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Monday 12 June 2023 05:03:30 PM
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के जरिए वाराणसी में जी20 विकास मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र की जननी भारत के सबसे पुराने जीवंत शहर वाराणसी में जी20 विकास मंत्रियों का स्वागत किया और काशी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहाकि यह शहर जहां सदियों से ज्ञान, चर्चा, विचार-विमर्श, संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र है, वहीं इसमें भारत की विविध विरासत का सार भी है, जो देश के सभी हिस्सों के लोगों केलिए एक मिलन बिंदु के रूपमें कार्य करता है। नरेंद्र मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि जी20 का विकास एजेंडा काशी तक भी पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ग्लोबल साउथ के देशों केलिए विकास एक मुख्य मुद्दा है, ग्लोबल साउथ के देश जहां वैश्विक कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधानों से गंभीर रूपसे प्रभावित हुए, वहीं भू-राजनैतिक तनाव उनके खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक संकट केलिए जिम्मेदार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ऐसी परिस्थितियों में लिएगए निर्णय संपूर्ण मानवता केलिए महत्वपूर्ण होते हैं और सतत विकास लक्ष्यों को पीछे नहीं छूटने देना लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहाकि ग्लोबल साउथ के देशों को इसे प्राप्त करने हेतु आवश्यक कार्ययोजना के बारेमें दुनिया को एक ठोस संदेश भेजना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि हमारे प्रयास व्यापक, समावेशी, निष्पक्ष और टिकाऊ होने चाहिएं और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने हेतु निवेश बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिएं, साथही कई देशों में सामना किए जारहे ऋण संबंधी जोखिमों को दूर करने केलिए समाधान खोजे जाने चाहिएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पात्रता संबंधी मानदंड का विस्तार करने हेतु बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार किया जाना चाहिए, ताकि जरूरतमंद लोगों केलिए वित्त सुलभ होना सुनिश्चित हो सके। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में हमने उन सौ से अधिक आकांक्षी जिलों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए हैं, जो अल्पविकास वाले पॉकेट थे, ये आकांक्षी जिले अब देश में विकास के उत्प्रेरक के रूपमें उभरे हैं। नरेंद्र मोदी ने जी20 विकास मंत्रियों से विकास के इस मॉडल का अध्ययन करने का आग्रह किया।
नरेंद्र मोदी ने जी20 विकास मंत्रियों से कहाकि यह उनके लिए प्रासंगिक हो सकता है, क्योंकि वे एजेंडा 2030 को गति देने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। बढ़ते डेटा विभाजन के मुद्दे पर प्रधानमत्री ने कहाकि सार्थक नीति निर्माण, कुशल संसाधन आवंटन और प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण केलिए उच्च गुणवत्ता वाला डेटा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि डेटा विभाजन को पाटने में मदद करने केलिए प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण एक महत्वपूर्ण उपकरण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में डिजिटलीकरण क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है, जहां प्रौद्योगिकी का उपयोग एक उपकरण के रूपमें लोगों को सशक्त बनाने, डेटा को सुलभ बनाने और समावेशिता सुनिश्चित करने केलिए किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत भागीदार देशों केसाथ अपने अनुभव को साझा करने केलिए तैयार है और आशा व्यक्त कीकि इन चर्चाओं की तार्किक परिणति विकासशील देशों में चर्चा, विकास और वितरण हेतु डेटा को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कार्रवाई के रूपमें होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि काशी की भावना को भारत की कालातीत परंपराओं से ऊर्जा मिलती है और गणमान्य व्यक्तियों से आग्रह कियाकि वे अपना सारा समय बैठक कक्षों में न बिताएं, काशी की भावना का पता लगाने और उसका अनुभव करने केलिए उन्हें प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि गंगा आरती का अनुभव और सारनाथ का दौरा उनको वांछित परिणाम प्राप्त करने केलिए प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री ने पृथ्वी के अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देनेवाले पारंपरिक भारतीय विचार पर कहाकि भारत में हम नदियों, पेड़ों, पहाड़ों और प्रकृति के सभी तत्वों का बेहद सम्मान रखते हैं। उन्होंने पिछले वर्ष संयुक्तराष्ट्र महासचिव केसाथ मिशन लाइफ को लॉंच करने को याद किया और खुशी व्यक्त कीकि यह समूह उच्चस्तरीय सिद्धांतों का एक सेट विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहाकि यह जलवायु कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत महिला सशक्तिकरण तकही सीमित नहीं है, बल्कि इसका विस्तार महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास तक है। नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित कियाकि महिलाएं विकास का एजेंडा तय कर रही हैं और वे विकास एवं परिवर्तन की वाहक भी हैं। उन्होंने सभीसे महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए परिवर्तनकारी कार्ययोजना को अपनाने का आग्रह किया। नरेंद्र मोदी ने एजेंडा 2030 को बढ़ावा देने और ग्लोबल साउथ के देशों की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु विचार-विमर्श की सफलता केलिए अपनी शुभकामनाएं दीं।