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भारत-फ्रांस की वैश्विक ऊर्जा सहयोग पर बैठक

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का भारत अध्यक्ष और फ्रांस सह-अध्यक्ष है

भारत विश्व में हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा-ऊर्जा मंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 14 June 2023 04:23:01 PM

india-france meeting on global energy cooperation

नई दिल्ली। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने यूरोप और विदेश मंत्री से संबद्ध विकास, फ्रैंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्यमंत्री क्रिसौला जचारोपोलू केसाथ श्रमशक्ति भवन नई दिल्ली में बैठक की। क्रिसौला जचारोपोलू भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लिनेन, गुइलाउम पोट्टीयर, राज्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और भारत में फ्रांस के दूतावास के राजनीतिक परामर्शदाता पाब्लो अहुमादा केसाथ आरके सिंह से मिलने आए थे। इस अवसर पर आरके सिंह ने प्रतिनिधियों को बतायाकि भारत में प्रतिव्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत का एक-तिहाई होने के बावजूद देश का ऊर्जा परिवर्तन सबसे तेज है। उन्होंने बतायाकि हमारी 43 प्रतिशत क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त होते हैं, हम वर्ष 2030 तक अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने केलिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहाकि भारत विश्व में हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में अग्रणी बनने जा रहा है और देश तेजगति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि कर रहा है, जिससे आने वाले समय में देश को ऊर्जा की लागत कम करने में भी मदद मिलेगी।
वैश्विक ऊर्जा सहयोग पर बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहाकि आर्थिक रूपसे मजबूत देशों को स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा निधियां मिलेंगी, जबकि आर्थिक रूपसे कमजोर देशों को हरित निधियों की जरूरत पड़ेगी और हमें ऐसे देशों की मदद करनी होगी, जिन्हें धन की जरूरत है। भारत-फ्रांस ने यह भी अवलोकन कियाकि लगभग आधे अफ्रीकी महाद्वीप में बिजली की पहुंच उपलब्ध नहीं है। यह देखते हुएकि ऊर्जा परिवर्तन केसाथ ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए ऊर्जा मंत्री ने इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत-फ्रांस के मंत्रियों का कहना थाकि अफ्रीका में डीकार्बोनाइजेशन की समस्या नहीं है, क्योंकि वहां पर वर्तमान में विद्युत उपलब्धता बहुत सीमित है, इस परिदृश्य में सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत की पहुंच प्राप्त करना सबसे सस्ता और सरल विकल्प है। ऊर्जा मंत्री ने तीन निधियों-नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, भुगतान सुरक्षा तंत्र और ऋण वित्तपोषण हेतु बीमा की आवश्यकता जताई। गौरतलब हैकि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का भारत अध्यक्ष और फ्रांस सह-अध्यक्ष है।
ऊर्जा मंत्री ने कहाकि एकबार स्थापित होने पर ये निधियां योगदान और ब्याज भुगतानों के कारण बढ़ेंगी, भारत में भी हमारा निवेश एक कोष की वजह से आ रहा है, जिसे भुगतान सुरक्षा तंत्र के रूपमें स्थापित किया गया है। आरके सिंह ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को जोखिम मुक्त तंत्र स्थापित करना चाहिए और अधिक से अधिक हरित निधियों का उपयोग करना चाहिए, इस प्रकार अफ्रीका महाद्वीप में ग्रिड स्केल सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। दोनों पक्षों ने नवीकरणीय ऊर्जा में केन्या की सफलता का जिक्र किया और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से केन्या में आईएसए के सम्मेलन की चर्चा की। विचार-विमर्श का मुख्य केंद्र सौर ऊर्जा विशेष रूपसे अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थागत ढांचे के तहत संचालित वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने केलिए सहयोग के बारे में था। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने विशेष रूपसे अफ्रीका में अधिक सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने केलिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। 

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