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Friday 23 June 2023 05:05:08 PM
जम्मू। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 35ए और 370 के निरस्त होने केबाद जम्मू-कश्मीर उल्लेखनीय समृद्धि और विकास के एक नए रास्ते पर है, देश के इस क्षेत्र के राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने से निवेश, विकास और सुधार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। जगदीप धनखड़ ने कहाकि पहले की अपेक्षा यहां अब सौहार्दपूर्ण वातावरण व्याप्त है। जम्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने रेखांकित कियाकि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार कर दिया था, अनुच्छेद 35ए और 370 को अस्थायी प्रावधानों के रूपमें संविधान में रखा गया था, लेकिन ये 70 वर्ष तक चले। उन्होंने कहाकि व्यक्तिगत रूपसे बीस वर्ष से वे भी अनुच्छेद 35ए और 370 को निरस्त करने की वकालत कर रहा थे और हम खुश हैंकि अब यह नहीं है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि इसे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन और मिशन केलिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि कहा गया है, जिन्होंने एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण केलिए अपना जीवन लगा दिया। उपराष्ट्रपति ने श्रीनगर जेल में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मृत्यु को त्रासदी बताते हुए कहाकि देर से ही सही, हमने उनके सपने को साकार कर दिखाया है और भारतीयों को अब अपने देश के इस हिस्से में किसीभी प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ता है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने केबाद से हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि 890 केंद्रीय कानून लागू किए गए हैं, 200 से अधिक राज्य कानून निरस्त किए गए हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लाभ केलिए सैकड़ों कानूनों को संशोधित किया गया है। उन्होंने यहां बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार की भी प्रशंसा की।
भारत को लोकतंत्र की जननी और दुनिया का सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र बताते हुए जगदीप धनखड़ ने प्रत्येक भारतीय से भारत की उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने रेखांकित कियाकि दुनिया के हर हिस्से में आप भारतीय प्रतिभाओं को कॉर्पोरेट और संस्थानों का नेतृत्व करते हुए पाएंगे, जो भारत को गौरवांवित कर रहे हैं और अन्य देश हमारी प्रतिभा का सम्मान कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह विडंबना हैकि भारत को नीचा दिखाने केलिए सुनियोजित तरीके से झूंठी कहानियां फैलाई जा रही हैं, हममें से कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। इस बात पर जोर देते हुएकि यदि बहुमत चुप रहने का फैसला करता है तो यह हमेशा केलिए चुप्पी बन जाएगी, उपराष्ट्रपति ने सभी से अपील कीकि वे हमारी विकास गाथा को कम करने के खतरनाक मंसूबों को हल्के में न लें। उन्होंने खुशी व्यक्त कीकि देश में भ्रष्टाचारियों केलिए भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं, भ्रष्टाचार केप्रति जीरो टॉलरेंस है, संदेश अब जोरदार और स्पष्ट है, आप किसीभी पहचान या किसीभी वंश के हो सकते हैं, आप कानून केप्रति जवाबदेह हैं।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों को सलाह दीकि वे कभीभी तनाव में न रहें और विफलता से कभी न डरें। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने केलिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ सुदेश धनखड़, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर और जम्मू विश्वविद्यालय के चांसलर मनोज सिन्हा, लेफ्टिनेंट गवर्नर के सलाहकार राजीव राय भटनागर, जम्मू विश्वविद्यालय के चांसलर आलोक कुमार, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जम्मू-कश्मीर प्रोफेसर उमेश राय, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपतिप्रोफेसर दिनेश सिंह, उपाध्यक्ष, अध्यक्ष उच्च शिक्षा परिषद जम्मू-कश्मीर सरकार, संकाय सदस्य, छात्र और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।