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Tuesday 27 June 2023 01:34:07 PM
जम्मू। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में 'राष्ट्रीय सुरक्षा कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए कहा हैकि राष्ट्रीय सुरक्षा नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह देश की संप्रभुता, एकता एवं अखंडता की रक्षा केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि भारत ने बीते नौ वर्ष में अपने सुरक्षा परिदृश्य में आमूलचूल बदलाव देखा है। उन्होंने बतायाकि 2013-14 में भारत की छवि एक निर्बल राष्ट्र की थी, जिसके कारण विभिन्न समस्याएं पैदा हुईं, लेकिन आज देश हर खतरे से निपटने की क्षमता रखता है। राष्ट्रीय सुरक्षा की रूपरेखा के बारेमें विस्तार से बताते हुए रक्षामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार चार निदेशक सिद्धांतों-देश को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खतरों से निपटने में सक्षम बनाने, राष्ट्रीय हितों की रक्षा केलिए हर कदम उठाने, प्रगति को सबतक पहुंचाना, लोगों के जीवन में सुधार लाने एवं उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति करने और आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने केलिए मित्र देशों केसाथ एक वातावरण बनाने केलिए देश के भीतर सुरक्षित स्थितियों का सृजन करने पर काम कर रही है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि सेना को नवीनतम हथियारों और आधुनिक प्रौद्योगिकी से सुसज्जित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है और राष्ट्र को आश्वस्त कियाकि हमारे सशस्त्र बल सीमाओं और समुद्र की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहाकि हमारा लक्ष्य अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक सेनाओं की अग्रिम पंक्ति में लाना है। रक्षामंत्री ने कहाकि लंबे समय से पाकिस्तान ने सीमापार आतंकवाद के माध्यम से देश में शांति और सद्भाव को अस्थिर करने की कोशिश की, जब हम सत्ता में आए तो हमने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई शुरु की, हमने विश्व को 'आतंकवाद केप्रति जीरो टॉलरेंस' का अर्थ प्रदर्शित किया। उन्होंने कहाकि उरी और पुलवामा की घटनाओं के बाद आतंकवादियों को खत्म करने केलिए उठाए गए साहसिक और अपनी तरह के पहले कदम भारत की 'आतंकवाद केप्रति जीरो टॉलरेंस' की नीति और सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता का प्रमाण हैं, आज विश्व के अधिकांश देश भारत केसाथ आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन केसाथ बैठक केबाद जारी संयुक्त बयान इस बात का संकेत हैकि भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर विश्व की मानसिकता को कैसे बदल दिया है। राजनाथ सिंह ने कहाकि बीते कुछ वर्ष में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का नेटवर्क बहुत कमजोर हुआ है, क्योंकि सख्त और लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहाकि आतंकवाद के वित्त पोषण पर अंकुश लगा दिया गया है, आतंकवादियों को हथियारों और नशीली दवाओं की आपूर्ति रोक दी गई है, उनके खात्मे के साथ-साथ आतंकवादियों के अंडरग्राउंड नेटवर्क को भी ध्वस्त करने का काम किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर रक्षामंत्री ने कहाकि इस फैसले ने केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को देश की मुख्यधारा से जोड़ा है और उन्हें शांति एवं प्रगति के एक नए युग में सूत्रपात करने में सहायता की है। पीओके पर राजनाथ सिंह ने कहाकि पाकिस्तान का वहां कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि उसने इस क्षेत्र पर अवैध रूपसे कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहाकि भारतीय संसद ने सर्वसम्मति से कम से कम तीन प्रस्ताव पारित किए हैं, जिनमें कहा गया हैकि पीओके भारत का हिस्सा है।
रक्षामंत्री ने चीन केसाथ सीमा की स्थिति को अवधारणा में अंतर का मामला बताया। उन्होंने कहाकि लेकिन ऐसे समझौते और प्रोटोकॉल हैं, जिनके आधार पर दोनों देशों की सेनाएं गश्त करती हैं। वर्ष 2020 में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि चीनी सेना ने सहमति प्राप्त प्रोटोकॉल की अनदेखी की और एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश की। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी और समर्पण की सराहना की जिसने यथास्थिति को बदलने के पीएलए के प्रयासों को रोक दिया। राजनाथ सिंह ने संवाद के माध्यम से और शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे को हल करने केलिए सरकार के रुख को दोहराया। उन्होंने कहाकि विवाद को सुलझाने केलिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। उन्होंने देश को आश्वासन दियाकि सरकार भारत की सीमा, उसके सम्मान और स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करेगी, हम कभीभी अपनी सीमाओं की पवित्रता का उल्लंघन नहीं होने देंगे। रक्षामंत्री ने सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और रक्षा में 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने सहित राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने केलिए मोदी सरकार के कदमों का उल्लेख किया।
राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने केलिए उठाए गए कई कदमों को सूचीबद्ध किया, जिनमें सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना और वित्तीय वर्ष 2023-24 में घरेलू उद्योग केलिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 प्रतिशत निर्धारित करना शामिल है। उन्होंने कहाकि भारत आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहता और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा तभी मजबूत होगी, जब हम रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनेंगे, हमारा उद्देश्य 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' है और इस दिशा में हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं। उन्होंने कहाकि आज हम टैंक, विमानवाहक पोत, पनडुब्बियां और विभिन्न प्रकार के हथियारों का विनिर्माण कर रहे हैं, रक्षा निर्यात 16000 करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो 2014 से पहले महज 900 करोड़ रुपये था, यह निर्यात शीघ्र ही 20000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू जाएगा। राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग की स्थापना सहित सरकार के संरचनात्मक सुधारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है और थिएटर कमान स्थापित करने केलिए काम किया जा रहा है, जो एक और क्रांतिकारी सुधार होगा।
रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत की सकारात्मक एवं आशाजनक छवि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता के कारण ही आज विश्व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत को उत्सुकता से सुनता है। राजनाथ सिंह ने इस वैश्वीकृत दुनिया में भारत के सुरक्षा हितों की रक्षा केलिए अमेरिका और रूस जैसी प्रमुख विश्व शक्तियों केसाथ समन्वय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि भारत और अमेरिका को स्वाभाविक सहयोगी के रूपमें देखा जा रहा है और उनकी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा रहा है। रक्षामंत्री ने कहाकि सेना के सेना से जुड़ाव, सूचना साझाकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर, अंतरिक्ष और पारस्परिक लॉजिस्टिक सहायता के क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार केसाथ भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग तेजीसे बढ़ा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की हाल की अमेरिका यात्रा को एक ऐतिहासिक घटना करार दिया, जिससे नए युग में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का सूत्रपात हुआ।
राजनाथ सिंह ने वैश्विक खतरों और चुनौतियों से निपटने केलिए समेकित और एकजुट प्रतिक्रिया की अपील की। उन्होंने कहाकि भारत एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति है, इसलिए हमारे लिए अपने विस्तारित पड़ोस में अन्य देशों केसाथ अपनी सुरक्षा चिंताओं को संयोजित करना महत्वपूर्ण है। राजनाथ सिंह ने भारत में एफ-414 फाइटर जेट इंजन के सह-उत्पादन केलिए जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड समझौते का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि इस सौदे केसाथ हम जेट इंजन का विनिर्माण करने वाला चौथा देश बन जाएगा, तेजस विमान में ये मेड इन इंडिया इंजन लगे होंगे। इस अवसर पर अमेरिका से एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद की कीमत और अन्य शर्तों पर अटकल रिपोर्टों को खारिज करते हुए रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा मंत्रालय ड्रोन की खरीद लागत की तुलना अन्य देशों को दी जाने वाली जनरल एटॉमिक्स की सर्वोत्तम कीमत से करेगा। उन्होंने कहाकि स्थापित खरीद प्रक्रिया का पालन करते हुए ही अधिग्रहण किया जाएगा।