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'लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत स्मृति व्याख्यान'

'भारतीय सेना के इतिहास पर जनरल पीएस भगत की अमिट छाप'

सेना प्रमुख और पूर्व सेना प्रमुख ने समृद्ध विरासत के किस्से सुनाए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 15 June 2023 12:49:53 PM

'lieutenant general ps bhagat memorial lecture'

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में 'लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम भगत की विरासत-एक दूरदर्शी और रणनीतिक नेता' पर पहले 'लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत स्मृति व्याख्यान' का आयोजन किया, जो थल सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा यूएसआई में स्थापित लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत मेमोरियल चेयर ऑफ एक्सीलेंस के हिस्से के रूपमें था। पूर्व सेनाप्रमुख जनरल वीपी मलिक ने व्याख्यान में मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत के शुरुआती दिनों से लेकर दूसरे लेफ्टिनेंट के रूपमें दामोदर घाटी निगम के अध्यक्ष के रूपमें कार्य करते हुए उनके निधन तककी विरासत के कई किस्से सुनाए।
सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इस अवसर पर कहाकि लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत के व्यक्तित्व ने भारतीय सेना के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी है और उनकी अनुकरणीय सेना एवं राष्ट्र सेवा की विरासत हम सभी केलिए प्रेरणास्रोत है। सेनाप्रमुख ने कहाकि लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत एक उत्कृष्ट पेशेवर और सफल लेखक भी थे, उन्होंने पुनर्गठित उत्तरी कमान के पहले जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के रूपमें कार्य किया। सेनाप्रमुख ने कहाकि लेफ्टिनेंट जनरल भगत एक युवा और दूसरे लेफ्टिनेंट के रूपमें पहले भारतीय सैनिक थे, जिन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान प्रतिष्ठित विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। सेनाप्रमुख ने किस्से सुनाते हुए बतायाकि दुश्मन की गोलाबारी केबीच बारूदी सुरंगों को साफ करते समय उन्होंने अपने वाहन केसाथ तीनबार सुरंगी विस्फोट का सामना किया, वे एक ईयर ड्रम पंचर के बावजूद बिना रुके और थके 96 घंटे तक लगातार अपना काम करते रहे।
जनरल मनोज पांडे ने सितंबर 1971 में लखनऊ में आर्मी कमांडर के रूपमें लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत से जुड़ी उस घटना का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने गोमती नदी में दरार के माध्यम से हो रहे प्रवाह को रोकने केलिए पत्थरों और शिलाखंडों से लदे ट्रकों को धक्का देकर लखनऊ शहर को बचाया था, जिसके लिए स्थानीय समाचार पत्रों ने उन्हें अगले दिन की सुर्खियों में लखनऊ के रक्षक के रूपमें शीर्षक दिया था। सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वीएन शर्मा और जनरल एमएम नरवणे, वरिष्ठ सैन्यकर्मी, सेवारत अधिकारी और गणमान्य नागरिक भी व्याख्यान के दौरान उपस्थित थे। इस व्याख्यान का अगला संस्करण अप्रैल 2024 में होगा, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनाइक ने मुख्य भाषण देने केलिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

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