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Tuesday 4 July 2023 12:03:54 PM
मुद्देनहल्ली (कर्नाटक)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कर्नाटक के मुद्देनाहल्ली में श्री सत्य साई मानव उत्कृष्टता विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में गुरु पूर्णिमा पर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं और समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि गुरु पूर्णिमा का यह पवित्र दिन हमारे शिक्षकों और आध्यात्मिक मार्गदर्शकों केप्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने केलिए समर्पित है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारे गुरुजन हमारे जीवन निर्माता हैं, विद्यालयों में शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों में भी गुरु का अंश विद्यमान होता है। उन्होंने कहाकि मैं चाहूंगीकि आपसभी विद्यार्थी अपने अभिभावकों, शिक्षकों और जीवन में मार्गदर्शन देनेवालों केप्रति कृतज्ञता का भाव आजीवन बनाए रखें। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हुई हैकि श्री सत्य साई मानव उत्कृष्टता विश्वविद्यालय सभी छात्रों को नि:शुल्क उच्चशिक्षा उपलब्ध करा रहा है और नि:शुल्क छात्रावास सुविधाएं उपलब्ध कराने के जरिये आर्थिक रूपसे निर्बल वर्ग के छात्रों को उच्चतर शिक्षा प्रदान करने में मदद कर रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि किसीभी समाज एवं देश की प्रगति केलिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मूलभूत आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि प्रत्येक नागरिक को किफायती और भरोसेमंद स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहाकि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा स्कीम कई निर्धन परिवारों को लाभ पहुंचा रही है, श्री सत्य साई मानव उत्कृष्टता विश्वविद्यालय ने नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने केलिए नई दिल्ली के एम्स तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहयोग से श्री मधुसूदन साई चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जतायाकि इस पहल से स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्रों में और अधिक विकास होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रतिस्पर्धा के इस युग में शैक्षणिक उत्कृष्टता अर्जित करने के बढ़ते दबाव के कारण छात्रों केबीच तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छात्रों को कहाकि परीक्षाओं में सफलता ही उनकी क्षमताओं का एकमात्र पैमाना नहीं है, उनका व्यक्तित्व, आचरण और चरित्र उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। द्रौपदी मुर्मु ने माता-पिता एवं शैक्षणिक संस्थानों से भी आग्रह कियाकि वे छात्रों को एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करें और उन्हें अपनी इच्छा के अनुरूप कैरियर का चुनाव करने और उसे बढ़ावा देने में सहायता करें। इस तथ्य की ओर इंगित करते हुएकि इस विश्वविद्यालय के लगभग 66 प्रतिशत विद्यार्थी लड़कियां हैं और यहां स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 17 विद्यार्थियों में से 11 यानी लगभग 65 प्रतिशत लड़कियां हैं, राष्ट्रपति ने कहाकि आज हमारी बेटियां जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक रूपसे योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहाकि ये हमारे देश में हो रहे बदलावों की एक झलक है। उन्होंने विश्वास जतायाकि परंपराओं के मजबूत आधार पर आधुनिक मूल्यों को अपनाकर महिलाएं देश के विकास में महत्ती भूमिका अदा कर रही हैं एवं और भी ज्यादा मजबूती के साथ कर सकती हैं।