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'स्टार्टअप्स के लिए प्रबंधन रणनीतियां जरूरी'

'जम्मू-कश्मीर एग्री-टेक स्टार्टअप आंदोलन का मशाल वाहक है'

आईआईएम जम्मू के दीक्षांत में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 17 June 2023 11:46:39 AM

minister of state jitendra singh at the convocation of iim jammu

जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई और भी केंद्रीय विभागों में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू के भारतीय प्रबंधन संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि स्टार्टअप्स को बनाए रखने केलिए प्रबंधन रणनीतियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और बतायाकि अरोमा मिशन यानी लैवेंडर की खेती का जन्मस्थान होने के नाते जम्मू-कश्मीर को भारत में कृषि तकनीकी स्टार्टअप आंदोलन के मशाल वाहक के रूपमें माना जा रहा है। उन्होंने कहाकि आनेवाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन उत्तर में हिमालयी और दक्षिण में उन समुद्री संसाधनों से किया जाएगा, जिनका अभी तक दोहन नहीं हुआ है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह नवोन्मेषणों का युग है, विचारों का युग है। दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत सरकार विचारों एवं नवोन्मेषणों को बढ़ाने और बनाए रखने केलिए हर तरह की तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहाकि भारत एक लाख से अधिक स्टार्टअप्स और 100 से अधिक यूनिकॉर्न केसाथ विश्व में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की अगुवाई कर रहा है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र कियाकि वर्तमान में सरकारी रोज़गार की मानसिकता में तुरंत बदलाव की आवश्यकता है और माता-पिता इसमें प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि स्टार्टअप्स की सबसे अधिक निर्वहनीयता आईआईएम जम्मू जैसे संस्थानों से स्नातक करने वाले प्रबंधन विद्वानों केसाथ निहित है, जो भारत में स्टार्टअप क्रांति में योगदान दे सकते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत में शिक्षा की आधारशिला बताते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि ये छात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लाभार्थी हैं, जो स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करती है और इसे बहुत पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि पुरानी शिक्षा नीति ने देश में शिक्षित बेरोज़गार युवाओं का निर्माण किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनईपी-2020 अतीत की कई विसंगतियों को दूर कर रही है। उन्होंने कहाकि संवादहीनता की स्थिति (साइलो) में काम करने का युग समाप्त हो गया है और संस्थानों केबीच अधिक एकीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि 2023 के युवा इंडिया@ 2047 को परिभाषित करेंगे, जिनके पास चुनौतियां और अवसर दोनों ही उपलब्ध हैं और जो विश्व की सर्वश्रेष्ठ अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए इंडिया@ 2047 के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं।

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