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Saturday 1 July 2023 04:26:20 PM
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने उभरते युद्ध परिदृश्य में सैन्य क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। वह नए डीआरडीओ भवन में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज के संयुक्त रूपसे 'टेक्नोलॉजी इनेबल्ड सेंसर-डिसीजन-शूटर सुपीरियॉरिटी' विषय पर सेमिनार और प्रदर्शनी में अतिथि थे। सीडीएस ने नवीनतम संचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों के एकीकरण सहित कई सेंसर, शूटर क्षमताओं में तालमेल एवं पारदर्शिता हासिल करने में सशस्त्रबलों की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। जनरल अनिल चौहान ने कहाकि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों केसाथ युद्ध की गति को संभव बनाने केलिए ऑब्जर्व, ओरिएंट, डिसाइड, एक्ट चक्र को उच्चगति का होना चाहिए।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहाकि क्षमता विकास एक वैज्ञानिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि थिएटराइजेशन केसाथ पारस्परिकता और एकीकरण कई गुना बढ़ जाएगा। सीडीएस ने कहाकि अंतरिक्ष, साइबर और ईडब्ल्यू प्रौद्योगिकियों की आधारभूत समझ सभी युद्ध सेनानियों केलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने भविष्य के युद्ध क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने केलिए विचार मंथन करने और एक-दूसरे की आवश्यकताओं की आपसी समझ की खातिर सेवाओं, वैज्ञानिकों, उद्योग और शिक्षाविदों को एकसाथ लाने केलिए डीआरडीओ और सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज के प्रयासों की सराहना की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत भी समारोह में शामिल थे। डॉ समीर वी कामत ने कहाकि सेंसर के प्रसार केसाथ नेटवर्क सेंट्रिक वारफेयर भविष्य के युद्धक्षेत्र परिदृश्य में एक वास्तविकता है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने कहाकि ऐसे नेटवर्क की सुरक्षा सर्वोपरि है और समय पर सुरक्षित जानकारी प्रसारित करना एक आवश्यकता है। उन्होंने एआई संचालित स्वायत्तता की महत्ता को भी रेखांकित किया। सेमिनार में रणनीतिक और मल्टी डोमेन अवेरनेस पर विभिन्न विषयवस्तु विशेषज्ञों का सूचना साझा करना, नेटवर्क और संचार, विश्लेषण, खुफिया एवं निर्णय लेना, त्वरित और मल्टी-डोमेन टारगेटिंग पर चर्चा की गई। सेमिनार ने सैन्य विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और प्रबुद्धजनों को विचार मंथन करने और हितधारकों केलिए विभिन्न कार्रवाई योग्य बिंदु उपलब्ध करने का अवसर प्रदान किया। सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव, तीनों सेनाओं के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, डीआरडीओ वैज्ञानिक और उद्योग प्रतिनिधि भी सेमिनार में शामिल हुए।