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राष्ट्रपति का वायु सैनिकों को प्रेरक संबोधन

'सेना में व्यावसायिकता समर्पण एवं आत्म बलिदान की प्रतिष्ठा'

वायुसेना अकादमी डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड की समीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 17 June 2023 03:36:15 PM

president among air force

हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायुसेना अकादमी डुंडीगल तेलंगाना में आज भारतीय वायुसेना अधिकारी प्रशिक्षुओं की संयुक्त स्नातक परेड की समीक्षा की और वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में कमीशन प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं को बधाई भी दी। कैडेटों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि सेना का करियर चुनौतीपूर्ण, पुरस्कृत और अत्यधिक सम्मानजनक है और उन्हें उन लोगों की महान विरासत को आगे बढ़ाना है, जिन्होंने उनसे पहले भारतीय वायुसेना में रहकर देश और देशवासियों की सेवा की है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय वायुसेना का एक बहुत ही प्रेरक आदर्श वाक्य है 'शान से आसमान को छू लो', 'नभः स्पृषं दीप्तम'। उन्होंने कहाकि उन्हें खुशी हैकि भारतीय वायुसेना अब सभी भूमिकाओं और शाखाओं में महिला अधिकारियों को शामिल कर रही है, महिला लड़ाकू पायलटों की पर्याप्त संख्या है, जो बढ़ना तय है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास व्यक्त कियाकि कैडेट्स इस आदर्श वाक्य की भावना को आत्मसात करेंगे और राष्ट्र को उनसे जो उम्मीदें हैं, उनपर वे खरा उतरेंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि वर्ष 1948, 1965 और 1971 में शत्रुतापूर्ण पड़ोसी देशों केसाथ हुए युद्धों में भारतीय वायुसेना के वीर योद्धाओं की देश की रक्षा में निभाई गई महान भूमिका स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई है। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि वायुसैनिकों ने कारगिल संघर्ष में और बादमें बालाकोट में आतंकवादी ठिकाने को नष्ट करने के समान संकल्प और कौशल का प्रदर्शन किया, इस प्रकार भारतीय वायुसेना के पास व्यावसायिकता, समर्पण और आत्म बलिदान की एक प्रसिद्ध प्रतिष्ठा है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय वायुसेना मानवीय सहायता और आपदा राहत में भी योगदान देती है, हाल हीमें तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के दौरान मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद चिकित्सा सहायता और आपदा राहत प्रदान करने केलिए भारतीय वायुसेना हरकत में आई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उल्लेख कियाकि इससे पहले काबुल में फंसे भारतीयों और अन्य नागरिकों को एयरलिफ्ट करने का सफल निकासी अभियान, जिसमें शत्रुतापूर्ण वातावरण में उड़ान भरना और उतरना शामिल था, भारतीय वायुसेना की उच्च क्षमताओं का प्रमाण है। राष्ट्रपति ने कहाकि जमीन, समुद्र और हवा में रक्षा तैयारियों केलिए तीव्रगति से प्रौद्योगिकी को अपनाने की क्षमता आवश्यक होगी। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बलों के प्रत्येक अधिकारी को रक्षा तैयारियों के एकीकृत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखना होगा। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हुई हैकि वायुसेना समग्र सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए विशेष रूपसे भविष्य केलिए तैयार रहने केलिए कदम उठा रही है, जिसमें नेटवर्क केंद्रित भविष्य के युद्ध क्षेत्र में एक उच्च प्रौद्योगिकी युद्ध लड़ने की चुनौतियां भी शामिल हैं। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अधिकारी प्रशिक्षुओं को ट्रॉफी और पदक देकर सम्मानित भी किया।

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