलब्ध कराए हैं, वे इन विशाल अवसरों के बारेमें पूरी तरह से जानते हैं, इसलिए वे पीछे नहीं छूटना चाहते। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यही कारण हैकि जम्मू-कश्मीर में आमतौर पर लोग खासकर श्रीनगर में इस आयोजन का बड़े उत्साह केसाथ इंतजार कर रहे थे, उन्हें यह भी उम्मीद हैकि पर्यटन राजस्व सृजन के मामले में उन्हें इससे कुछ व्यावसायिक लाभ मिलेंगे।
राज्यमंत्री ने कहाकि फिल्म की शूटिंग कश्मीर केलिए कोई नई बात नहीं है, 20वीं सदी की शुरुआत में और आजादी केबाद भी कश्मीर बॉलीवुड की पसंदीदा जगहों में से एक था, इसका कारण यह हैकि इन स्थानों में बहुमुखी प्रतिभा थी और यह बहुत ही किफायती था, इसलिए कश्मीर में फिल्माई गई फिल्मों की एक श्रृंखला थी, फिर 1990 में अचानक सबकुछ रुक गया। उन्होंने कहाकि वे फिल्में जो निर्माण केबीच में थीं, उन्हें वास्तव में वैकल्पिक स्थान खोजने में कठिनाई हुई। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि जब निर्माताओं ने यूरोप जैसे अन्य स्थानों में शूटिंग शुरू की तो लागत हमेशा अधिक लगती थी, हॉलैंड में ट्यूलिप गार्डन की शूटिंग कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन के समान नहीं होगी, क्योंकि आप एकही परिदृश्य, एक ही वीडियो का कम लागत में उत्पादन करते हैं, जो कश्मीर में कई गुना कम है और कश्मीर में कुछ किलोमीटर के दायरे में फव्वारे, झीलें, पठार और बर्फ से ढकी चोटियां हैं। उन्होंने कहाकि विश्वास निर्माण भी बहुत सफल पर्यटन सीजन के कारण हुआ है, क्योंकि हालही में पिछले साल लगभग 2 करोड़ लोगों ने कश्मीर का दौरा किया था।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि सभी होटल बुक हो गए और यहां तककि होम टूरिज्म भी समाप्त हो चुका है, अब यह बहुत अजीब है, क्योंकि कश्मीर में होम टूरिज्म कभीभी एक संस्कृति नहीं थी, यहां घरेलू पर्यटक नहीं, बल्कि ज्यादातर कुटुंब पर्यटक, होटल पर्यटक थे। उन्होंने कहाकि इसलिए इसबार भीड़ इतनी अधिक थीकि आगंतुकों केपास कोई विकल्प नहीं था और लोगों ने अपने घरों को खोल दिए, यहां तककि घर भी भर गए। डॉ जितेंद्र सिंह ने उल्लेख कियाकि ऐसा नहीं हैकि भारत केवल यह संदेश देना चाहता हैकि कश्मीर में चीजें सामान्य हो रही हैं, बल्कि यह वास्तव में ऐसा हो रहा है, इसलिए जब जी20 देशों के प्रतिनिधि यहां आ रहे हैं, उनमें से कई पहलीबार जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रहे हैं, वे अपनी आंखों से देखेंगे और मीडिया के कुछ वर्गों में जो यहां की तस्वीर पेश की गई है, उससे संबंधित होने की कोशिश करेंगे, वे संदेश लेजाने में सक्षम होंगे और न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे भारत के सच्चे संदेशवाहक होंगे, जैसाकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन उभरा है।

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