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Friday 7 July 2023 02:41:39 PM
ज़ांज़ीबार/ नई दिल्ली। तंजानिया के ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास परिसर की परिकल्पना उभरती वैश्विक आवश्यकताओं, दक्षताओं को विकसित करने, राष्ट्रों केबीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार का समर्थन करने के व्यापक मिशन केसाथ एक विश्वस्तरीय उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के रूपमें गई है और यह भारतीय उच्च शिक्षा एवं नवाचार के आकांक्षी गुणों केलिए विश्व केलिए एक उदाहरण के रूपमें काम करेगा। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और ज़ांज़ीबार के राष्ट्रपति डॉ हुसैन अली म्विनी की उपस्थिति में शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और ज़ांज़ीबार-तंजानिया शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय केबीच ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास के परिसर की स्थापना केलिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने इस अवसर पर कहाकि भारत के बाहर स्थापित होनेवाला यह पहला आईआईटी परिसर है, यह भारत-तंजानिया केबीच पुरानी मित्रता को दर्शाता है एवं अफ्रीका और ग्लोबल साउथ में लोगों केबीच संबंध स्थापित करने पर भारत के फोकस की याद दिलाता है। देश के शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समझौता ज्ञापन के बारेमें कहाकि ज़ांज़ीबार में आईआईटी मद्रास का कैंपस की स्थापना केलिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की ऐतिहासिक शुरुआत है। शिक्षामंत्री ने कहाकि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत बनाने केसाथ अफ्रीका केसाथ लोगों केबीच सुदृढ संबंध बनाने की प्रतिबद्धता का मूर्तरूप है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज्ञान को द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख घटक बनाने केसाथ वैश्विक हित को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और ज़ांज़ीबार-तंजानिया के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से तंजानिया में भारत के उच्चायुक्त बिनय श्रीकांत प्रधान, आईआईटी मद्रास के डीन (ग्लोबल एंगेजमेंट) प्रोफेसर रघुनाथन रंगास्वामी और ज़ांज़ीबार के शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय के कार्यवाहक प्रधान सचिव खालिद मसूद वजीर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 अंतर्राष्ट्रीयकरण पर फोकस करती है और यह सिफारिश करती हैकि उच्च प्रदर्शन करनेवाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने केलिए प्रोत्साहित किया जाए। तंजानिया-भारत केबीच रणनीतिक साझेदारी को स्वीकार करते हुए समझौते पर हस्ताक्षर करके शैक्षिक साझेदारी के संबंधों को औपचारिक रूप दिया गया है, जो ज़ांज़ीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास के प्रस्तावित कैंपस की स्थापना का विवरण देने केलिए रूपरेखा प्रदान करता है, इसमें अक्टूबर 2023 में कार्यक्रम प्रारंभ करने की योजना है।
आईआईटी मद्रास की विद्यार्थी और फैकल्टी की विविधता के कारण शिक्षा और अनुसंधान गुणवत्ता और बढ़ेगी। यह विश्वभर में अन्य शीर्ष रैंक वाले शैक्षणिक संस्थानों केसाथ अनुसंधान सहयोग को गहरा करने केलिए काम करेगा। यह साझेदारी आईआईटीएम की शीर्ष रैंक वाली शैक्षिक विशेषज्ञता को अफ्रीका में एक प्रमुख गंतव्य पर लाएगी और इस क्षेत्र की अनिवार्य वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करेगी। शैक्षणिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, विद्यार्थी चयन पहलू और शैक्षणिक विवरण का काम आईआईटी मद्रास करेगा, जबकि पूंजी और परिचालन व्यय ज़ांज़ीबार-तंजानिया सरकार करेगी। परिसर में दाखिला लेने वाले छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री प्रदान की जाएगी। अत्याधुनिक अंतःविषयी डिग्री से एक विविध समूह को आकर्षित करने की आशा है और इसमें तंजानिया एवं अन्य देशों के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। भारतीय विद्यार्थी भी इन कार्यक्रमों केलिए आवेदन करने के पात्र हैं। आईआईटी परिसर की स्थापना से विश्वस्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और इसके राजनयिक संबंधों में वृद्धि होगी और आईआईटी मद्रास की अंतर्राष्ट्रीय पहचान का विस्तार होगा।