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Thursday 29 June 2023 02:14:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड के 42वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मेडिकल छात्रों केलिए प्रारंभ नई पहलों एवं पाठ्यक्रमों केलिए एनबीईएमएस संस्थान और गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा हैकि दो वर्ष के भीतर 25 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहाकि ये प्रयास मेडिकल छात्रों केलिए अधिक अवसर प्रदान करेंगे, जो एक स्वस्थ समाज और स्वस्थ राष्ट्र केलिए राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए सेवा करते हैं और मेडिकल छात्रों से आनेवाले वर्ष में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने केलिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि भारत सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों में सक्षम है एवं चिकित्सा क्षेत्र देश के विकास में सर्वोपरि भूमिका निभाता है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने इस दौरान नई चिकित्सा शिक्षा पहलों का भी शुभारंभ किया, इनमें-मेडिसन में 11 नए एनबीईएमएस फैलोशिप पाठ्यक्रम, इमरजेंसी मेडिसन में एनबीईएमएस डिप्लोमा, एनबीईएमएस परीक्षा कमांड सेंटर, कंप्यूटर आधारित टेस्ट केलिए एनबीईएमएस केंद्र, एनबीईएमएस गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस दिशानिर्देश (दूसरा संस्करण), संयुक्त प्रत्यायन कार्यक्रम और स्टैंड-अलोन (स्वचालित) प्रयोगशालाओं और नैदानिक केंद्रों की मान्यता, एनबीईएमएस कौशल और वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम, एनबीईएमएस शिक्षकों केलिए फैकल्टी टाइटिल का शुभारंभ और एनबीईएमएस मेडिकल लाइब्रेरी प्रमुख हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सम्मानित किया, इनमें-नारी शक्ति पुरस्कार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय उत्कृष्टता पुरस्कार, कार्यकारी निदेशक सर्टिफिकेट ऑफ अप्रीशिएशन अवार्ड, राष्ट्रपति एनबीईएमएस उत्कृष्टता पुरस्कार और डॉ वीके पॉल को उत्कृष्टता के राष्ट्रपति एनबीईएमएस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने स्वास्थ्य कर्मियों विशेषकर हमेशा संकट का सामना करने वाले पैरा मेडिकल स्टाफ की बहादुरी केलिए उनकी सराहना करते हुए कहाकि उनके योगदान ने चिकित्सा क्षेत्र में एक पावर हाउस के रूपमें भारत की धारणा को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाई है और निभा रहे हैं। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम और एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की प्रशंसा करते हुए कहाकि यह हमें न केवल एक स्वस्थ भारत केलिए, बल्कि एक स्वस्थ विश्व केलिए प्रयास करने केलिए प्रेरित करता है। स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहाकि भारतीय डॉक्टरों की शक्ति और मूल्य ऐसा हैकि विश्व के हर भाग में एक भारतीय डॉक्टर जरूर स्वास्थ्य सेवा में मिलेगा। स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने एबीएचए कार्ड को स्वतंत्रता केबाद भारत के सबसे बड़े विकास में से एक बताया, जो स्वास्थ्य सेवाओं को दूरवर्ती क्षेत्रों तक पहुंचने और वंचित समुदाय को लाभांवित करने में सक्षम बनाता है।
एसपी सिंह बघेल ने कहाकि भारत की चिकित्सा शिक्षा अपने स्वर्ण युग में है। उन्होंने टॉपर्स से आग्रह कियाकि वे अपने अनुभवों और प्रेरणाओं को छोटे शहरों, गांवों के कॉलेजों और स्कूलों केसाथ साझा करें, ताकि उन्हें भी प्रेरित किया जा सके। डॉ वीके पॉल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीते आठ वर्ष के परिवर्तन पर प्रकाश डाला और चिकित्सा शिक्षा तथा संबंधित संस्थानों की वृद्धि और विकास की प्रशंसा की। उन्होंने इस क्षेत्र की सफलता को गिनाते हुए कहाकि प्रारंभ पहलों के कारण यह चिकित्सा शिक्षा केलिए एक परिवर्तनकारी समय है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड में स्नातकोत्तर सीटें तीन गुना बढ़कर 4000 सीटों से 13000 से अधिक हो गई हैं। नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल ने एक नए नियामक के रूपमें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को जोड़ने एवं नीट प्रारंभ करने हवाला दिया।
नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल ने कहाकि इनमें योग्यता आधारित पाठ्यक्रम केसाथ जिला रीजेंसी कार्यक्रम भी शामिल हैं, जो सभी द्वितीय वर्ष के स्नातकोत्तर छात्रों को 3 महीने केलिए जिला अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने केलिए अनिवार्य बनाता है, ताकि वे वंचितों की सेवा कर सकें। वीके पॉल ने देश में चिकित्सा क्षेत्र के विकास को रेखांकित करते हुए कहाकि मेडिकल कॉलेज 387 से बढ़कर 704 हो गए हैं, इस वर्ष 52 नए कॉलेज जोड़े गए हैं, जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड है और मेडिकल छात्रों केलिए सीटें भी स्नातक केलिए 52000 से बढ़कर 107,000 और स्नातकोत्तर केलिए 32000 से 67000 हो गई हैं। डॉ वीके पॉल ने कहाकि यह स्वर्ण युग है और इस क्षेत्र में नए डॉक्टरों और विशेषज्ञों को इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना चाहिए। ज्ञातव्य हैकि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है, इसे अखिल भारतीय आधार पर आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में परीक्षा कराने का कार्य सौंपा गया है।
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज 4 दशक से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है और गुणवत्ता वाले स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टरल प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए विभिन्न अस्पतालों की अवसंरचना का उपयोग किया है। एनबीईएमएस प्रत्येक वर्ष नीट-पीजी, एनईईटी-एसएस और एनईईटी-एमडीएस परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रहा है। एनबीईएमएस ने विभिन्न विशिष्टताओं में 12000 से अधिक पीजी सीटों के साथ 1100 से अधिक अस्पतालों को मान्यता दी है। एनबीईएमएस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी, एनबीईएमएस के अध्यक्ष अभिजात सेठ, एनबीईएमएस की मानद कार्यकारी निदेशक डॉ मीनू बाजपेयी, एनबीईएमएस गवर्निंग बॉडी के सदस्य भी उपस्थित थे।