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Friday 16 June 2023 05:31:44 PM
बैंगलुरू। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 'रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता' पर रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में संसद के दोनों सदनों की समिति के सदस्यों को रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' अर्जित करने केलिए की गई रक्षा मंत्रालय की पहलों और उन निर्णयों के कारण अबतक हुई प्रगति के बारेमें अवगत कराया। यह बैठक बैंगलुरू में हुई, जिसमें रक्षामंत्री ने देश की सुरक्षा बढ़ाने और सशस्त्र बलों को लगातार विकसित होरहे वैश्विक परिदृश्य से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने केलिए प्रौद्योगिकीय से उन्नत बनाने केलिए सरकार के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि रक्षा मांग व आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य को प्राप्त करने केलिए कई निर्णय लिए गए हैं, इनमें पूंजीगत परिव्यय सहित रक्षा बजट में निरंतर वृद्धि, वित्तीय वर्ष 2023-24 में घरेलू उद्योग केलिए रक्षा पूंजी खरीद बजट के रिकॉर्ड 75 प्रतिशत का निर्धारण और सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना शामिल है। रक्षामंत्री ने कहाकि सरकार के निर्णयों का लाभ प्राप्त होना आरंभ हो गया है और आज देश स्वदेशी रूपसे पनडुब्बियों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और हथियारों का विनिर्माण कर रहा है। उन्होंने कहाकि निरंतर बढ़ रहा रक्षा उद्योग न केवल घरेलू आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि मित्र देशों की सुरक्षा आवश्यकताओं की भी पूर्ति कर रहा है। उन्होंने कहाकि पिछले वित्तीय वर्ष में हमारा रक्षा उत्पादन एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया और निर्यात 16000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, यह इस बात का प्रमाण हैकि रक्षा क्षेत्र और राष्ट्र सही मार्ग पर अग्रसर है।
रक्षामंत्री ने कहाकि विचारधारा चाहे जोभी हो, पूर्ण आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हमेशा सभी पक्षों से सर्वसम्मति रही है। उन्होंने कहाकि अगर हम भारत को आयातक देश के बजाय रक्षा निर्यातक बनाना चाहते हैं तो हमें हर स्थिति में 'नेशन फर्स्ट' के विचार केसाथ एकसाथ खड़ा होना चाहिए, तभी हम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता पर चर्चा के दौरान समिति के सदस्यों ने बहुमूल्य सुझाव दिए, जिनकी रक्षामंत्री ने सराहना की और कहाकि सुझावों को शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। बैठक में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, सचिव भूतपूर्व सैनिक कल्याण विजय कुमार सिंह और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत भी उपस्थित थे।