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Wednesday 5 July 2023 04:49:49 PM
गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज देश की राष्ट्रपति बनने केबाद महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर जिला गढ़चिरौली पहुंचीं, जहां गोंडवाना विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि महाराष्ट्र की इस यात्रा का उनका पहला कार्यक्रम युवा पीढ़ी से जुड़ा यह दीक्षांत समारोह है। राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में उपाधि प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को बधाई दी और खुशी जताईकि डिग्री प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों में 45 प्रतिशत छात्राएं हैं और 61 प्रतिशत से अधिक स्वर्ण पदक छात्राओं ने जीते हैं। उन्होंने कहाकि ये छात्राएं विशेष बधाई की हकदार हैं, क्योंकि इनसे प्रेरणा लेकर अन्य छात्राएं भी आगे बढ़ेंगी एवं महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व में होनेवाले विकास की दिशा में हमारी बेटियों की ये उपलब्धियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहाकि दीक्षांत समारोह का दिन केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी प्राध्यापकों और उनके माता-पिता केलिए भी बहुत महत्वपूर्ण एवं हर्ष और उल्लास का दिन है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आपके माता-पिता और अभिभावकों ने जीवन के हर मोड़ पर आपका साथ दिया है और आपकी सफलता में निर्णायक भूमिका निभाई है। उन्होंने गोंडवाना विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और यहां की पूरी टीम को भी बधाई दी, जिनकी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आज मेधावी विद्यार्थी अपने लक्ष्य को हासिल कर पाए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहाकि आज उन्हें विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और उन सभी लोगों केप्रति आभार व्यक्त करना चाहिए, जिन्होंने उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में उनकी बढ़चढ़कर मदद की है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि गोंडवाना विश्वविद्यालय ने समावेशी, कम खर्चीली और उपयोगी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सराहनीय प्रयास किए हैं, विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों और शिक्षकों केसाथ स्थानीय समुदायों को भी जोड़ा है, ज्ञान-विज्ञान, जीवन केप्रति तर्क संगत दृष्टिकोण, व्यावसायिक कौशल और नैतिक मूल्यों के आधार पर विद्यार्थियों को समग्र रूपसे सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि ऐसी शिक्षा के बल पर यहां के विद्यार्थी इस क्षेत्र और देश के सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने केलिए तैयार हो रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहाकि गोंडवाना विश्वविद्यालय की गतिविधियां समतामूलक शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने, बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्थायी आजीविका केलिए शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करने पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहाकि यह प्रसन्नता की बात हैकि गोंडवाना विश्वविद्यालय इस क्षेत्र की वन संपदा, खनिज संसाधनों, जनजातीय समुदायों की कला और स्थानीय संस्कृति के समुचित संरक्षण तथा विकास केलिए कार्यरत है। उन्होंने कहाकि किसीभी समाज के विकास केलिए विशेषकर जनजातीय समाज और वंचित वर्ग की स्थिति को बदलने केलिए शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह विश्वविद्यालय इस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में उन्हें सक्षम बनाने केलिए उनकी शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास कर रहा है, इसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के विद्यार्थी भी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और आज लगभग 3200 जनजातीय समाज के विद्यार्थियों को भी उपाधियां प्रदान की गई हैं।
द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय समुदाय और पिछड़े वर्ग के युवाओं केलिए शिक्षा के माध्यम से नए अवसर प्रदान करने केलिए विश्वविद्यालय की सराहना की। राष्ट्रपति को बताया गयाकि प्रायोगिक ज्ञान को बढ़ावा देने केलिए गोंडवाना विश्वविद्यालय ने टैली, बांस शिल्प और वन प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, विश्वविद्यालय में जनजातीय अनुसंधान केंद्र भी कार्यरत है, जहां स्थानीय दृष्टि से उपयोगी विषयों पर अनुसंधान किया जाता है। उन्होंने कहाकि समय-समय पर वह जनजातीय समाज के लोगों से मिलती हैं, उनकी बातें सुनती हैं तो पता चलता हैकि वे लोग भी आगे बढ़ना चाहते हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि ग्रामसभा के सदस्यों केलिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम, जनजातीय समुदायों को समर्थ बनाने केलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा दरवाजे पर विश्वविद्यालय जैसे नए एवं समावेशी प्रयास विश्वविद्यालय कर रहा है, विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर ने अनेक स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान की है।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहाकि जीवन में कुछ बनने और अपने सपनों को पूरा करने केसाथ-साथ आपसब इस विश्वविद्यालय और अपने क्षेत्र से जुड़ाव बनाए रखिएगा, समाज और देश के समावेशी विकास में आपसब युवाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहाकि आज आप सभीके चेहरों पर ख़ुशी और आंखों में नई उड़ान के सपने होना स्वाभाविक है, यह खुशी, ये सपने और खुदपर भरोसा आपको जीवन में आगे बढ़ने केलिए प्रोत्साहित करते रहेंगे, अपनी प्रतिभा और कौशल का भरपूर उपयोग करके आप सबको सफलता के नए अध्याय लिखने हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि रास्ते में कठिनाइयां तो जरूर आएंगी, लेकिन आपको डटकर उनका सामना करना है, चुनौतियों का सामना करके आप अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि वे सभी जीवन में आगे बढ़ते हुए देश-विदेश में अपनी पहचान बनाएंगे और गोंडवाना विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगे।